Top News

पैराशूट के जरिये पहुंचाई जा रही मदद बनी मुसीबत, राकेट की तरह गिरकर लोगों की जानें ले रहे पैराशूट

शअबान उल मोअज्जम-1445 हिजरी

दूसरों के ऐबों को जाहिर न करो 

'' हजरत उक्बा बिन आमिर रदि अल्लाहो अन्हु से रवायत है कि जनाब रसूल अल्लाह  ने फरमाया, जो शख्स किसी का कोई ऐब देखे और फिर उसे छुपा ले, यानी दूसरों पर उसे जाहिर न करे तो सवाब में ऐसा होगा, जैसे किसी ने जिंदा दफन हुए किसी की जान बचा ली और कब्र से उसको जिंदा निकाल लाया। 
- तिर्मिजी शरीफ

-------------------------------------

पैराशूट के जरिये पहुंचाई जा रही मदद बनी मुसीबत, राकेट की तरह गिरकर लोगों की जानें ले रहे पैराशूट

✅ गाजा : आईएनएस, इंडिया

गाजा में सबसे बड़े अल शिफ़ा हस्पताल की मेडिकल टीम ने इत्तिला दी है कि अमरीका की तरफ़ से ख़ुराक की एयर ड्रॉपिंग के दौरान पाँच फ़लस्तीनी हलाक और 10 ज़ख़मी हो गए। अल शिफ़ा हस्पताल की एमरजेंसी में हेड नर्स मुहम्मद अल शेख़ ने बैन-उल-अक़वामी ख़बररसां इदारे को बताया कि हवाई जहाज़ से गिराई जाने वाली ख़ुराक हासिल करने की कोशिश फलीस्तीनियों के लिए किसी मुसीबत से कम साबित नहीं हो रही है। खुराक हासिल करने की कोशिश में फलस्तीनी न सिर्फ जख्मी हो रहे हैं, बल्कि उनकी जानें भी जा रही है। पिछले दिनों ऐसे कई फलीस्तीनियों को अल शिफ़ा हस्पताल लाया गया जो पैराशूट के जरिये मदद हासिल करने की कोशिश कर रहे थे। 
    हस्पताल की मेडिकल टीम के मुताबिक़ हवाई जहाज़ से गिराई गई ख़ुराक पनाह गज़ीन कैंप के नज़दीक गिराई गई। कैंप से मुताल्लिक़ ऐनी शाहिद (चश्मदीद) ने कहा कि मैं और मेरा भाई आटे के एक थैले के पीछे भागे थे, जो जहाज़ से गिराया गया था, मगर अचानक क्या देखा कि इमदादी सामान वाला पैराशूट खुला ही नहीं। नतीजतन पैराशूट किसी राकेट की तरह एक मकान की छत पर जोर से जा गिरा। मुहम्मद अलग़ूल के मुताबिक़ दस मिनट बाद मैंने देखा कि तीन अफ़राद शहीद हो गए और दूसरे कई ज़ख़मी हो गए। ये सब उस छत पर इसलिए जमा थे कि शायद छत पर गिरने वाली ख़ुराक उनके हाथ लग जाए। 
    वाजेह रहे कि अमरीका और अरदन उन मुल्कों में शामिल हैं, जिन्होंने शुमाली गाजा में खुराक के थैले हवाई जहाज़ों के ज़रीये गिराए हैं। पाँच माह से ज़ाइद अर्से से इसराईली बमबारी और मुहासिरा (घेराबंदी) में लाखों फ़लस्तीनी इस वक़्त क़हत की ज़द में हैं। अल शिफ़ा हस्पताल की मेडिकल टीम के मुताबिक़ जुमा के रोज़ हवाई जहाज़ से गिरने वाली इमदाद के हुसूल के लिए जमा फ़लस्तीनीयों में से पाँच हलाक हो गए और 10 ज़ख़मी हो गए। गाजा में हम्मास की हुकूमत के तर्जुमान का कहना है कि हवाई जहाज़ से इमदाद और ख़ुराक गिराना मुफ़ीद है ना ही गाजा में इमदाद पहुंचाने का ये बेहतर तरीक़ा हो सकता है। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा ने भी कहा है हवाई जहाज़ों के ज़रीये गाजा में ख़ुराक गिराने और मुजव्वज़ा बहरी रास्ते से गाजा में ख़ुराक पहुंचाने की कोशिश ज़मीनी रास्तों से इमदाद मुंतक़िल करने के मुतबादिल ज़राइआ नहीं हो सकते हैं।

इसराईली हमले जारी, 24 घंटों में मज़ीद 78 फ़लस्तीनी शहीद

गाजा : गाजा में इसराईली बरबरीयत का सिलसिला अब भी जारी है। इसराईली फ़ौज ने 24 घंटे में मज़ीद 78 फ़लस्तीनीयों को शहीद कर दिया, जिसके बाद शोहदा की मजमूई तादाद 30 हज़ार 878 हो गई ,जबकि 72 हज़ार से ज़ाइद ज़ख़मी हो गए। ख़बर के मुताबिक़ गाजा में फ़िज़ा से गिराई जाने वाली इमदाद की ज़द में आकर 5 फ़लस्तीनी भी जान से हाथ धो बैठे, रिपोर्टस के मुताबिक़ पैराशूट ना खुलने के बाइस इमदादी सामान नीचे खड़े लोगों पर आ गिरा। नतीजतन 5 अफ़राद हलाक और मुतअद्दिद ज़ख़मी हो गए। 

रमजान से कब्ल जंगबंदी मुमकिन नहीं

अमरीकी सदर जो बाईडन ने कहा कि इतवार को रमज़ान के आग़ाज़ तक गाज़ा में जंग बंदी का मुआहिदा तै होना मुश्किल नज़र आ रहा है। सरबराह आलमी इदारा-ए-सेहत (डब्लयूएचओ) ने ग़ज़ा में जंग बंदी के मुतालिबात का इआदा किया है। उन्होंने मासूम इन्सानी जानों के जाया होने की मुज़म्मत करते हुए गाजा में 5 माह से जारी हालात को जहन्नुम से मुशाबेह क़रार दिया। 
    उन्होंने कहा कि मजमूई तौर पर तक़रीबन 31 हज़ार लोग अपनी जानें गंवा चुके हैं और 72 हज़ार से ज़ाइद लोग ज़ख़मी हो चुके हैं। यही नहीं, हज़ारों लापता हैं। उनका कहना था कि सेहत के 406 मराकज़ पर हमले किए जा चुके हैं, 118 हेल्थ वर्करज़ हिरासत में हैं, 3 मैं से सिर्फ एक हस्पताल जुज़वी तौर पर काम कर रहा है। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा की सलामती काउंसिल ने रमज़ान के महीने में सूडान में फ़ौरी तौर पर जंग बंदी के लिए क़रारदाद मंज़ूर की है, इस तनाज़ुर में चीन ने सलामती काउंसिल से अपील की है कि वो गाजा पर इसराईल के हमलों को फ़रामोश ना करे। अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में चीन के नायब सफ़ीर डाई बंग ने कौंसल से कहा कि सूडान में माह रमज़ान के दौरान जंग बंदी की क़रारदाद मंज़ूर करते हुए सलामती काउंसिल को ये नहीं भूलना चाहिए कि गाजा के लोग अब भी बमबारी की ज़द में हैं, आलमी बिरादरी को फ़ौरी जंग बंदी के लिए ज़ोर देना चाहिए। दूसरी जानिब हम्मास ने दो टूक अलफ़ाज में वाजेह कर दिया है कि वो गाजा में जंग बंदी के लिए अपने मुतालिबात से दस्तबरदार नहीं होंगे और इसराईली फौजियों के इन्ख़िला (निकलने) तक कोई समझौता नहीं होगा।


Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने