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अपने मन को चाहे प्रभु भक्ति में लगाएं या विषय भोग में, मर्जी आपकी : देवी चित्रलेखा

कलश यात्रा के हुई श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत
कलश यात्रा का विहंगम दृश्य
गंजपारा में भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुई भागवत कथा

नई तहरीक : दुर्ग 
पुरानी गंजमडी, गंजपारा में श्रीमद्भागवत कथा की शुरुआत गुरुवार को सुबह 10 बजे श्रीराम मंदिर, गांधी चौक से भव्य कलश यात्रा के साथ हुई। 
    शहर में पहली बार कथा वाचन करने पहुंची देवी चित्रलेखा जी के साथ कथा पोथी एवं भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में 300 से अधिक मंगल गीत गाते महिलाएं सिर पर कलश लिए चल रही थीं। बाजे-गाजे की धुन पर घोड़ा, रथ, पंथी बाजा और राउत नाचा साथ चल रही कलश यात्रा विहंगम दृश्य पैदा कर रही थी। 
    कलश यात्रा की शुरुआत देवी चित्रलेखा जी द्वारा श्रीराम दरबार में पूजा-अर्चना से हुई। श्रद्धालु श्रीकृष्ण जी महिमा के गीतों की धुन पर नाचते-गाते भक्ति भाव में डूबे रहे। कलश यात्रा राम मंदिर, गाँधी चौक से शनिचरी बाजार से होते हुए सत्तीचौरा मां दुर्गा मंदिर पहुँची, जहां देवी चित्रलेखा जी ने माता जी को चुनरी चढ़ाकर पूजा अर्चना की। कलश यात्रा में मुख्य यजमान सुरेश अग्रवाल एवं गिरधारी शर्मा द्वारा भागवत कथा को सिर पर धारण कर सबसे आगे चले। कलश यात्रा का श्रद्धालुओं द्वारा जगह-जगह फूलों की वर्षा कर स्वागत किया गया।  

2 से 8 फरवरी तक प्रतिदिन शाम 4 से 7 बजे तक होगी कथा 

गुरुवार की कथा में देवी चित्रलेखा जी ने भागवत जी की कथा का महत्व बताया। उन्होंने कहा, जिस तरह गंगा मैया प्राचीन हो सकती है, पुरानी नहीं, उसी प्रकार श्रीमद् भागवत कथा गंगा भी प्राचीन है, पुरानी नहीं। उन्होंने आगे कहा कि चंद्रमा की चांदनी है, श्रीमद् भागवत कथा इसका प्रकाश, चंद्रमा की चांदनी किसी को गिरने नहीं देती और शीतलता प्रदान करती है। उन्होंने कहा, केवल ज्ञान ही एक ऐसा अक्षय तत्त्व है, जो कहीं भी, किसी अवस्था और किसी भी काल में मनुष्य का साथ नहीं छोड़ता। मन आपका है। आप इसे जहाँ चाहें लगाएं, चाहें तो इसे प्रभु भक्ति में समर्पित करें चाहें विषय भोग में लगाएं। यह मन मैला नीच है, इसकी प्रकृति भी नीच ही है। इसे केवल बुरे कर्म ही अच्छे लगते हैं। यह जानबूझ कर अमृत को त्याग हर प्रकार की विषय-वासना में लिप्त रहता है। मन वासनाओं का मुरीद है। ध्यान, सत्संग और सिमरन इसके शत्रु हैं। यह परमात्मा से दूर भागता है। परन्तु अगर जीवन में सुख शान्ति चाहिए आनन्द चाहिए, उत्सव चाहिये तो परमात्मा ही एक सहारा है।
    गुरुवार को कलश यात्रा में विधायक अरुण वोरा, राजेन्द्र साहू, (अध्यक्ष नगरिक बैंक), धीरज बाकलीवाल (महापौर), आरएन तिवारी, रामफल शर्मा, कैलाश रुंगटा, अशोक राठी, नवल अग्रवाल, श्याम शर्मा, प्रह्लाद रुंगटा, विनीत जैन, ललित सेक्सरिया, ऋषि यादव, विवेक मिश्रा, बसंत शर्मा, प्रमोद जोशी, राकेश शर्मा, लाखन सिंह, राजेश शर्मा, विष्णु नरेरा, नरेंद्र राठी, दिनेश शर्मा, मनोज गुप्ता, मनोज शर्मा, ईशान शर्मा, सतीश अग्रवाल, सूजल शर्मा, आशीष मेश्राम सहित सैकड़ों धर्मप्रेमी उपस्थित थे।

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