शव्वाल -1445 हिजरी
हदीसे नबवी ﷺ
तकदीर का लिखा टलता नहीं
'' हजरत अबु हुरैरह रदि अल्लाहो अन्हुमा ने फरमाया-अपने नफे की चीज को कोशिश से हासिल करो और अल्लाह ताअला से मदद चाहो, और हिम्मत मत हारो और अगर तुम पर कोई वक्त पड़ जाए तो यूं मत कहो कि अगर मैं यूं करता तो ऐसा हो जाता, ऐसे वक्त में यूं कहो कि अल्लाह ताअला ने यही मुकद्दर फरमाया था और जो उसे मंजूर हुआ, उसने वहीं किया। ''
- मुस्लिम शरीफ
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✅ मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस : आईएनएस, इंडिया
इसराईली शहरियों की अक्सरीयत ने ईरान की जानिब से इसराईल पर ड्रोन्ज और मिज़ाईल हमलों का जवाब देने की मुख़ालिफ़त की है। इसराईली मीडीया के मुताबिक़ इब्रानी यूनीवर्सिटी येरूशलम की तरफ़ से किए गए एक हालिया सर्वे में 52 फ़ीसद ईसराईलियों ने ईरानी हमले का जवाब देने की मुख़ालिफ़त की। इन अफ़राद का ख़्याल था कि इस इक़दाम से जारी कशीदगी में मज़ीद इज़ाफ़ा होगा।
दूसरी ओर ईरानी हमले का जवाब देने के हामी अफ़राद से जब ये सवाल किया गया कि ये जवाब किस तरह दिया जाए तो उनमें से 48 फ़ीसद का कहना था ईरानी सरज़मीन को हदफ़ (निशाना) बनाया जाए, उनमें हर 3 मैं से एक का कहना था स्ट्रेटजिक ऐटमी तन्सीबात (सैन्य ठिकानों) को हदफ़ बनाया जाना चाहिए। सर्वे में शहरीयों से सवाल किया गया कि उनके ख़्याल में इसराईल, ईरान के मुक़ाबले में ज़्यादा ताक़तवर है या नहीं, के जवाब में 46 फ़ीसद अफ़राद का कहना था कि उनके ख़्याल में इसराईल, ईरान से ज़्यादा ताक़तवर है जबकि 27 फ़ीसद के मुताबिक़ इसराईल, ईरान के मुक़ाबले में कमज़ोर मुल्क है। 27 फ़ीसद अफ़राद का ख़्याल था इसराईल ना ही ईरान से ज़्यादा ताक़तवर है और ना ही ईरान से कमज़ोर।
दूसरी ओर ईरानी हमले का जवाब देने के हामी अफ़राद से जब ये सवाल किया गया कि ये जवाब किस तरह दिया जाए तो उनमें से 48 फ़ीसद का कहना था ईरानी सरज़मीन को हदफ़ (निशाना) बनाया जाए, उनमें हर 3 मैं से एक का कहना था स्ट्रेटजिक ऐटमी तन्सीबात (सैन्य ठिकानों) को हदफ़ बनाया जाना चाहिए। सर्वे में शहरीयों से सवाल किया गया कि उनके ख़्याल में इसराईल, ईरान के मुक़ाबले में ज़्यादा ताक़तवर है या नहीं, के जवाब में 46 फ़ीसद अफ़राद का कहना था कि उनके ख़्याल में इसराईल, ईरान से ज़्यादा ताक़तवर है जबकि 27 फ़ीसद के मुताबिक़ इसराईल, ईरान के मुक़ाबले में कमज़ोर मुल्क है। 27 फ़ीसद अफ़राद का ख़्याल था इसराईल ना ही ईरान से ज़्यादा ताक़तवर है और ना ही ईरान से कमज़ोर।
✒ दहाईयों पुराने दुश्मन इसराईल और ईरान एक बार फिर आमने-सामने
ख़्याल रहे कि हफ़्ते और इतवार की शब ईरान ने शाम के दार-उल-हकूमत दमिशक़ में ईरानी सिफ़ारतख़ाने पर हमले का जवाब देते हुए इसराईल पर 300 के क़रीब ड्रोन और मिज़ाईल दागे़ थे। ईरान ने इसराईली दिफ़ाई तन्सीबात को निशाना बनाया था और साथ ही गोलान की पहाड़ियों और शाम के क़रीब इसराईली फ़ौजी ठिकानों को भी निशाना बनाया था।ईरानी हमला रोकने इसराईल को चुकानी पड़ी एक अरब डालर क़ीमत
इसराईली मीडीया ने इतवार को रिपोर्ट किया कि इसराईल ने गुजिशता रात ईरानी हमले को रोकने के लिए तक़रीबन एक अरब डालर ख़र्च किए हैं। इसराईली चैनल 12 ने इत्तिला दी है कि ईरानी हमले के दौरान तमाम इसराईली जंगी तय्यारे फ़िज़ा में ही थे। वो बमबारी में तबाही के ख़ौफ़ से हवाई अड्डों पर नहीं आए।इब्रानी मीडीया ने इसराईली वज़ारत-ए-दिफ़ा के ज़राइआ के हवाले से इत्तिला दी है कि अमरीकी और बर्तानवी अफ़्वाज ने इसराईल के बाहर 100 से ज़ाइद ईरानी ड्रोन्ज को रोका। दूसरी जानिब इसराईली फ़ौज ने इतवार को ऐलान किया उसने ईरान की जानिब से किए गए हमले को नाकाम कर दिया है और 99 फ़ीसद ड्रोन्ज और मीज़ाईलों को तबाह कर दिया है। उन्होंने एक बयान में कहा कि ईरानी हमले जैसा कि ईरान ने मंसूबा बंदी की थी, को नाकाम बना दिया गया क्योंकि हमने 99 फ़ीसद ख़तरात को रोक दिया और ये एक अहम तज़वीराती कामयाबी है।
उन्होंने कहा कि तेहरान ने इसराईल के ख़िलाफ़ हमला किया और बैलिस्टिक मीज़ाईलों, ड्रोन्ज और क्रूज़ मीज़ाईलों समेत मुख़्तलिफ़ इक़साम के 300 से ज़्यादा हमलों का आग़ाज़ किया। पासदारान-ढ-इन्क़िलाब इस्लामी ने एक मुख़्तसर बयान में कहा सीहोनी हुकूमत के दमिशक़ में रहनुमाओं पर हमले के जुर्म के जवाब में फ़िज़ाईया ने सीहोनी हुकूमत के इलाक़े में मख़सूस एहदाफ़ के ख़िलाफ़ दर्जनों ड्रोनज़ और मीज़ाईलों से ऑप्रेशन किया।
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