जिल हज्ज-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
तुम जहां भी हो, अल्लाह से डरते रहो और बुराई सरजद हो जाने के बाद नेकी करो ताकि वो उस बुराई को मिटा दे और लोगों के साथ हुश्ने इख्लाक से पेश आओ।
- जामह तिर्मिजी
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File photo |
बर्लिन : आईएनएस, इंडिया
जर्मनी की सियासी जमात ने हुकूमत से मुतालिबा किया है कि तुर्की के डोनर कबाब जो जर्मन अवाम में इंतिहाई मक़बूल और पसंदीदा डिश है, की क़ीमत महदूद की जाए।
अरब न्यूज़ के मुताबिक़ पार्टी ने आम लोगों की पसंद को मद्द-ए-नज़र रखते हुए डोनर कबाब का यौमिया (प्रतिदिन) वाउचर फ़राहम करने की तजवीज़ भी पेश की है। पार्टी की जानिब से डोनर कबाब की क़ीमत मुतय्यन करने के लिए भी कहा गया है जिसमें आम क़ीमत 4.90 यूरो और नौजवानों के लिए 2.90 यूरो तक महदूद की जानी चाहीए। कबाब की क़ीमत में तख़फ़ीफ़ (कमी) करने की स्कीम लागू करने पर हुकूमत को तक़रीबन 4 अरब यूरो ख़र्च करने पड़ेंगे। वाजेह रहे कि दूसरी जंग-ए-अज़ीम के बाद से जर्मनी में रिहायश इख़तियार करने वाले तर्क तारकीन-ए-वतन ने बर्लिन में डोनर कबाब बेचना शुरू किया था। ये ख़ास किस्म के कबाब जर्मनी में क़ौमी डिश के तौर पर भी पसंद किए जाते हैं लेकिन अब डोनर कबाब की बढ़ती क़ीमत एक सियासी मसला बन गई है।
पार्टी ने बताया कि जर्मनी के चंद शहरों में डोनर कबाब की क़ीमत 10 यूरो तक पहुंच गई है जो दो साल कब्ल सिर्फ 4 यूरो थी। जर्मनी में ग्रीनज़ पार्टी की क़ानूनसाज़ ख़ातून हिना स्टेन मुलर ने कहा है कि घर के बाहर खाना पसंद करने वाले नौजवानों के लिए इस वक़्त ये एक अहम मसला है।
हिना स्टेन ने मज़ीद कहा कि हमें इल्म है कि आम लोगों का ये मसला नहीं लेकिन नौजवान तबक़ा जो हमारे वोटर की नुमाइंदगी करता है, हम उनका ये नुक़्ता-ए-नज़र समझने के पाबंद हैं। जर्मनी में डोनर कबाब स्ट्रीट फ़ूड के तौर पर अपनी आम और मामूली हैसियत के बावजूद सियासी तवज्जा का मर्कज़ बन गया है। जर्मन सदर फ्रॉंक वाल्टर स्टेन मावर ने गुज़श्ता माह तुर्की के दौरे पर बर्लिन से इस्तांबूल तक डोनर कबाब का 60 किलो गोश्त तोहफ़े में साथ ले जाकर तनाज़ा खड़ा कर दिया था। सदर की इस हरकत को कुछ लोगों ने दोनों ममालिक के दरमयान मज़बूत सक़ाफ़्ती ताल्लुक़ात की अलामत की नापसंदीदा कोशिश क़रार दिया था।
रियाद में मिलने वाले कबाब कहीं और मिले तो मूंछे कटवा दूंगा : बर्तानवी टूरिस्ट
सऊदी अरब की सक़ाफ़्त-ओ-तहज़ीब से मुतास्सिर बर्तानवी मुस्लिम सय्याह (टूरिस्ट) जान का कहना है कि रियाद में अबदुल अज़ीज़ के हाथ के तैयार करदा कबाब शानदार थे जिनकी मिसाल मिलना मुश्किल है। सऊदी टीवी एमबीसी से गुफ़्तगु करते हुए उनका कहना था कि 'अगर इस तरह के कबाब कहीं और मिले तो मैं अपनी मूँछें काट दूँगा।
सऊदी सक़ाफ़्त (तहजीब) से मुतास्सिर बर्तानवी शहरी ने अपने एक कमरे को सऊदी अरब की अश्या (चीजों) से सजा दिया है जबकि दीवारों पर भी ममलकत के जुनूब में मुरव्वजा तरीक़े से पेंट किया और दीवारों पर क़दीम तलवारें और दीगर पुरानी अश्या को सजाया है जो वो ममलकत से अपने हमराह लेकर गए थे। एक सवाल पर जान का कहना था कि 'उन्हें रियाद में उमर अबदुल अज़ीज़ के तैयार करदा कबाब बेहद पसंद आए, मेरे ख़्याल में ऐसे कबाब दुनिया में कहीं नहीं मिल सकते।
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