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जब तारीखी मदरसे में जा घुसी थी भीड़, नौ गिरफतार

मुस्लमानों ने वापिस लिया एहतिजाज
मदरसा बहमनी सल्तनत के हिंद-इस्लामी फन्ने तामीर के इलाकाई अंदाज की अक्कासी करता है
मदरसा कौमी अहमीयत की यादगारों की फेहरिस्त में है शामिल

कर्नाटक पुलिस ने बीदर शहर के तारीखी महमूद गावां मुदर्रिसा में हिंदू कारकुनों के दाखिल होने और 5 अक्तूबर को पूजा करने के वाकिया के सिलसिले में चार अफराद को गिरफ़्तार किया है।
file photo

बीदर : आईएनएस, इंडिया 

कर्नाटक पुलिस ने बीदर शहर के तारीखी महमूद गावां मुदर्रिसा में हिंदू कारकुनों के दाखिल होने और 5 अक्तूबर को पूजा करने के वाकिया के सिलसिले में चार अफराद को गिरफ़्तार किया है। 

मुस्लिम तन्जीमों ने नमाज-ए-जुमा के बाद पुलिस के ढुलमुल रवैये की मुजम्मत करते हुए एहतिजाज की काल दी थी। लेकिन मुल्मिान की गिरफ़्तारी के बाद उन्होंने एहतिजाज वापिस ले लिया। एफआईआर में नामजद 9 मुल्जिमान में मन्ना, नरेश, यालंगा और प्रकाश को गिरफ़्तार किया गया। वाकिये के बाद कर्नाटक पुलिस बीदर जिÞले में हाई अलर्ट पर है। महमूद गावां मुदर्रिसा और मस्जिद के इर्द-गिर्द सिक्योरिटी सख़्त कर दी गई थी। पुलिस के मुताबिक बीदर में दशहरा के जलूस में शरीक हिंदू कारकुनों के एक ग्रुप ने बुध की रात तारीखी महमूद गावां मुदर्रिसा के अहाते में दाखिल हो कर उत्पात मचाया। इस मुदर्रिसा को एक तारीखी इमारत तसव्वुर किया जाता है। मुदर्रिसा की देख-भाल आरक्योलोजीकल सर्वे आफ इंडिया करती है। ये बहमनी में 1460 में तामीर किया गया था और हिन्दोस्तान की अहम यादगारों में से एक है। उस दिन ली गई तसावीर और वीडीयोज में मदरसे की सीढ़ीयों पर हिंदूओं का एक बड़ा ग्रुप खड़ा दिखाया गया है। पुलिस ने वाकिये के सिलसिले में नौ मुकद्दमात दर्ज किए हैं, दीगर मुल्जिमान की तलाश जारी है।

वाकिये के अगले रोज यानि जुमेरात को मुस्लिम कम्यूनिटी के एक अरकान ने टाउन पुलिस स्टेशन के सामने एहितजाजी मुजाहरा किया और उसूलों की खिलाफवरजी करने और मुदर्रिसा में दाखिल होने वालों के खिलाफ कार्रवाई का मुतालिबा किया था। जिसके बाद पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ मुदर्रिसा और मस्जिद के मैदान में दाखिल होने और नारे लगाने के इल्जाम में मुकद्दमा दर्ज किया। एसपी महेश मेघनोर ने सहाफियों को बताया कि मुदर्रिसा में गै़रकानूनी तौर पर दाखिल होने के इल्जाम में नौ अफराद के खिलाफ मुकद्दमा दर्ज किया गया है। बहमनी सल्तनत के हिंद-इस्लामी फन्ने तामीर के इलाकाई अंदाज की अक्कासी करता है। मुदर्रिसा को कौमी एहमीयत की यादगारों की फहरिस्त में रखा गया है। 


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