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अजान के सिलसिले में हुकूमत पुलिस अहलकारों की मनमानी रोके : जमात-ए-इस्लामी महाराष्ट्र

अजान के खिलाफ दर्ज कराई जा रही एफआईआर

मस्जिद के आसपास डेसीबल मीटर लेकर घूम रहे पुलिस जवान


मुंबई :
जमात-ए-इस्लामी हिंद हलका महाराष्ट्र के अमीर रिजवान अल रहमान खान ने वजीर-ए-दाखिला दिलीप वल्से पाटले को खत लिख कर मुतालिबा किया है कि वो मसाजिद समेत इबादत-गाहों में सुप्रीमकोर्ट के हुक्म के मुताबिक आवाज की तेजी को कंट्रोल करने का हुक्म दें। वाजेह हो कि ऐसी खबरें भी आई हैं कि पुलिस अहलकारों ने आवाज की तेजी को कंट्रोल करने की बजाय अजान को ही बंद करवा दिया और ऐसा सिर्फ फज्र की अजान के लिए ही नहीं पूरे वक़्त की अजान के लिए किया गया है। अमीर हलका रिजवान अल रहमान खान का मजकूरा खत शोबा अदल-ओ-किस्त के सेक्रेटरी अब्दुल मुजीब ने अपने हाथों से वजीर-ए-दाखिला को सौंपा जहां साथ में शिवाजी नगर के एमएलए अब्बू आसिम आजमी भी थे। उन्होंने वजीर-ए-दाखिला से कहा कि पुलिस का रवैय्या बिलकुल भी मुनासिब नहीं है कि वो इजाजत के लिए सख़्ती करें और जिन जगहों पर एफ आई आर हुई है, वो भी अफसोसनाक है। आइन्दा इस तरह ना हो, इसका ख़्याल रखा जाए। अब्दुल मुजीब ने कहा है कि मुख़्तलिफ अजला में मुख़्तलिफ फॉर्मेट पुलिस की जानिब से भरवाकर लिए जा रहे हैं और फॉर्मेट में यकसानियत नहीं है और ऐसा लग रहा कि मस्जिद की ओनरशिप लिख कर ली जा रही है। अब्दुल मुजीब ने कहा कि पूरे महाराष्ट्र के लिए एक फॉर्मेट बनाया जाये जो आसान हो और जमात-ए-इस्लामी हिंद हलका महाराष्ट्र की जानिब से एक आसान फॉर्मेट वजीर-ए-दाखिला को दिया गया। वजीर-ए-दाखिला ने तमाम बातों को बगौर सुना और यकीन दहानी करवाई कि बहुत जल्द इन तमाम इशूज को हल कर लिया जाएगा। सेक्रेटरी शोबा अदल-ओ-किस्त से मुलाकात में वजीर-ए-दाखिला ने अपने मुसबत रद्द-ए-अमल का इजहार करते हुए कार्रवाई की यकीन दहानी कराई। ये शिकायत भी है कि बाअज मुकामात पर पुलिस स्टेशन गैर जरूरी और गैर मुताल्लिका दस्तावेजात का मुतालिबा कर रहे हैं। कुछ पुलिस अहलकारों को ''सिर्फ मसाजिद' के अंदर और इसके करीब डेसीबल मीटर के साथ देखा जाता है जो अजान के साथ इर्द-गिर्द की आवाज की पैमाइश करता है। वो मुकर्ररा सतह पर आवाज कम करने का मश्वरा देने के बजाय ट्रस्टीज से लाऊड स्पीकरज को हटाने का कह रहे हैं। एक जगह पुलिस ने मस्जिद की अजान ना सिर्फ फज्र की बल्कि पूरे दिन की रोक दी जो कि सुप्रीमकोर्ट के हुक्म के खिलाफ है। मसाजिद के खिलाफ पुलिस स्टेशनों में एफआईआर दर्ज करने की इत्तिला भी इंतिहाई काबिले एतराज है। कुछ जगहों पर एक हफ़्ते या एक माह के लिए आरिजी बुनियादों पर इजाजत जारी की है ।

खत में तशवीश का इजहार करते हुए लिखा गया है कि ''ये वाकियात अलग-थलग हो सकते हैं लेकिन मीडीया और सोशल मीडीया में इस की रिपोर्टिंग महाराष्ट्र के मुस्लमानों में बेचैनी और परेशानी पैदा कर रही है और कानून की तामील में रुकावट हैं। नीज, ये फिकार्वाराना ताकतों के एजेंडे को शिकस्त देने में नाकाम साबित हो सकता है'। अमीर हलका ने लिखा है कि ' मैं आपसे गुजारिश करता हूँ कि बराह-ए-करम मजहबी रहनुमाओं की मुशावरत से तमाम मजहबी मुकामात के लिए लाऊड स्पीकर के बारे में एक वाजेह पालिसी का मुसव्वदा तैयार करें या सुप्रीमकोर्ट की हिदायात की रोशनी में मर्कज के रहनुमा खुतूत का इंतिजार करें।

कर्नाटक में रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर पर पाबंदी 

बंग्लूरू : कर्नाटक हुकूमत ने लाउड स्पीकर पर जारी बहस के दरमियान रात 10 से सुबह 6 बजे तक लाउड स्पीकर के इस्तिमाल पर पाबंदी लगा दी है। कर्नाटक हुकूमत ने कहा है कि लाउड स्पीकर या लोगों से खिताब का निजाम अफ़्सर की इजाजत के बगैर इस्तिमाल नहीं किया जा सकता। हुकूमत की तरफ से जारी करदा सर्कुलर के मुताबिक लोगों से खिताब करने का निजाम (रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक) इस्तिमाल नहीं किया जाएगा सिवाए आडीटोरीयम, कान्फ्रÞैंस रुम, कम्यूनिटी हाल्ज और बैंकोयट हाल्ज के। 

सर्कुलर में सुप्रीमकोर्ट के हुक्म का हवाला दिया गया है। जिसमें कहा गया है कि किसी अवामी जगह पर जहां लाउड स्पीकर या पब्लिक एड्रेस सिस्टम या कोई और जरीया इस्तिमाल किया जा रहा हो, शोर इलाके के माहौल के लिहाज से होना चाहिए। सर्कुलर के मुताबिक रियास्ती हुकूमत इस बात का इआदा करती है कि आवाज की आलूदगी (रैगूलेशन कंट्रोल) 2000 के तहत हुकूमत के अहकामात पर सख़्ती से अमल किया जाएगा और लाउड स्पीकर्ज, पब्लिक एड्रेस सिस्टम और शोर पैदा करने वाले आलात से शोर की आलूदगी को कंट्रोल किया जाएगा।



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