नई तहरीक : भिलाई
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको में प्राचार्या हंसा शुक्ला द्वारा बच्चों को कृमि जनित बीमारियों से बचाने एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया गया। जिले के महाविद्यालयों में बच्चों को कृमि से बचाने के उद्देश्य को लेकर कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में एक वर्ष से 19 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से महाविद्यालय को अल्बेंडाजोल की गोली मुफ्त उपलब्ध कराई गई। छह माह के अंतराल में दी जाने वाली यह दवा बच्चों को पेट में कीड़े मारने के लिए दी जाती है। इसके लिए महाविद्यालय में उचित व्यवस्था की गई थी। कॉलेज के प्राध्यापकों के सामने बच्चों को दवाई खिलाई गई। दवा खिलाने के बाद बच्चों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा गया। कृमि मुक्ति प्रोग्राम के नोडल अधिकारी हितेश कुमार सोनवानी, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, ने बताया कि बच्चों को दवा की पूरी गोली चबाकर खानी है, बिना चबाकर खाई गई गोली का प्रभाव कम हो जाता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुरली मनोहर तिवारी, स्पोर्ट्स आॅफिसर एवं संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी का विशेष सहयोग रहा।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन अंतर्गत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया गया जिसका शुभारंभ स्वामी श्री स्वरूपानंद सरस्वती महाविद्यालय, हुडको में प्राचार्या हंसा शुक्ला द्वारा बच्चों को कृमि जनित बीमारियों से बचाने एल्बेंडाजोल की गोली खिलाकर किया गया। जिले के महाविद्यालयों में बच्चों को कृमि से बचाने के उद्देश्य को लेकर कृमि मुक्ति दिवस के उपलक्ष्य में एक वर्ष से 19 वर्ष तक आयु वर्ग के बच्चों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जा रही है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से महाविद्यालय को अल्बेंडाजोल की गोली मुफ्त उपलब्ध कराई गई। छह माह के अंतराल में दी जाने वाली यह दवा बच्चों को पेट में कीड़े मारने के लिए दी जाती है। इसके लिए महाविद्यालय में उचित व्यवस्था की गई थी। कॉलेज के प्राध्यापकों के सामने बच्चों को दवाई खिलाई गई। दवा खिलाने के बाद बच्चों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसका खास ख्याल रखा गया। कृमि मुक्ति प्रोग्राम के नोडल अधिकारी हितेश कुमार सोनवानी, सहायक प्राध्यापक अंग्रेजी, ने बताया कि बच्चों को दवा की पूरी गोली चबाकर खानी है, बिना चबाकर खाई गई गोली का प्रभाव कम हो जाता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में मुरली मनोहर तिवारी, स्पोर्ट्स आॅफिसर एवं संयुक्ता पाढ़ी विभागाध्यक्ष अंग्रेजी का विशेष सहयोग रहा।