✒ न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया अमरीका के एक वकाफी (संघीय) इदारे ने एक रेस्टोरेंट पर हिरासां और इंतिकामी कार्रवाई करने पर मुकद्दमा दायर कर दिया है। इदारे ने ये मुकद्दमा कंसास में वाके एक रेस्टोरेंट के मैनेजर की जानिब से मुबय्यना तौर पर एक मुस्लमान खातून अहलकार को सर से हिजाब उतारने पर मजबूर करने पर दायर किया है।
मुलाजमत के मुसावी मवाके के कमीशन ने बुध के रोज ये मुकद्दमा दायर किया। इसमें इल्जाम आइद किया गया है कि कंसास में एक रेस्टोरेंट के असिस्टेंट मैनेजर ने 2021 में खातून के इनकार के बावजूद उसे ये कहते हुए बार-बार हिरासां किया कि वो उसे अपने सर के बाल दिखाए। शिकायत के मुताबिक कई हफ़्ते बाद तक मैनेजर की जानिब से खातून को हिरासां किया गया। यहां तक कि जब तक खातून ने सिर से हिजाब हटाकर मैनेजर को अपने बाल नहीं दिखा दिए, तब तक मैनेजर की जानिब से खातून को हिरासां किया जाता रहा था। शिकायत में इल्जाम आइद किया गया कि मैनेजर का जारहाना रवैय्या और मुसलसल ये कहना कि वो अपना हिजाब उतारे, और खातून अहलकार का स्कार्फ जबरदस्ती हटाने की उसकी कोशिश नाकाबिल-ए-बर्दाश्त, दानिस्ता और सख़्त और मजहबी बुनियाद पर की गई थी, जिससे काम की जगह पर मजहब की बुनियाद पर खौफ-ओ-हिरास का माहौल पैदा हुआ।
फूड चेन की चीफ कॉरपोरेट आॅफीसर लोरी शीलो ने कहा है कि कंपनी मुलाजमीन की इस बारे में हौसला-अफजाई करती है कि वो अपने खदशात को रिपोर्ट करें, जिनमें गुमनाम हॉटलाइन के जरीये शिकायात शामिल हैं। ईमेल के जरीये भेजे जानेवाले एक बयान में उन्होंने कहा कि किसी भी किस्म के इमतियाजी सुलूक को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम मुताल्लिका मैनेजर को बरखास्त कर चुके हैं। शिकायत के मुताबिक हिरासाँ किए जाने का सिलसिला जुलाई 2021 में उस वक़्त शुरू हुआ, जब मैनेजर ने उस खातून मुलाजिम से, जो उस वक़्त 19 साल की थी, ये कहना शुरू किया कि वह अपने सर पर से हिजाब हटाए क्योंकि वो उस के बाल देखना चाहता है। उसने एक माह के दौरान कम अज कम दस बार उससे उसके बाल देखने का मुतालिबा किया। शिकायत में कहा गया कि खातून मुलाजिम ने हर बार ये कहते हुए इनकार किया कि वो अपने मजहबी अकाइद की वजह से हिजाब पहनती है। उसने एक और सुपरवाइजर से ये शिकायत की कि वो इन वाकियात की वजह से परेशान है लेकिन मैनेजर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अगस्त 2021 में एक रात जब दफ़्तर बंद हो रहा था, मैनेजर ने मुबय्यना तौर पर जुजवी तौर पर उसका हिजाब हटा दिया। मुकद्दमे में दावा किया गया है कि रेस्टोरेंट ने शहरी हुकूक के वफाकी कानून की खिलाफवरजी की थी जो मुलाजमीन और मुलाजमत के दरखास्त गुजारों को मजहब, नसल, जिन्स और कौमीयत की बुनियाद पर इमतियाजी सुलूक से तहफ़्फुज फराहम करता है। मुलाजमत के मुसावी मवाके से मुताल्लिक कमीशन ने अपने मुकद्दमे में कहा है कि वो चाहता है कि रेस्टोरेंट ऐसी पालिसीयां नाफिज करे जो हर मजहब के मुलाजमीन को मुलाजमत के मुसावी मवाके फराहम करे और मुलाजमीन को नुक़्सानात का हर्जाना अदा करे।