12 शव्वाल 1444 हिजरी
बुध, 3 मई, 2023
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
मिजोरम को मुल्क की सबसे खुशहाल रियासत करार दिया गया है। ये दावा मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीटियूट, गुरुग्राम में हिक्मत-ए-अमली के प्रोफेसर राजेश के पिलानिया के जरिये किए गए एक मुताला (अध्ययन) में किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ये रियासत जो 100 फीसद खवांदगी (साक्षरता) हासिल करने वाली हिन्दोस्तान की दूसरी रियासत है, जो तलबा को मुश्किल हालात में भी तरक़्की करने का मौका फराहम करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि मिजोरम हैप्पीनेस इंडैक्स 6 पैरामीटर्ज पर मबनी (आधारित) है। उनमें खानदानी ताल्लुकात, काम से मुताल्लिक मसाइल, समाजी और मफाद-ए-आम्मा (जनहित) के मसाइल, मजहब, खुशी, जिस्मानी और जहनी सेहत पर कोविड-19 के असरात शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा गया कि मिजोरम के एक हाई स्कूल के एक तालिबे इल्म को बहुत सी मुश्किलात का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसके वालिद ने अपने खानदान को उस वक़्त छोड़ दिया था, जब वो कम उमर था। इसके बावजूद, वो पुर उम्मीद रहता है और अपनी पढ़ाई में अच्छा करता है। चार्टर्ड एकाउंटेंट या सिविल सर्विसेज के इम्तिहान में शामिल होना चाहता है। इसी तरह जीएमएचएस में दसवीं जमात का एक तालिबे इल्म नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में शामिल होने की खाहिश रखता है। उसके वालिद एक डेरी में काम करते हैं और उसकी वालिदा घरेलू खातून हैं। दोनों अपने स्कूल की वजह से अपने इमकानात के बारे में पुर उम्मीद हैं। एक तालिबे इल्म ने कहा कि हमारे असातिजा (अध्यापक) हमारे बेहतरीन दोस्त हैं, हम उनके साथ कोई भी बात शेयर करने से नहीं डरते और ना शरमाते हैं। मिजोरम का समाजी ढांचा भी इसके नौजवानों की खुशी में अहम किरदार अदा करता है।