पेशावर : आईएनएस, इंडिया पुलिस लाईन्ज की मस्जिद पेशावर
निगरां वजीर-ए-आला खैबर पख्तूनख्वा मुहम्मद आजम खान की हिदायत पर पेशावर धमाके के गम में सूबे भर में मंगल को यौम सोग मनाया जा रहा है और सरकारी इमारतों पर कौमी पर्चम सर-निगूँ है। सीसीपीओ पेशावर मुहम्मद एजाज खान के मुताबिक मुबय्यना खुदकुश हमला-आवर का सर भी मिल गया है। रेस्क्यू आॅप्रेशन मुकम्मल होने के बाद ही धमाके की नौईयत के बारे में हतमी (आखिरी) तौर पर कुछ कहा जा सकेगा। उनके बाकौल हो सकता है कि हमला-आवर पहले से ही पुलिस लाईन्ज में मौजूद हो। ये इमकान भी मौजूद है कि हमला-आवर किसी सरकारी गाड़ी में बैठ कर पुलिस लाईन्ज के अंदर दाखिल हुआ-हुआ, इससे कबल सेक्योरिटी हुक्काम का बताना था कि खुदकुश हमला-आवर मस्जिद में नमाज के दौरान पहली सफ में मौजूद था जिसने जमात शुरू होने के बाद खुद को धमाके से उड़ा लिया। धमाका इस कदर शदीद था कि इससे मस्जिद की तमाम खिड़कियाँ और दरवाजे टूट गए जब कि छत का कुछ हिस्सा शहीद हो गया था।
पेशावर में मीडीया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस लाईन्ज पिशावर 120 साल पहले 600 जवानों के लिए बनाई गई थी, जहां दो हजार से जाइद अहलकार और आठ मुख़्तलिफ महिकमे हैं। सीसीपीओ और एसएसपी आॅप्रेशनज के दफातिर भी यहीं मौजूद हैं, जहां अवाम और साइलीन की एक बहुत बड़ी तादाद का रोजाना आना जाना होता है। जाये वकूअ (मौका-ए-वारदात) पर भारी मशीनरी की मदद से रेस्क्यू आॅप्रेशन किया गया। फौज के दस्ते की भी मदद ली गई।
पीर के रोज नमाज जुहर के दौरान होने वाले इस हमले में अब तक 88 अफराद शहीद और 157 जखमी हो गए हैं। राबिता आलिम इस्लामी के सेक्रेटरी और मुस्लिम उलेमा की एसोसीएशन के चेयरमैन शेख डाक्टर मुहम्मद बिन अब्दुल करीम इलएसा ने इस मुजरिमाना फे़अल की शदीद मुजम्मत की जिसके मुर्तकिब अफराद से मजहब और इन्सानियत के मअनी छीन लिए गए थे।
उन्होंने ना इन्सानी रूह की हुर्मत का एहतिराम किया और ना ही इबादत-गाहों के तकद्दुस का। डाक्टर इलएसा ने राबिता आलिम इस्लामी और इसकी आलमी एकेडमियों, इदारों और काउंसिल की जानिब से मुतास्सिरीन और जख्मियों के अहल-ए-खाना के साथ दिली ताजियत की और इजहार-ए-हमदर्दी किया। उन्होंने पाकिस्तान और उसकी अवाम के साथ मुकम्मल यकजहती का इजहार किया। उन्होंने कहा, अल्लाह ताला से दुआ है कि वो मरहूमीन को अपनी जवार रहमत में जगह दे।
मस्जिद में रेस्क्यू आॅप्रेशन मुकम्मल, जांबाहक की तादाद 93 हो गई
पेशावर, इस्लामाबाद : पुलिस लाईन्ज की मस्जिद में पीर को होने वाले खुदकुश हमले के बाद शुरू होने वाला रेस्क्यू आॅप्रेशन मंगल की दोपहर मुकम्मल कर लिया गया। हुक्काम ने हादसे में 93 हलाकतों की तसदीक की है। डिप्टी कमिशनर पेशावर शफी अल्लाह खान ने बताया कि मस्जिद की इमारत के मलबे तले अब कोई फर्द मौजूद नहीं। रेस्क्यू के मुताबिक सर्च आॅप्रेशन के दौरान मलबे से मजमूई तौर पर 24 लाशें और नौ अफराद को जिंदा निकाला गया। इंसपेक्टर जनरल (आईजी) खैबर पख्तूनख्वा पुलिस मुअज्जम जाह अंसारी ने कहा कि पुलिस लाईन्ज धमाके के खुदकुश हमला-आवर की शिनाख़्त का अमल जारी है और इस सिलसिले में सीसीटीवी फूटेज का जायजा लिया जा रहा है।पेशावर में मीडीया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पुलिस लाईन्ज पिशावर 120 साल पहले 600 जवानों के लिए बनाई गई थी, जहां दो हजार से जाइद अहलकार और आठ मुख़्तलिफ महिकमे हैं। सीसीपीओ और एसएसपी आॅप्रेशनज के दफातिर भी यहीं मौजूद हैं, जहां अवाम और साइलीन की एक बहुत बड़ी तादाद का रोजाना आना जाना होता है। जाये वकूअ (मौका-ए-वारदात) पर भारी मशीनरी की मदद से रेस्क्यू आॅप्रेशन किया गया। फौज के दस्ते की भी मदद ली गई।
दहश्तगर्द हमला काबिल-ए-मजम्मत : राबिता आलिम इस्लामी
रियाद : राबिता आलिम इस्लामी ने इस्लामी जमहूरीया पाकिस्तान के शहर पेशावर में पुलिस लाईन्ज मस्जिद में होने वाले खौफनाक दहश्त गरदाना हमले की शदीद मुजम्मत की है।पीर के रोज नमाज जुहर के दौरान होने वाले इस हमले में अब तक 88 अफराद शहीद और 157 जखमी हो गए हैं। राबिता आलिम इस्लामी के सेक्रेटरी और मुस्लिम उलेमा की एसोसीएशन के चेयरमैन शेख डाक्टर मुहम्मद बिन अब्दुल करीम इलएसा ने इस मुजरिमाना फे़अल की शदीद मुजम्मत की जिसके मुर्तकिब अफराद से मजहब और इन्सानियत के मअनी छीन लिए गए थे।
उन्होंने ना इन्सानी रूह की हुर्मत का एहतिराम किया और ना ही इबादत-गाहों के तकद्दुस का। डाक्टर इलएसा ने राबिता आलिम इस्लामी और इसकी आलमी एकेडमियों, इदारों और काउंसिल की जानिब से मुतास्सिरीन और जख्मियों के अहल-ए-खाना के साथ दिली ताजियत की और इजहार-ए-हमदर्दी किया। उन्होंने पाकिस्तान और उसकी अवाम के साथ मुकम्मल यकजहती का इजहार किया। उन्होंने कहा, अल्लाह ताला से दुआ है कि वो मरहूमीन को अपनी जवार रहमत में जगह दे।
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