✒ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडियाअमरीका के वजीर-ए-खारजा (विदेश मंत्री) एंटनी ब्लिंकन ने कहा है कि 7 अक्तूबर को इसराईली बस्तियों पर हम्मास के जंगजूओं के बड़े हमले के जवाब में अब इसराईल का हदफ हम्मास की तहरीक (आंदोलन) का खातमा है, जो सन 2007 से गजा की पट्टी पर हुक्मरानी कर रहा है। ब्लिंकन ने कहा कि बिलआखिर किसी मौका पर फलस्तीनी अथार्टी को गजा का इंतिजाम और सिक्योरिटी की जिÞम्मेदारी सौंपना ही एक मूसिर (असरदार) तरीका हो सकता है। उनका मजीद कहना था कि एक बड़ा सवाल ये है कि क्या आप वहां ये कर सकते हैं, और अगर ऐसा नहीं कर सकते तो फिर दूसरे कई इंतिजामात हैं जिनमें खित्ते के कई मुल्क शामिल हो सकते हैं। इसमें बैन-उल-अकवामी इदारे •ाी शामिल हो सकते हैं जिनसे वहां सिक्योरिटी और हुक्मरानी, दोनों के लिए मदद फराहम हो सकती है। ब्लिंकन का कहना था कि वहां की सूरत-ए-हाल को ऐसे में बदला नहीं जा सकता जब गजा का निजाम हम्मास चला रहा हो।
उन्होंने कहा कि हम ये •ाी नहीं कर सकते कि इसराईल खुद ही ऐसी तजवीज पर काम शुरू कर दे जिसमें गजा का निजाम चलाना हो या उसे कंट्रोल करना हो। ऐसे में जबकि अमरीकी वजीर-ए-खारजा ब्लिंकन, हम्मास के खिलाफ इसराईली एहदाफ की हिमायत कर रहे हैं, वजीर-ए-आजम बेंजामिन नेतन्याहू •ाी एक अर्से से फलस्तीनी अथार्टी और इसके सदर महमूद अब्बास को, जिनके पास मकबूजा (अधिकृत) मगरिबी किनारे के कुछ हिस्सों की महदूद (संक्षिप्त) खुदमुख्तारी है, अलग रखने की कोशिश कर रहे हैं।
मशरिक वुसता (मध्य पूर्व) के हालिया दौरे में ब्लिंकन ने महमूद अब्बास से दो मर्तबा मुलाकात की और मगरिबी किनारे में अमन बरकरार रखने की उनकी कोशिशों की तारीफ की। लेकिन अब इस सूरत-ए-हाल में बिगाड़ आ रहा है।
ब्लिंकन ने ये मौकिफ एक बार फिर दोहराया कि अमरीका एक फलस्तीनी रियासत के कयाम की हिमायत करता है, जिसकी नेतन्याहू की दाएं बाजू की हुकूमत के अरकान मुखालिफ हैं। इसराईल ने सन 2005 में गजा की पट्टी का इलाका खाली कर दिया था। सन 2007 में हम्मास ने फतह ग्रुप के अस्करीयत पसंदों के साथ तनाजा (विवाद) के बाद इस इलाके का कंट्रोल अपने हाथ में ले लिया। इसराईल ने 7 अक्तूबर की सुबह हम्मास के एक बड़े हमले के जवाब में गजा पर शदीद फिजाई हमलों और बम बरसाने का सिलसिला शुरू किया और इसके बाद अब जमीनी फोर्सिज गजा में दाखिल हो रही हैं। इसराईली हुक्काम के मुताबिक हम्मास के हमले में 1400 से ज्यादा अफराद हलाक हुए जिनमें अक्सरीयत आम शहरीयों की थी और अस्करीयत पसंदों ने 230 के लग•ाग अफराद को यरगमाल (बंदी) •ाी बनाया। गजा में हम्मास के जेर-ए-इंतजाम वजारत-ए-सेहत का कहना है कि इसराईली हमलों में फलस्तीनी सरजमीन में 8500 से ज्यादा अफराद हलाक हो चुके हैं, जिनमें से 3500 से ज्यादा बच्चे हैं।
जंग बंदी के लिए अकवाम-ए-मुत्तहिदा की करारदाद का जमात-ए-इस्लामी ने किया खैरमकदम
नई दिल्ली : अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद सय्यद सआदत अल्लाह हुसैनी ने अकवाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्टÑ) की जनरल असेंबली की करारदाद (प्रस्ताव) का खैरमकदम किया है, जिसमें गजा की पट्टी में फौरी तौर पर पायदार और इन्सानी बुनियादों पर जंग बंदी का मुतालिबा किया गया है। अमीर जमात ने दस्तखत करने वाले ममालिक पर जोर दिया है कि वो इस करारदाद के फौरी नफाज को यकीनी बनाएँ।`उन्होंने कहा कि लाखों फलस्तीनीयों की खुराक, पानी, तिब्बी इमदाद और बिजली से महरूमी और हजारों मासूम जानों का अलमनाक नुक़्सान, वक़्त का सबसे बड़ा इन्सानी बोहरान है जो बैन-उल-अकवामी बिरादरी से ठोस अमली इकदामात का तकाजा करता है। अमीर जमात इस्लामी हिंद ने मौजूदा सूरत-ए-हाल के तनाजुर (सिलसिले) में आलमी बिरादरी से जंगबंदी और पुरअमन हल के हुसूल के लिए फौरी और फैसलाकुन इकदाम करने की जरूरत पर जोर देने की अपील की है।