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सउदिया में बढ़े तलाक के मामले, 36 हजार से ज्यादा मामले सामने आए

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

विसाल (17 रमज़ान)
- शोहदा-ए-बद्र रिज़वानुल्लाहि तआला अलैहिम अजमईन 
- हज़रत उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आईशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा 
- हज़रत टीपू सुल्तान रहमतुल्लाहि तआला अलैहि 

हदीस-ए-नबवी ﷺ 

'' रमजान में घर वालों पर खुलकर खर्च किया करो क्योंकि रमजान के महीने में खर्च करना अल्लाह ताअला की राह में खर्च करने की तरह है। ''
- अल जामिउस्सगीर

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मीडीया रिपोर्टों और मुतालआत के मुताबिक़ ख़वातीन की सोच में तबदीली, आज़ादी से लुतफ़ अंदोज़ होने, अपनी कफ़ालत करने की सलाहीयत और लेबर मार्केट में खवातीन की बढ़ती दखलअंदाजी से बढ़ रहे तलाक और खुला के मामले

मक्का-मुकर्रमा में बढ़े तलाक के मामले, पहले छह महीने में 36 हजार से ज्यादा मामले सामने आए

✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया 

सऊदी अरब की वज़ारत इन्साफ़ ने तसदीक़ की है कि खुला की दरख़ास्त के तरीका-ए-कार को क़ानूनी चारा-जुई से दस्तावेज़ात के ज़रीये सबूत में तबदील कर दिया गया है। अगर शौहर इस पर राज़ी हो तो उसे अदालती हुक्म की ज़रूरत नहीं है। ये तरीका-ए-कार ज़ाती हैसियत के क़ानून के नफ़ाज़ में आता है, जिसमें कहा गया है कि खुला दोनों मियां बीवी की बाहमी रजामंदी से जायज़ है जिसमें अदलिया के फ़ैसले की ज़रूरत के बग़ैर निकाह को ख़त्म करने की मुकम्मल क़ानूनी सलाहीयत है। 
    अगर शौहर राज़ी नहीं होता तो दरख़ास्त को मजाज़ अदालत से रुजू किया जाएगा। तमाम अदालती ज़मानतों के इतलाक़ के साथ निज़ाम की तरफ़ से मुतय्यन तरीका-ए-कार के मुताबिक़ तनाज़ा पर ग़ौर करने के बाद फ़ैसला सादर किया जाएगा। हालिया बरसों में सऊदी अरब में तलाक़ के वाक़ियात में नुमायां इज़ाफ़ा हुआ है। बहुत सी मीडीया रिपोर्टों और मुतालआत के मुताबिक़ ख़वातीन के बारे में सोच में तबदीली और उनकी ज़्यादा आज़ादी से लुतफ़ अंदोज़ होने और अपनी कफ़ालत करने की सलाहीयत और लेबर मार्केट में उनके वसीअ दाख़िले के साथ। सोशल मीडीया के वसीअ पैमाने पर फैलने के बाद खुला के वाक़ियात में इज़ाफ़ा हुआ जिसकी वजह से खुला से मुताल्लिक़ मसाइल ज़्यादा सामने आने लगे हैं। खुला की तारीफ़ इस सूरत-ए-हाल से की जाती है जिसमें बीवी तलाक़ और शौहर से अलैहदगी की दरख़ास्त करती है। यहां खुला इस मुआवज़े के बदले में किया जाता है जो बीवी को शौहर को अदा करना होगा, जिसे ममलकत में नए निज़ाम 2023 के ज़रीये मख़सूस शराइत के अंदर मुनज़्ज़म किया गया है। निज़ाम की तरफ़ से खुला को क़बूल करने के लिए जो शराइत बयान की गई हैं, उनमें शौहर का बीवी की माली ज़रूरीयात को पूरा करने में नाकामी, बड़े ख़ानदानी तनाज़आत का होना जो शादी को जारी रखने के इमकान को रोकता है। शौहर और बीवी के दरमयान शादी क़ानूनी और अदालत में रजिस्टर्ड हो। इस शर्त के साथ कि बीवी शौहर को दस्तावेज़ में दर्ज रिकार्ड के मुताबिक़ जहेज़ वापिस करेगी। वज़ारत इन्साफ़ ने केस इंडीकेटरज़ के मुताबिक़ 2024 की पहली छह माही के दौरान ज़ाती हैसियत की अदालतों में 36,000 से ज़ाइद खुला और तलाक़ के मुक़द्दमात दर्ज किए, जिनमें मक्का मुकर्रमा का इलाक़ा सर-ए-फ़हरिस्त है।

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