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सऊदी पासपोर्ट की 2024 में आलमी रैंकिंग, 89 मुल्कों के लिए वीजा की जरूरत नहीं

सऊदी पासपोर्ट की 2024 में आलमी रैंकिंग, 89 मुल्कों के लिए वीजा की जरूरत नहीं

रियाद : आईएनएस, इंडिया

साल 2024 में सऊदी पासपोर्ट की आलमी रैंकिंग चार पायदान ऊपर उठकर 61 वें नंबर पर है जबकि 2023 में यह 65 वें नंबर था। दुनिया के मज़बूत और कमज़ोर पासपोर्ट की दर्जाबंदी करने वाले इदारे ने पासपोर्ट की दर्जाबंदी करने 200 से ज़्यादा मुल्कों के पासपोर्ट को शामिल किया है।

    सऊदी पासपोर्ट होल्डर बग़ैर वीज़े के 89 ममालिक में जा सकते हैं जबकि 137 ममालिक में दाख़िले के लिए वीज़े की ज़रूरत है। सऊदी पासपोर्ट 2021 में 71 और 2022 में 65 में नंबर पर था। यह रिपोर्ट यह इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के डेटा की मदद से तैयार की गई है। उकाज़ अख़बार के मुताबिक़ लंदन में क़ायम एडवाइज़री फ़र्म ने अपने सालाना जायज़े में बताया कि 2024 की फेहरिस्त में फ़्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, जापान और सिंगापुर के पासपोर्ट सर-ए-फेहरिस्त हैं। इन ममालिक के शहरीयों को 194 मुल्कों में वीज़ा फ़्री की सहूलत हासिल है। जबकि फिनलैंड, जुनूबी कोरिया और स्वीडन के पासपोर्ट दूसरे नंबर पर हैं। ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, आयरलैंड और हॉलैंड तीसरे, बेलजीयम, मालटा, बर्तानिया और स्वीटजरलैंड चौथे नंबर पर हैं। ख़लीजी ममालिक में अरब अमीरात का पासपोर्ट 11,  क़तर 53,  कुवैत 55 और बहरीन 59 वें नंबर पर है। सबसे कमज़ोर पासपोर्टस का ताल्लुक़ अफ़्ग़ानिस्तान, शाम, इराक़, यमन, सोमालीया, फ़लस्तीन, शुमाली कोरिया, बंगला देश, श्रीलंका, सूडान, नाइजीरिया, लेबनान और ईरान का है।

सऊदी अरब में 95 फ़ीसद तक कचरे की री-सायकलिंग का प्लान तैयार

    सऊदी अरब में 95 फ़ीसद तक कचरे की री सायकलिंग का प्लान तैयार कर लिया गया है। वज़ारत माहौलियात-ओ-पानी-ओ-ज़राअत ने कहा है इससे क़ौमी पैदावार में 120 अरब रियाल का इज़ाफ़ा होगा। न्यूज एजेंसी के मुताबिक़ वज़ारत माहौलियात का कहना है 'सालाना सौ मिलियन टन तक कचरे की री सायकलिंग होगी। इससे सऊदी नौजवानों को एक लाख से ज़्यादा मुलाज़मतें मिलेंगी।

ताइफ में लहलहा रहे 15 लाख दरख़्त

    सऊदी अरब के मारूफ़ इलाक़े ताइफ में सहराई चैलेंज से निमटने के लिए सब्ज एहदाफ़ (ग्रीन रिवाल्यूशन) का हुसूल मुल्क के अहम मन्सूबों में से एक है। सऊदी अरब में दस अरब पौधे लगाने के मंसूबे के एक हिस्से के तौर पर ताइफ में 15 लाख पौधे लगा दिए गए हैं। इस मक़सद के लिए 28 मिलियन मुरब्बा मीटर पार्क के वसीअ इलाक़े में मुख़्तलिफ़ जगहों पर आठ मुक़ामात मुंतख़ब किए गए। ये पार्क मक्का के सबसे बड़े और ममलकत के सबसे क़दीमी (पुराने) पार्कों में से एक है। ये ताइफ के शुमाल मशरिक़ में पंद्रह किलो मीटर के फ़ासले पर है। इस इलाक़े को सय्याद डैम के हवाले से जाना जाता है। घने दरख्तों से घिरा होने के अलावा ये इलाका पहाड़ों से भी घिरा हुआ है।  सऊदी ग्रीन विजन के तहत पूरी ममलकत में इस तरह के सब्ज इक़दामात किए जा रहे हैं ताकि मौसमियाती तबदीलियों के चैलेंज से निमटने के लिए ममलकत अपनी क़ौमी और बैन-उल-अक़वामी सतह पर ज़िम्मेदारीयों से ओहदाबर हो सके

    वज़ारत ने 2023 के हवाले से सालाना कारकर्दगी रिपोर्ट में बताया कि 65 से ज़्यादा इक़दामात और 55 अरब रियाल से ज़्यादा की सरमाया कारी की गई है। सऊदी अरब में इस वक़्त कचरे की री सायकलिंग का तनासुब (प्रतिशत) तीन से चार फ़ीसद से ज़्यादा नहीं। ये दुनिया में सबसे कम है। रिपोर्ट में वाजेह किया गया कि 'वज़ारत माहौलियात-ओ-पानी-ओ-ज़राअत ने पच्चास मिलियन से ज़्यादा पौदों की शजरकारी (प्लांटेशन) की और नव्वे हज़ार हेक्टर से ज़्यादा का रकबा महफ़ूज़ किया। वज़ारत का कहना है कि ममलकत में र्दो ग़ुबार के हवाले से जो नताइज सामने आए हैं, वो हौसलाअफ़्ज़ा हैं। महफ़ूज़ क़ौमी जंगलात की वजह से गर्दो ग़ुबार का दायरा दस फ़ीसद तक महिदूद हो गया है। बारिश की शरह में इज़ाफ़ा, मस्नूई बारिश प्रोग्राम और 99 हज़ार हेक्टर से ज़्यादा रक़बे और पच्चास मिलियन के क़रीब पौधों की शजरकारी के बाइस गर्द-आलूद हवाओं और तूफ़ान का दायरा महिदूद हुआ है


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