मोहम्मद हासम अली : अजमेर शरीफ
ख्वाजा गरीब नवाज रहमतुल्लाह अलैह के पीर ओ मुर्शिद हजरत ख्वाजा उस्मान हारुनी रहमतुल्लाह अलैह का उर्स मनाया गया जिसमें मुल्कभर से जायरीनों ने शिरकत की। इतवार को कुल की महफिल के साथ उर्स इख्तेताम पजीर हुआ। इस मौके पर जन्नती दरवाजा खोला गया।
5 सव्वाल की रात दरगाह परिसर में दरगाह दीवान की सदारत में महफिल ए कव्वाली मुनाकिद हुई। जिसमें अजमेर की शाही चौकी सहित मुल्कभर से आए कई कव्वाल पार्टियों ने ख्वाजा साहब की शान में सूफियाना कलाम पेश किए। दरगाह के आहता-ए-नूर में अंजुमन सैयदगान की जानबि से भी मिलाद शरीफ व कव्वाली का प्रोग्राम मुनाकिद किया गया। 6 सव्वाल इतवार की सुबह ख्वाजा साहब की माहाना छठी मनाई गई। सुबह 11 बजे दरगाह कैंपस में वाके महफिल खाने में दरगाह दीवान की सदारत में महफिल ए कव्वाली में दरगाह की शाही चौकी असरार हुसैन एंड पार्टी ने सूफियाना कलाम पेश कर ख्वाजा साहब का रंग पढ़ा। दोपहर 1 बजे बड़े पीर साहब की पहाड़ियों पर तोप दागी गई और शादियाने बजाए गए। इसी के साथ ख्वाजा साहब के पीर ओ मुर्शिद हजरत ख्वाजा उस्मान हारुनी रहमतुल्ला अलैह के उर्स का इख्तेताम हुआ। महफिल के पास दरगाह में कई जगह लंगर और दरगाह का तबर्रुक जायरीनों तक्सीम किया गया।