12 शव्वाल 1444 हिजरी
बुध, 3 मई, 2023
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इस्लामाबाद : आईएनएस, इंडिया चीफ जस्टिस आफ पाकिस्तान उमर अता बंदियाल ने कहा है कि पूरे मुल्क में एक ही दिन इंतिखाबात करवाने के मुआमले पर अदालत तहरीरी फैसले में मुनासिब हुक्म जारी करेगी। जुमेरात को मुकद्दमे की समाअत के इखतेताम पर अपने रिमार्कस में उन्होंने कहा कि हम ना कोई हिदायत जारी कर रहे हैं और ना ही कोई टाइम लाईन जारी कर रहे हैं बल्कि अदालत मुनासिब हुक्मनामा जारी करेगी।
समाअत से कब्ल मुल्कभर में इस बारे में कयास आराइयां की जा रही थी कि अदालत कोई बड़ा फैसला सुनाएगी। कब्ल अजीं 20 अप्रैल को होने वाली समाअत के मौका पर अदालत ने हुकूमत और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को मुजाकरात (विचार-विमर्श) के जरीये इंतिखाबात की तारीख तय करने और मुआमला हल करने का कहा था। ताहम जुमेरात को जब चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल, जस्टिस एजाज अल हसन और जस्टिस मुनीब अखतर पर मुश्तमिल अदालत उज्मा के तीन रुकनी बैंच ने समाअत शुरू की तो हुकूमत की जानिब से अटार्नी जनरल मंसूर उसमान ने अदालत को बताया कि चेयरमैन सीनेट ने मुजाकरात के लिए ऐवान-ए-बाला (ऊपरी सदन) में हुकूमत और अपोजीशन से चार, चार नाम मांगे हैं।
उन्होंने अदालत को मुजाकरात पर पेश-रफ़्त से मुताल्लिक आगाह करते हुए कहा कि 19 अप्रैल को हुकूमत और अपोजीशन में पहला राबिता हुआ था जबकि 25 अप्रैल को अय्याज सादिक और ख़्वाजा साद रफीक की असद कैसर से मुलाकात हुई। चेयरमैन सीनेट ने ऐवान-ए-बाला में हुकूमत और अपोजीशन को खुतूत लिखे हैं और चार, चार नाम मांगे हैं। इस पर चीफ जस्टिस ने इस्तिफसार (जांच) किया कि चेयरमैन सीनेट से किस हैसियत से राबिता किया गया, जिसके बाद अटार्नी जनरल ने बताया कि सीनेट वफाक की अलामत है इसलिए चेयरमैन सीनेट को कहा गया है।
इस पर चीफ जस्टिस ने कहा कि चेयरमैन सीनेट ना हुकूमत के नुमाइंदे हैं ना अपोजीशन के, हुकूमत मुजाकरात में संजीदा है तो खुद कदम उठाती। चीफ जस्टिस ने अटार्नी जनरल से कहा कि अदालत को कोई वजाहत नहीं चाहिए, सिर्फ हल बताएं। वाजेह रहे कि सुप्रीमकोर्ट के तीन रुकनी बैंच ने चार अप्रैल को हुकूमत को हुक्म दिया था कि 27 अप्रैल तक इंतिखाबात के लिए 21 अरब रुपय की फराहमी की रिपोर्ट अदालत में जमा कराए लेकिन हुकूमत ने रकम जारी नहीं की और मुआमला कौमी असैंबली में ले गई जहां फंडज के इजरा की करारदाद मुस्तर्द कर दी गई।
बुध को कौमी असेंबली में तकरीर करते हुए वजीर-ए-खारजा और पाकिस्तान पीपल्ज पार्टी के शरीक चेयरमैन बिलावल भुट्टो ने कहा कि अदालती फैसलों से पार्लियामेंट की तौहीन हो रही है और ये मुआमला इस्तिहकाक कमेटी (विशेषाधिकार समिति) के सुपुर्द किया जाना चाहिए। इस मौका पर वजीरस्तान से मुंतखब रुकन कौमी असैंबली मुहसिन दावड़ ने खिताब करते हुए कहा था कि पूरे ऐवान को इस्तिहकाक कमेटी का दर्जा देकर मुआमला यहां पर जेर-ए-बहस लाना चाहिए। जबकि वजीर-ए-आजम शहबाज शरीफ ने इसी रोज इत्तिहादियों के एक इजलास से खिताब करते हुए कहा था कि सुप्रीमकोर्ट पंचायत का किरदार अदा नहीं कर सकती और उसका काम आईन और कानून के मुताबिक फैसले करना है।