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हिंद-फारसी तारीख नवीसी पर अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी में वर्कशॉप

अलीगढ़ : आईएनएस, इंडिया 

अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी (एएमयू) के सेंटर आफ एडवांस्ड स्टडी, शोबा तारीख ने ‘हिंद-फारसी तारीख नवीसी’ पर एक वर्कशॉप का इनइकाद किया जिसमें माहिरीन ने ग्यारह मुख़्तलिफ सेशन में 25 खुतबात दिए और अह्द वुसता के हिन्दोस्तान की तारीख नवीसी के फारसी माखुज पर सैर-ए-हासिल गुफ़्तगु की। 

    प्रोफेसर गुल फिशां खान (चेयरपर्सन और कोआडीर्नेटर, सेंटर आफ एडवांस्ड स्टडी, तारीख) ने कहा] हिन्दोस्तान में लिखी जाने वाली फारसी तारीखी बर्र-ए-सगीर हिंद की सबसे मालामाल इल्मी रवायात की नुमाइंदगी करती हैं। उन्होंने कहा, तहकीक के तलबा के लिए ये जरूरी है कि वो हिंद-फारसी तारीख नवीसी की इबतिदा और इसकी पेश-रफ़्त से वाकफीयत हासिल करें ताकि वो इन अहम तब्दीलीयों को समझ सकें जो हिन्दुस्तानी माहौल में तारीख नवीसी के अमल में वकूअ पजीर हुईं। 

    वर्कशॉप में माहिरीन ने तलबा को मखतूतात को समझने के तरीकों से लेकर मुख़्तलिफ नुस्खों का मुवाजना और मतन से मुताल्लिक उमूर की तफहीम जैसे मौजूआत से मुतआरिफ कराया। शुरका हिंद-फारसी तारीख नवीसी की वसीअ दायरे, तशरीहात की कसीर इलजाती, सलतनत अह्द के जिÞया उद्दीन बरनी की तारीख फिरोज शाही और पादशाह नामा के नुस्खे़, शाहजहाँ के दौर-ए-हकूमत की सरकारी तारीख, मुगल पेंटिंगज और खत्ताती, नविश्ता जात की इलमी और इंतिजामीया से मुताल्लिक मुख़्तलिफ तारीखी दस्तावेजात और सलातीन और शहंशाहों के सिक्कों वगैरा की एहमीयत-ओ-माअनवियत से भी वाकिफ कराया गया।


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