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मलिक जादा मंजूर अहमद : उर्दू जबान व अदब के तहजीबी सफीर थे : अतहर नबी

उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी व सदरा एजूकेशनल एंड वेल्फेयर सोसाइटी के जेरे एहतिमाम सेमीनार का इनएकाद


लखणू :
प्रोफेसर मलिक जादा मंजूर अहमद उर्दू जबान व अदब के ऐसे तहजीबी सफीर थे, जिन्होंने दुनिया के कोने-कोने में उर्दू की तहजीब को पहुँचाया। वो एक अहम अदीब और शायर तो थे ही, उनका एक बड़ा काम ये भी रहा कि जहां सियासी तौर पर उर्दू हर जगह से हटाई जा रही थी, उन्होंने इसके लिए दिलों में जगह पैदा की और वो मकबूलियत दिलाई कि जो मकबूलियत उसे शायद पिछले दौर में ना मिली हो, उनकी गैर मौजूदगी से उर्दू का सिर्फ एक अह्द ही खत्म नहीं हुआ बल्कि आगे का रास्ता भी बहुत साफ नहीं रहा। मजकूरा ख़्यालात का इजहार हिन्दी, उर्दू साहित्य एवार्ड कमेटी के जनरल सेक्रेटरी, इस्लामिया कालेज के मैनेजर अतहर नबी एडवोकेट ने सिदरा एजूकेशनल एंड वेल्फेयर सोसाइटी के जेरे एहतिमाम व उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी के इश्तिराक से मुनाकिद सेमीनार प्रोफेसर मलिक जादा मंजूर अहमद : फन और शख्सियत' की सदारत करते हुए ओल्ड उर्दू एकेडमी बिल्डिंग, कैसरबाग में किया। अतहर नबी ने मजीद कहा कि वो पूरी जिंदगी उर्दू तहरीक से जुड़े रहे। आॅल इंडिया उर्दू राबिता कमेटी के जरीये उर्दू जबान की बका और तहफ़्फुज के लिए उन्होंने जो कोशिशें की थीं, उन्हें भुलाया नहीं जा सकता। 

उत्तर प्रदेश उर्दू एकेडमी लखणू और फख्रउद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी के चेयरमैन की हैसियत से भी उनकी खिदमात काबिल-ए-सताइश हैं। उन्होंने कहा कि मुशायरे की निजामत में उनकी नजीर नहीं मिलती। अतहर नबी ने उनसे अपने जाती ताल्लुकात का जिÞक्र करते हुए कहा कि वो निहायत नफीस और नस्तालीक शख़्सियत के मालिक थे। मेहमाने खुसूसी डाक्टर एहतिशाम अहमद खान ने इजहारे खयाल करते हुए कहा कि मलिक जादा मंजूर अहमद मेरे मुरब्बी और सरपरस्त थे, मलिक जादा बयक वक़्त उस्ताद, शायर, नाकिद और नाजिम थे। आलमी शोहरत उन्होंने नाजिम मुशायरा की हैसियत से पाई। वो एक ऐसे नाजिम थे, जिन्होंने उर्दू शायरी को अवाम से करीब किया, मुशायरे की निजामत को वकार व मेअयार बख़्शा और मुशायरे की तहजीब को पस्ती से निकाल कर एक नई बुलंदी अता की। उनकी अदमे मौजूदगी से उर्दू दुनिया में जो खला पैदा हुआ है, उसका पुर होना बहुत मुश्किल है। 

मेहमान एजाजी आलमी शोहरत याफता शायर मलिक जादा जावेद ने कहा वालिद मुहतरम मलिक जादा के इंतिकाल का सदमा सिर्फ मेरे खानदान का सदमा नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में जहां-जहां उर्दू वाले हैं, उन सबका जाती सदमा है। वो उर्दू की हिमायत जिस जुरात से करते थे, वैसा अब कोई दूसरा करने वाला नहीं है। सेमीनार के कन्वेयर सिदरा एजूकेशनल एंड वेल्फेयर सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी मुहम्मद जिÞया अल्लाह सिद्दीकी ने इफ़्तिताही कलिमात अदा किए। उन्होंने कहा कि आज मुशाएरों में मलिक जादा मंजूर के अछूते अंदाज को नई नस्ल के नाजिम मुशायरा नकल तो करते हैं, लेकिन उस मेयार को नहीं पहुंच पाते। सेमीनार को मेहमान जी वकार प्रोफेसर आसिफा जमानी और मेहमान एजाजी मुहसिन खान ने भी मुखातिब किया। उन्होंने मजीद कहा कि उर्दू को तमाम आलम में रोशनास कराने वाला आज हमारे दरमयान में नहीं है और उस की खुश लहन आवाज खामोश हो गई है। ये लखणू ही नहीं बल्कि पूरी अदबी दुनिया का नाकाबिल तलाफी नुक़्सान है। इस मौका पर मुख़्तलिफ मैदानों में कारहाए नुमायां अंजाम देने वालों को सिदरा एजूकेशनल एंड वेल्फेयर सोसाइटी की जानिब एवार्ड से भी नवाजा गया। 

डा. मसीह को उर्दू अदब अवार्ड से नवाजा गया

नागरिक अधीकार परिषद के सदर रफी अहमद को समाज में फैली बद उनवानियों के खिलाफ जारी उनकी लड़ाई के लिए अलिफ समाजी खिदमात एवार्ड, मेडीकल के मैदान में अपनी अहम खिदमात देने वाले प्रोफेसर इरशाद अहमद खान को तिब्बी खिदमात एवार्ड। उर्दू जबान व अदब की खिदमत के लिए डाक्टर मसीह उद्दीन खान को अदबी एवार्ड, तालीमी और अदब के मैदान में खिदमात देने वाले परवेज मलिक जादा को अदबी व तालीमी एवार्ड और सहाफत के मैदान में नुमायां खिदमात अंजाम देने वाले दो नौजवान सहाफी परवेज आलम और हुमायूँ चौधरी को सहाफती खिदमात एवार्ड से नवाजा गया। सेमीनार की खूबसूरत निजामत अपने मखसूस लखनवी अंदाज में डाक्टर सीमा सिद्दीकी ने की। इस्तकबालिया कलिमात परवेज मलिक जादा ने अदा किए। डाक्टर सईद अहमद, डाक्टर मसीह उद्दीन खान, डाक्टर यासर जमाल, डाक्टर खुरशीद जहां, डाक्टर शुजाअ उल-हक नदवी, प्रोफेसर इरशाद अहमद खान, मौलाना अब्दुल करीम नदवी, मुहम्मद राशिद खान, निसार अहमद नदवी, तबस्सुम फारूकी, जिÞया अल्लाह सिद्दीकी, डाक्टर सीमा सिद्दीकी वगैरह ने अपने कीमती मकालों में मुशतर्का तौर पर प्रोफेसर मलिक जादा मंजूर अहमद की अदबी खिदमात का जिÞक्र किया। आखिर में मेहमानान, मकाला निगाराँ और सामईन का शुक्रिया कन्वीनर प्रोग्राम मुहम्मद जिÞया अल्लाह सिद्दीकी ने अदा किया


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