शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी
हदीसे नबवी ﷺ
'' हजरत अबुदर्दा रदि अल्लाहो ताअला अन्हु फरमाते हैं कि जिसने अपने भाई को सबके सामने नसीहत की, उसने उसे जलील किया और जिसने तन्हाई में नसीहत की, उसने उसे संवार दिया। (तन्हाई की नसीहत ज्यादा असर करती है, हर शख्स उसे कबूल कर लेता है और उस पर अमल करने की कोशिश करता है। और जाहिर है कि अमल करने से वह संवर जाएगा। ''---------------------------------------
✅ मक़बूज़ा बैतुल-मुक़द्दस : आईएनएस, इंडिया
मस्जिदे अक्सा में गाजा जंग के ख़िलाफ़ एहतिजाज हो सकता है, पुलिस के वज़ीर ने मंगल को इस ख़दशे का हवाला देते हुए कहा कि इसराईल आइन्दा मुक़द्दस माह-ए-रमज़ान के दौरान यरूशलम की मस्जिद-ए-अकसा में नमाज़ में शिरकत करने वाले मुस्लमान शहरीयों की तादाद को महदूद कर देगा।
इस्लाम के मुक़द्दस तरीन मज़ारात में से एक अल अक़सा, जो मशरिक़ी यरूशलम का हिस्सा और फ़लस्तीनी रियासत की उम्मीदों का मर्कज़ है, इसराईल ने उस पर 1967 की जंग में क़बज़ा कर लिया था। इस जगह को यहूदी अपने दो क़दीम मंदिरों के निशान के तौर पर भी मानते हैं। इसराईल में आबाद 18 फीसद मुसलमान रमज़ान के दौरान जो इस साल 10 मार्च के क़रीब शुरू हो रहा है, इबादत के लिए मस्जिदे अक्सा का रुख करेंगे जहां इसराईल ने पाबंदीयां आइद की हैं। खुसूसन यरूशलम और मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे के नौजवान फ़लस्तीनीयों पर। गौरतलब है कि जंग को चार माह से ज़्यादा का अरसा गुज़र चुका है। इसके साथ ही इश्तिआल अंगेज़ी के ख़दशात भी बढ़ रहे हैं। क़ौमी सलामती के वज़ीर ने कहा कि रमज़ान उल-मुबारक के दौरान ज़्यादातर मुस्लमान शहरियों को नमाज़-ए-जुमा से रोकने की उनकी कोशिश को वज़ीर-ए-आज़म बेंजामिन नेतन्याहू ने मुस्तर्द कर दिया है। फिर भी उन्होंने कहा कि 40,000 से 50,000 की हद लगाई जाएगी।
अमरीकी वज़ारत-ए-ख़ारजा के तर्जुमान ने मस्जिद अकसा के यहूदी नाम का इस्तिमाल करते हुए कहा कि हम इसराईल से रमज़ान के महीने के दौरान पुरअमन इबादत गुज़ारों के लिए (हैकल) तक रसाई की सहूलत फ़राहम करने पर ज़ोर देते हैं और रहेंगे। उन्होंने मज़ीद कहा कि ये ना सिर्फ सही काम है और इसका ताल्लुक़ ना सिर्फ लोगों को मज़हबी आज़ादी देने से है, जिसके वो मुस्तहिक़ हैं और उन्हें उस का हक़ है, बल्कि इसराईल की सलामती के लिए ये बराह-ए-रास्त एक अहम मसला भी है। मिलर ने मज़ीद कहा कि फ़लस्तीनीयों की मस्जिद उकसा तक रसाई रोकना मग़रिबी किनारे और खित्ते में तनाव को बढ़ाने के लिए इसराईल के सिक्योरिटी के मुफ़ाद में नहीं है।
इसराईल रमज़ान उल-मुबारक के महीने के दौरान मस्जिद अल अक्सा के लिए इबादत गुज़ारों के हुजूम के इंतिज़ाम के तरीक़ों का जायज़ा लिया है। रमज़ान का महीना 10 या 11 मार्च से शुरू होगा। ये रमज़ान एक ऐसे वक़्त में आ रहा है, जब सात अक्तूबर के बाद हम्मास और इसराईल के दरमयान जंग जारी है।
इस्लाम के मुक़द्दस तरीन मज़ारात में से एक अल अक़सा, जो मशरिक़ी यरूशलम का हिस्सा और फ़लस्तीनी रियासत की उम्मीदों का मर्कज़ है, इसराईल ने उस पर 1967 की जंग में क़बज़ा कर लिया था। इस जगह को यहूदी अपने दो क़दीम मंदिरों के निशान के तौर पर भी मानते हैं। इसराईल में आबाद 18 फीसद मुसलमान रमज़ान के दौरान जो इस साल 10 मार्च के क़रीब शुरू हो रहा है, इबादत के लिए मस्जिदे अक्सा का रुख करेंगे जहां इसराईल ने पाबंदीयां आइद की हैं। खुसूसन यरूशलम और मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे के नौजवान फ़लस्तीनीयों पर। गौरतलब है कि जंग को चार माह से ज़्यादा का अरसा गुज़र चुका है। इसके साथ ही इश्तिआल अंगेज़ी के ख़दशात भी बढ़ रहे हैं। क़ौमी सलामती के वज़ीर ने कहा कि रमज़ान उल-मुबारक के दौरान ज़्यादातर मुस्लमान शहरियों को नमाज़-ए-जुमा से रोकने की उनकी कोशिश को वज़ीर-ए-आज़म बेंजामिन नेतन्याहू ने मुस्तर्द कर दिया है। फिर भी उन्होंने कहा कि 40,000 से 50,000 की हद लगाई जाएगी।
फ़लस्तीनियों को मस्जिद अकसा में दाख़िले की इजाज़त दे इसराईल : वाशिंगटन
अमरीका ने इसराईल पर ज़ोर दिया है कि वो मग़रिबी किनारे से आने वाले नमाज़ियों को रमज़ान के महीने के दौरान बैतुल-मुक़द्दस में मस्जिद अकसा तक रसाई की इजाज़त दे। अमरीका की तरफ़ से ये मुतालिबा एक ऐसे वक़्त में सामने आया है, जब इसराईल के इंतिहापसंद वज़ीर ईतिमार बिन गवेर ने कहा है कि फ़लस्तीनीयों को रमज़ान के दौरान मस्जिद अकसा में दाख़िले से रोका जाए।अमरीकी वज़ारत-ए-ख़ारजा के तर्जुमान ने मस्जिद अकसा के यहूदी नाम का इस्तिमाल करते हुए कहा कि हम इसराईल से रमज़ान के महीने के दौरान पुरअमन इबादत गुज़ारों के लिए (हैकल) तक रसाई की सहूलत फ़राहम करने पर ज़ोर देते हैं और रहेंगे। उन्होंने मज़ीद कहा कि ये ना सिर्फ सही काम है और इसका ताल्लुक़ ना सिर्फ लोगों को मज़हबी आज़ादी देने से है, जिसके वो मुस्तहिक़ हैं और उन्हें उस का हक़ है, बल्कि इसराईल की सलामती के लिए ये बराह-ए-रास्त एक अहम मसला भी है। मिलर ने मज़ीद कहा कि फ़लस्तीनीयों की मस्जिद उकसा तक रसाई रोकना मग़रिबी किनारे और खित्ते में तनाव को बढ़ाने के लिए इसराईल के सिक्योरिटी के मुफ़ाद में नहीं है।
इसराईल रमज़ान उल-मुबारक के महीने के दौरान मस्जिद अल अक्सा के लिए इबादत गुज़ारों के हुजूम के इंतिज़ाम के तरीक़ों का जायज़ा लिया है। रमज़ान का महीना 10 या 11 मार्च से शुरू होगा। ये रमज़ान एक ऐसे वक़्त में आ रहा है, जब सात अक्तूबर के बाद हम्मास और इसराईल के दरमयान जंग जारी है।