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शिकायतकर्ता की अनुपस्थिति पर प्रकरण अदम पैरवी में खारिज नहीं किया जाएगा


अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद द्वारा उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पर स्टडी सर्कल आयोजित

दुर्ग। अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद की जिला कार्यकारिणी द्वारा जिला न्यायालय स्थित सभागार में स्टडी सर्कल कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और उससे जुड़े विभिन्न नियमों और उप नियमों को लेकर अधिवक्ताओं का प्रबोधन हुआ। 

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जिला उपभोक्ता आयोग के पूर्व सदस्य राजेन्द्र पाध्ये थे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों को विस्तार से बताया। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता द्वारा परिवाद पेश करने से पहले ध्यान रखने योग्य बिंदुओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत परिवाद पेश करने की समय सीमा, उपभोक्ता विवाद की पहचान, उपभोक्ता की परिभाषा, व्यक्तिगत सेवा संविदा, वाणिज्यिक प्रयोजन, उत्पाद दायित्व, ई-कॉमर्स, मध्यक्ता, उपभोक्ता मामलों की सुनवाई के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रिया, लिखित कथन प्रस्तुत किए जाने की समय सीमा, भ्रामक और झूठे दावों वाले विज्ञापन पर की जाने वाली कार्यवाही जैसे बिंदुओं पर रोशनी डाली। 



उन्होंने यह भी बताया कि पुराने अधिनियम में उपभोक्ता या उसके अधिवक्ता की अनुपस्थिति के चलते प्रकरण अदम पैरवी में खारिज होने की संभावना रहती थी, लेकिन नए अधिनियम में यदि प्रकरण में शिकायतकर्ता उसका अधिवक्ता सुनवाई तिथियों में अनुपस्थित होतो है तो तो भी प्रकरण को गुण दोष के आधार पर निराकृत करना होगा, उपभोक्ता आयोग द्वारा प्रकरण को परिवादी की ओर से अनुपस्थिति के आधार पर अदम पैरवी में खारिज नहीं किया जा सकता। 

 अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष समीर त्रिपाठी ने संगठन के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने संगठन द्वारा समय-समय पर किए जाने वाले कार्यक्रमों और प्रकल्पों के बारे में बताया।

परिषद के जिला मंत्री दीपेंद्र देशमुख ने स्टडी सर्कल कार्यक्रम के आयोजन के संबंध में प्रकाश डालते हुए कहा कि स्टडी सर्कल कार्यक्रम अधिवक्ता परिषद का महत्वपूर्ण और प्रमुख कार्यक्रम है। अलग-अलग कानूनों तथा विधिक विषयों को लेकर स्टडी सर्कल के माध्यम से अधिवक्ताओं का प्रबोधन एक महत्वपूर्ण गतिविधि है जिसे निरंतर जारी रखा जाएगा और आगे अलग-अलग विषयों पर अधिवक्ताओं के बीच प्रबोधन के लिए विषय विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। 

संचालन जिला सह मंत्री एम. कामक्षम्मा और आभार प्रदर्शन जिला महिला प्रमुख स्नेहलता वैद्य ने किया। संरक्षक सुदर्शन महलवार और संरक्षक सुनीता चोपड़ा विशिष्ट अतिथि के रूप में मंचासीन रहे। उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ताओं में जिला अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष शिवशंकर सिंह, पूर्व अध्यक्ष गुलाब पटेल, जिला उपाध्यक्ष रमेश शर्मा एवं राजेश महाडिक, कोषाध्यक्ष लक्ष्मीकांत शर्मा, महेंद्र दिल्लीवार, कविता गिरी गोस्वामी, दिनेश कुमार सिंह, सागर त्रिपाठी, पंकज नागवंशी, तोरण दास, सौरभ शुक्ला, दीपक कुमार श्याम, होरी लाल साहू, विपिन वर्मा, रोहन कुमार, हरीश देवांगन, रवि कुमार, भावेश कटारे, एसए खान, अनामिका गुहा राय, खेमेन्द्र साहू, जेपी देवांगन, मीनू साहू, अनुराग त्रिपाठी, रुपेश शर्मा, आदित्य साहू, रेहमत आलम, अजहर अली, रेखा राय, राजेश्वरी साहू, निशा चौबे, अनीता ध्रुवंशी, आशा देवांगन, मधु सेन, विजया भारती नटाला, रीति दास, रोहित मिश्रा सहित अधिवक्ता परिषद के सदस्य एवं अधिवक्तागण शामिल हुए।

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