Top News

खलील को माब लिंचिग के जरिये मारकर जला दिया जाना शर्मनाक वाकिया

 

मॉब लिंचिंग के खिलाफ हुकूमत से सख़्त कानून बनाने की मांग 
मुजरिमों को दी जाए सजा-ए-मौत : अमीर शरीयत

पटना : आईएनएस, इंडिया

बिहार के समस्तीपुर जिÞले के मिसरी घरारी के करीब वाके गोहदा बस्ती में समाजी कारकुन जदयू लीडर खलील रिजवी को कुछ शरपसंदों ने गाय के नाम पर मॉब लंचिंग के जरीया जिंदा जला कर बेरहमी के साथ मार दिया। इसे लेकर लोगों में काफी गम-ओ-गुस्सा है। सरकार के दावे के बावजूद मॉब लंचिंग के वाकियात रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं और कोई ना कोई वजह बना कर अकलीयतों को हिरासां करने, उन्हें परेशान करने और हत्ता कि उनकी जान लेने का सिलसिला लगातार जारी है। समस्तीपुर के हालिया वाकिया में भी शर पसंदों ने पहले मक़्तूल खलील रिजवी को पकड़ कर उससे गाय के गोश्त खाने को लेकर सवालात किए और उसे परेशान किया। उसकी वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया। जब इतने पर भी जालिमों की दरिंदगी की तसकीन ना हुई तो उसे जिंदा जला कर मार दिया। 

इस वाकिया पर अपने रद्द-ए-अमल का इजहार करते हुए अमीर शरीयत हजरत मौलाना अहमद वली फैसल रहमानी ने कहा कि हिन्दोस्तान कसीर मजहबी, कसीर लिसानी और कसीर तहजीबी मुल्क है, इस मुल्क ने हमेशा दुनिया के तमाम मजाहिब का खुले दिल से खैर-मक़्दम किया है और उन्हें अपनी सरजमीन पर फलने फूलने का मौका दिया है। हिन्दोस्तान दुनिया का वाहिद मुल्क है, जिसमें दुनिया के इतने मजाहिब के लोग एक साथ रहते हैं। लेकिन अफसोस कि गुजिश्ता चंद सालों में इस मुल्क की बाहमी उखुवत और अमन-ओ-आश्ती की फिजा को जहर आलूद कर दिया गया है। सदियों से एक साथ रहने वाले हिंदूओं और मुस्लमानों के दरमियान नफरत की दीवारें खड़ी की जा रही हैं। एक खास सोच के लोग हिन्दोस्तान के इत्तिहाद और सालमीयत को टुकड़े टुकड़े करने की कोशिश कर रहे हैं। मुल्क के मुख़्तलिफ हिस्सों में लोग हुजूम की शक्ल में गरीब और कमजोर मुस्लमानों पर हमला करते हैं और उनकी जानें ले लेते हैं। नफरत को इस तरह भड़काया गया है कि लगता है, पूरा मुलक आग की लपेट में है। कभी हिजाब के नाम पर, कभी गाय के नाम पर तो कभी जय श्री राम के नारे पर अकलीयतों को खौफ-जदा करने और उनके बुनियादी हुकूक को सल्ब करने की कोशिश की जा रही है, जिसमें हुकूमत और इंतेजामिया का दरपर्दा सपोर्ट और हिमायत भी उनको हासिल है। उन्होंने कहा कि मुस्लमान इस मुल्क में सदियों से रह रहे हैं, अगर वाकियात होते हैं तो उनका तदारुक भी जरूरी है, बीमारी का ईलाज भी जरूरी है। 

ऐसी सूरते हाल कभी पैदा नहीं हुई

कितनी ही हुकूमतें आई और चली गईं लेकिन ऐसी सूरत-ए-हाल कभी पैदा नहीं हुई। मॉब लंचिंग का शिकार होने वाले ज्यादातर मुस्लमान हैं लेकिन कुछ दलित, सुख और ईसाई भी इस नंगा नाच का शिकार हुए।  हजरत अमीर शरीयत ने रियासती और मर्कजी हुकूमत से मुतालिबा किया कि सुप्रीमकोर्ट की गाईड लाईन के मुताबिक इसे रोकने के लिए सख़्त कवानीन बनाए जाएं, जिसमें मुकामी इंतेजामिया को इसके लिए जवाबदेह बनाया जाये और मुजरिमों को सख़्त सजा दी जाए और मुतास्सिरीन को मुनासिब मुआवजा दिया जाए। साथ ही मुआमले की समाअत फास्टट्रैक अदालत करे ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके। जल्द कार्रवाई ना होने की वजह से भी मुजरिमों के हौसला बढ़ते हैं। इन्साफ में देर करना भी ना इंसाफी ही है। उन्होंने वजीर-ए-आला बिहार से कहा कि जिस तरह झारखंड, मगरिबी बंगाल, राजिस्थान और मणीपुर ने एन्टी मॉब लंचिंग कानून पास किया है, उसी तरह हुकूमत बिहार और मर्कजी हुकूमत भी एंटी मॉब लंचिंग कानून पास करे।

हजरत अमीर शरीयत ने सेक्यूलर जहन रखने वाले तमाम अहले वतन से अपील की है कि अगर इस मुल्क की गंगा जमुनी तहजीब, कानून की बाला-दस्ती और सेक्यूलर व जम्हूरी इकदार को महफूज रखना है तो मॉब लंचिंग और हर किस्म के जुल्म के खिलाफ मुत्तहिद हो जाएं। उन्होंने सियासी और समाजी कारकुनों, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के कारकुनों और मिली रहनुमाओं से अपील की कि वो बाहमी उखुवत और इत्तिहाद को फरोग देने में अपना किरदार अदा करें। आपने मक़्तूल के अहिले खाना के साथ हमदर्दी का इजहार करते हुए कहा कि इमारत शरयह का वफद काइम मकाम नाजिम इमारत शरयह मौलाना मुहम्मद शिबली अल कासिमी साहिब के हमराह ताजियत के लिए मुतास्सिर खानदान के पास पहुंचा। उन्होंने अहले खाना कर मुमकिन मदद पहुंचाने का भरोसा दिलाया। 


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने