गरीबों और मोहताजों की मदद सबसे बड़ी नेकी : डॉ. सिद्दीकी

बैतुलमाल कमेटी ने जरूरतमंदों को हाथ ठेला और सिलाई मशीन के अलावा दीगर अश्या मुहैय्या कराई


भिलाई। इस्पात नगरी में तीन दशक से गरीबों व मोहताजों की इमदाद में पेश-पेश रहने वाली बैतुलमाल कमेटी का 28 वां सालाना जलसा और ईद मिलन तकरीब मुस्लिम कम्युनिटी हॉल सेक्टर-6 में मुनाकिद किया गया। इस दौरान जरूरतमंदों को रोजगार मुहैय्या कराने की गरज से ठेला व सिलाई मशीन तकसीम की गई। मेहमाने खुसूसी सीनियर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आरए सिद्दीकी थे। सदारत सीनियर कांग्रेसी मोहम्मद इरफान खान ने की। तकरीब में बीएसपी के रिटायर निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं डॉ एसएम इकबाल, जीएम नदीम खान, भिलाई नगर  मस्जिद ट्रस्ट के सदर जमील अहमद व जाहिद अली खुसूसी तौर पर मौजूद थे। 
जलसे की शुरूआत कुरान शरीफ की तिलावत से हाफिज मौलाना मंजूर अहमद जामा मस्जिद सेक्टर-6 ने की। बैतुलमाल के मौजूदा सदर हमीदुल्लाह सिद्दीकी ने इस्तकबालिया खिताब में कमेटी की की जानिब से अब तक की गई पहल का जिक्र किया। सीनियर अराकीन अब्दुल जाकिर खान ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि इस साल 10 हाथ ठेले, 15 सिलाई मशीन और आला तालीम के लिए गरीब बच्चों की फीस के लिए रकम दी गई है। यह रकम इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक, आईटीआई, स्कूलों व मदरसों के गरीब बच्चों को दी गई। 


मेहमाने खुसूसी डॉक्टर सिद्दीकी ने तकरीब से खिताब करते हुÞए कहा कि मौजूदा कमेटी के काम की जितनी सराहना की जाए कम है। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब व मोहताज लोगों को सही वक्त पर इमदाद करना और इनकी खिदमत करना बड़ी नेकी का काम है। उन्होंने कमेटी के 28 साल पूरे होने की खुशी में टीम को मुबारकबाद दी और कमेटी की तारीफ करते हुए उनका हौसला बढ़ाया। जलसे की सदारत कर रहे सीनियर कांग्रेसी नेता मोहम्मद इरफान खान ने कहा कि बैतुलमाल जैसी कमेटियां समाज में बहुत कम नजर आती है। लंबे वक्त से लगातार अपना काम करने वाली इस कमेटी की जितनी तारीफ की जाए कम है। जमील अहमद, हाफिज इकबाल और अंजुम हैदर ने भी तकरीब से खिताब किया। 
तकरीब की कार्रवाई अब्दुल जाकिर खान ने चलाई और सचिव अरमान बेग ने शुक्रिया अदा किया। जलसे को कामयाब बनाने में सदर हाजी हमीदुल्लाह सिद्दीकी, अब्दुल हफीज, आबिद अली, हाजी शाहिद खान, सय्यद आतिफ अली, इफ्तेखार खान, अलीम सिद्दीकी, आसिम बेग, सय्यद हुसैन बाबा, मुमताज अली, हाजी महमूद, हाजी जावेद, हाजी फजल हक, अशरफ उल्लाह, मुहम्मद शकील, इलियास खान, इमरान बेग, अवध अहमद, जाहिद इमरान, जुल्कर नैन, मुहम्मद मेराज, रहीम खान, छोटू खान, सैय्यद साजिद, मुहम्मद गोरी, तनवीर अहमद और हाजी सैय्यद कादिर अली सहित दीगर लोगों की भागीदारी रही।

28 साल में तालीम, रोजगार और घर बसाने की मदद

इस दौरान अब्दुल जाकिर खान ने बताया कि 28 साल में मौजूदा कमेटी ने गरीब बच्चियों की शादी में भी मदद की है। रमजान के महीने में गरीबों को राशन किट तकसीम किया जा रहा है। गरीब बच्चों की तालीम के लिए पूरा खर्च भी उठा रहे हैं। जिसमें इंजीनियरिंग, डिप्लोमा, आईटीआई, फामेर्सी, बीएड व नर्सिंग कोर्स शामिल है। कमेटी की जानिब से अब तक 28 इंजीनियर, 16 डिप्लोमा, 36 आईटीआई, 3 फामेर्सी, 15 बीएड, 2 नर्सिंग के अलावा क्लास-1 से स्नातकोत्तर तक तकरीबन 400 बच्चों की फीस दी जा चुकी हैं। साथ ही दीनी तालीम को फरोग देने अब तक 11 बच्चियों को आलिमा का कोर्स करवाया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी इस सेशन की फीस के लिए 31 जुलाई 2022 तक दरख्वास्त मंगाए गए हैं। जरूरतमंद बच्चे 31 जुलाई तक दरख्वास्त दे सकते हंै।


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