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अरब अमीरात : बीवी की फोटो लेना शौहर को महंगा पड़ गया, 5 हजार दिरहम जुर्माना

दुबई : आईएनएस, इंडिया 

अरब अमीरात में एक जोड़े को फोटोग्राफी का जुनून महंगा पड़ गया। दुबई की अदालत ने अहलिया की शिकायत पर शौहर पर पाँच हजार दिरहम का जुर्माना किया गया है। अल इमीरातुल यौम के मुताबिक दुबई की अदालत ने अपनी नौईयत के अजीब-ओ-गरीब केस की समाअत की। एक योरपी खातून ने अपने शौहर के खिलाफ निजी जिंदगी में मुदाखिलत की शिकायत दर्ज कराई और मौकिफ इखतियार किया कि उसका शौहर फोटोग्राफी का जुनून की हद तक शौक रखता है। मना करने के बावजूद नामुनासिब हालात में तस्वीर लेता है। गुस्से और रोने की सूरत में भी फोटोग्राफी का शौक रहता है। योरपी खातून का कहना है कि कई मर्तबा जबानी और एसएमएस करके शौहर को ऐसा करने से मना किया लेकिन वो ये सब कुछ अपना इखतियार मानते हुए कर रहा है। खातून का ये भी कहना था कि उसके शौहर ने घर में जगह-जगह सीसी कैमरे लगाए हुए हैं। पूछने पर इसकी वजह घरेलू अमले की निगरानी को करार दिया। जब कभी मैं सीसी कैमरे आफ कर देती हूँ तो शौहर नाराज हो जाता है। अदालत में शौहर ने इल्जामात को मुस्तर्द करते हुए कहा कि उसकी अहलिया ने दरोग बयानी से काम लिया। उसकी वजह जाती इखतिलाफात हैं। दुबई पुलिस के मातहत फौजदारी शवाहिद के इदारे ने सीसी कैमरों के हवाले से रिपोर्ट में बताया कि शौहर मोबाइल की मैमरी में अपनी अहलिया की तसावीर स्टोर किए हुए है। अदालत ने इल्जाम साबित हो जाने पर शौहर के खिलाफ 5 हजार दिरहम जुर्माना और वकील की फीस की रकम अदा करने का पाबंद बनाया। इलावा अजीं, सिविल कोर्ट से मुआवजे की दरखास्त पेश करने का इखतियार भी खातून को दिया है।

सऊदी : 2022 में खवातीन मैन पावर में 37 फीसद इजाफा

रियाद : सऊदी अरब के इन्सानी वसाइल और समाजी तरक़्की के मुताबिक साल 2022 में सऊदी खवातीन की अफरादी कुव्वत (मैन पावर) 37 फीसद तक पहुंच गया है। दार-उल-हकूमत अल रियाद में 12 वीं सोशल डायलॉग फोरम से खिताब करते हुए वजीर ने कहा कि करीबन 22 लाख सऊदी मर्द व खवातीन निजी शोबे में काम कर रहे हैं जो मुल्क की तारीख में सबसे ज्यादा है। 

    सऊदी अरब की जनरल अथार्टी बराए शुमारियात (जीएएसटीएटी) की ताजा रिपोर्ट में वजीर के बयान की तसदीक की गई है। उन्होंने ये भी कहा कि 15 से 24 साल की उम्र की खवातीन सऊदी शहरीयों की लेबर फोर्स में शिरकत 48 फीसद से बढ़कर 2022 की तीसरी छमाही में 50.1 फीसद हो गई। दिसंबर में अथार्टी के आंकड़ों से जाहिर होता है कि 93.3 फीसद बेरोजगार सऊदी शहरीयों ने कहा कि वो निजी शोबे में मुलाजमत कबूल करेंगे। इससे पहले तक सऊदी शहरी सरकारी शोबे की मुलाजमतों को तर्जीह देते रहे हैं, लेकिन वली अहद शहजादा मुहम्मद बिन सलमान की सरबराही में मुल्क के विजन 2030 के तहत होने वाली वसीअतर इस्लाहात (सुधार योजनाओं) ने मुख़्तलिफ शोबों में रोजगार के ज्यादा मौके फराहम किए हैं। 

    सोशल डायलॉग फोरम का आगाज सोमवार को अल रियाद में हुआ और वजारात-ए-इंसानी वसाइल और समाजी तरक़्की ने शाह अब्दुल अजीज कौमी मुकालमा मर्कज के इश्तिराक (सहयोग) से इसका इनइकाद किया है। इसमें आलमी इदारा मेहनत के साथ साथ हुकूमत के नुमाइंदों और सरकारी और निजी शोबे के ताजिरों और मुलाजमीन ने शिरकत की। फोरम का मकसद लेबर मार्कीट में सरमायाकारी (इन्वेस्टमेंट) के मौके पैदा करना और चैलेंजों से निमटना है।

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