अजमेर : आईएनएस, इंडिया
अजमेर में सुल्तान उल हिंद हजरत ख़्वाजा मुईन उद्दीन चिशती रहमतुल्लाह अलैह का 811 वां सालाना उर्स रजब महीने का चांद नजर आने के बाद पीर की शब से बाकायदा शुरू हो गया।
ख़्याल रहे कि रजब का चांद इतवार के रोज नजर नहीं आया था, लिहाजा रजब की शुरूआत पीर के रोज से हुई। इसी के साथ दरगाह अजमेर शरीफ का जन्नती दरवाजा भी गुजिश्ता सुबह खोल दिया गया। गुजिश्ता शाम ख़्वाजा साहिब की दरगाह के पीछे पहाड़ पर वाके पीर साहिब की पहाड़ी से तोप दाग कर, शादयाने और नगाड़े बजाकर उर्स के आगाज की मुनादी की गई और इसी के साथ उर्स की रस्में भी शुरू हुई। दरगाह के दीवान की सदारत रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक महफिल समा ओ गुस्ल मजार और फातिहा-ख़्वानी की पहली महफिल मुनाकिद हुई। दरगाह में सूफियाना कलामों और शाही कव्वालियों के दौर के दरमियान 5 रजब 28 जनवरी तक हर रोज रात 11 बजे से सुबह 4 बजे तक महफिल सिमा ओ-गुस्ल मजार और फातिहा-ख़्वानी की महफिलों का सिलसिला जारी रहेगा। सुल्तान उल हिंद हजरत मुईन उद्दीन चिशती के 811वेंं सालाना उर्स का बाजाबता आगाज
छ: रजब बमुताबिक 29 जनवरी को कुल की महफिल का इनइकाद होगा और दीगर रसूमात अदा की जाएँगी। एक फरवरी को नौवीं का कुल सुबह 5 बजे से दोपहर 11 बजे तक जारी रहेगा। इस दौरान पूरे दरगाह अहाते को केवड़े के पानी से धोया जाएगा और इस बड़े कुल के साथ ही उर्स इखतताम पजीर होगा। दरगाह की अंजुमन कमेटी सय्यद जादगान के सेक्रेटरी सय्यद सरवर चिशती और पुलिस सुपरीेंटेंडेंट ने उर्स के दौरान अजमेर पहुंचने वाले जाइरीन और मुकामी बाशिंदों से कहा कि वो उर्स के दौरान अमन-ओ-अमान और हम-आहंगी बरकरार रखें और समाज दुश्मन अनासिर से होशयार रहें। जेबकतरों और ठग्गों से होशयार रहें। उन्होंने कहा कि उर्स के पुरअमन इनइकाद के लिए सेक्योरिटी के तमाम इंतिजामात मुकम्मल कर लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि खुद्दाम दरगाह, नौजवान, मुलाजमीन और आफिसरान सब तहम्मुल का मुजाहरा करते हुए अपने काम पर तवज्जा दें।
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