उत्साह और उमंग से परिपूर्ण रहा चौथा दिवस

श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति का चतुर्थ दिवस

नई तहरीक : दुर्ग

श्री जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ एवं प्रतिष्ठा महोत्सव समिति का चतुर्थ दिवस उत्साह एवं उमंग से परिपूर्ण रहा। सुबह 6 सदर जैन मंदिर में परमात्मा के 18 अभिषेक, दंड कलश का विधि विधान संपन्न हुआ। परम पूज्य खरतर गच्छधिपति आचार्य श्री जिन मणिप्रभ सुरिस्वर जी एवं आचार्य द्वय साधु-साध्वी मंडल की निश्रा में संपूर्ण कार्यक्रम संपन्न हुआ। अंजनशलाका प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान का जन्म कल्याणक दिवस मनाया गया, प्रियवंदा दासी द्वारा बधाई दी गई। नाम स्थापना, प्रभु का पाठशाला गमन का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
    दोपहर 2 बजे श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजा सदर जैन मंदिर में संपन्न हुई। संध्याकालीन रात्रि भक्ति जैन संगीत सम्राट नरेंद्र वाणी गुप्ता एवं उनकी टीम द्वारा भव्य संगीत का कार्यक्रम  प्रस्तुत किया गया। धर्म सभा को संबोधित करते हुए आचार्य श्री जिनमणि सुरेश्वर जी महाराज साहब ने कहा, धर्म की आराधना करते हुए कर्मों की निर्जरा करनी है, आदिनाथ परमात्मा के मंदिर जाना है। भगवान परमात्मा को हृदय से बसाकर पूछना है, आप मेरे व्यवहार, कार्यों से संतुष्ट हैं या नहीं, परमात्मा का जवाब मिलेगा, हमें चिंतन करना होगा, मेरा जीवन परमात्मा के आदेश अनुसार है या नहीं, हमे परमात्मा के आदेश का पालन करना है। कोई भी कार्य परमात्मा के अनुसार ही करूंगा, आदिनाथ दादा की प्रतिष्ठा है, प्रतिष्ठा के उत्सव में पूरे समर्पण श्रद्धा से परमात्मा का जन्म कल्याणक मनाना है, परमात्मा आदिनाथ भगवान जब तीसरे आरे में थे, आदिनाथ कल्पवृक्ष परमात्मा की सभी इच्छाएं पूरी होती।
    17 फरवरी को भव्य  शोभायात्रा निकाली जाएगी। वरघोड़ा  चल मंदिर होती है। परमात्मा की शोभा होती है। हमें अपने  आचरण से शासन का गौरव बढ़ाना है, आदिनाथ भगवान के जीवन से संबंधित समस्त कार्यक्रम नाट्य मंच के माध्यम से अयोध्या नगरी में सम्पन हो रहा है। 



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