13 जीअकादा 1444 हिजरी
सनीचर, 3 जून 2023
अकवाले जरींजब तीन लोग सफर पर रवाना हों तो वो अपने में से किसी एक को अपना अमीर बना ले।
- अबु दाऊद
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया तारीख में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब खवातीन महरम के बगैर यानी शौहर या किसी मर्द के बगैर तन्हा हज पर जा रही हैं। मुल्कभर में सिर्फ हज पर जाने वाली खवातीन की तादाद 4000 हो गई है। अकेले दिल्ली से 39 खवातीन हज पर जा रही हैं।
मर्कजी वजीर-ए-ममलकत मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली हवाई अड्डे से 39 खवातीन के एक ग्रुप को सफर के लिए हरी झंडी दिखाई। मर्कजी वजीर-ए-ममलकत मीनाक्षी लेखी ने इस दस्ते को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि मोदी हुकूमत के दौर में खवातीन खुद इन्हिसार हो रही हैं। यही वजह है कि आज खवातीन अकेले ही हज पर जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि खवातीन के इस सफर के हवाले से मुसबत (पाजीटिव) रिजल्ट मौसूल हो रहे हैं। सऊदी एयर लाईन्ज ने ये भी कहा कि पहली बार हज का अमल इतने अच्छे तरीके से किया जा रहा है। मीनाक्षी लेखी ने आगे कहा कि सऊदी में खुसूसी इंतिजामात किए गए है। खवातीन को हज के लिए फिटनेस ट्रेनिंग भी दी गई है, ताकि उन्हें पैदल चलने में कोई परेशानी ना हो। इसके अलावा सऊदी में उनके कियाम के लिए खुसूसी इंतिजामात किए गए हैं। सफर के दौरान अगर किसी की तबीयत खराब हो जाए तो उनके लिए तिब्बी सहूलयात पर पूरी तवज्जा दी जाएगी। याद रहे कि हुकूमत सऊदी अरब ने हज पालिसी में एक बड़ी तबदीली करते हुए दो साल कब्ल ऐलान किया था कि खवातीन अब महरम के बगैर भी हज के लिए दरखास्त दे सकती हैं। सऊदी अरब ने सन दो हजार चौदह में हज से मुताल्लिक नई पालिसियों का ऐलान करते हुए पैंतालीस बरस से ज्यादा उम्र की खवातीन को चार के वफद में आने की इजाजत दी थी और खवातीन पर मुश्तमिल इस तरह के वफद पहली बार सन दो हजार पंद्रह में हज के लिए पहुंचे थे। ख़्याल रहे कि इस्लाम के किसी भी फिकही मसलक में महरम के बगैर सफर-ए-हज की इजाजत नहीं है।
हज की जाली स्कीमों के झांसे में ना आएं : सऊदी अरब
सऊदी वजारत हज-ओ-उमरा ने आजमीन को हज की जाली स्कीमों से खबरदार किया है। वजारत ने कहा है कि मनासिक हज अदा करने के लिए बुकिंग सिर्फ मंजूरशुदा प्लेटफार्मज के जरीये की जाती है। वजारत ने जाली हज स्कीमों का जवाब ना देने पर जोर देते हुए कहा कि बगैर इजाजतनामा के हज करना एक खिलाफवरजी है। इस खिलाफवरजी पर सिस्टम हरकत में लाया जाएगा। वजारत ने अपने आफिशियल ट्वीटर एकाऊंट पर कहा है कि सऊदी अरब के अंदर से मनासिक हज अदा करने के लिए रिजर्वेशन वजारत हज-ओ-उमरा की वेबसाइट और नसक एप्लीकेशन के जरीये की जा रही है।यूरोप, अमरीका और आस्ट्रेलिया से आने वाले आजमीन-ए-हज्ज 'नसक' प्लेटफार्म के जरीया बुकिंग करा सकते हैं। इस्लामी मुल्कों से हज की बुकिंग हुज्जाज के लिए कायम रिजर्वेशन दफातिर से की जा रही है। मजीद कहा गया है कि जो लोग इस साल 1444 हिज्री को सऊदी अरब के बाहर से हज करने के खाहिशमंद अफराद सिर्फ हज वीजा के जरीये ही सऊदी अरब आकर मनासिक हज अदा कर सकते हैं। वजट, सयाहत, वर्क, ट्रांजिट और दीगर वीजे रखने वाले अफराद को सऊदी अरब में हज के मनासिक अदा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
मलेशीया के आजमीन-ए-हज का 'रोड टू मक्का’ प्रोग्राम पर खुशी का इजहार
कवालमपुर : मलाईशीया के आजमीन इस साल कवालमपुर के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से ही सऊदी अरब के शुरूकरदा खुसूसी इकदाम ‘रोड टू मक्का’ से फायदा उठा रहे हैं। एयरपोर्ट के हाल से ही इस इकदाम की सहूलयात शुरू हो जाती है। ये इकदाम सऊदी अरब के सफर को आसान बनाने के लिए किए गए हंै।इस तनाजुर (सिलसिले) में मलाईशीया में बहुत से आजमीन-ए-हज ने कवालमपुर एयरपोर्ट पर ‘रोड टू मक्का’ इकदाम (कदम) के आगाज पर अपनी खुशी का इजहार किया और इस प्रोग्राम को सराहते हुए उसे एक मुसबत (पाजीटिव) इशारा करार दिया। मलाईशीयन आजमीन ने कहा, सऊदी अरब की जानिब से बेहतरीन और मेयारी सहूलयात फराहम करने की कोशिशें मुसबत हैं और इससे सफर की दुश्वारियां कम होंगी। सऊदी वजारत-ए-दाखिला की जानिब से जईफुर्रहमान के लिए ‘रोड टू मक्का’ पहल में नकल-ओ-हरकत, रिहायश के इंतिजामात और आमद से लेकर वापसी तक कामों में आसानियां पैदा की जाती हैं। ये प्रोग्राम भी विजन 2030 के फ्रेमवर्क के तहत शुरू किया गया है।