आचार्य श्री ने बताया मन को साधने की तकनीक


दुर्ग ।
जय आनंद मधुकर रतन भवन में छत्तीसगढ़ प्रवर्तक श्री रतन मुनि, युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी के सानिध्य में जप, तप, ध्यान, साधना की लगातार साधना चल रही है। इसके साथ ही प्रतिदिन 12 घंटे का नवकार महामंत्र जाप अनुष्ठान भी गतिमान है। रविवार को आनंद समवशरण बांधा तालाब में आचार्य सम्राट आनंद ऋषि जी महाराज की जन्म जयंती के चौथे दिवस का प्रवचन मन को साधे, सब सधे, विषय पर केंद्रित था। 

युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए अपने गुरु आनंद ऋषि जी के संयम जीवन के वृतांत को सारगर्भित तरीके से समझाया। उन्होंने कहा, पत्थर मंदिर में यूं ही नहीं पूजा जाता, अनेक घाव सहने के पश्चात वह पत्थर एक प्रतिमा के रूप में हमारे सामने उभर कर आता है, अनेक घाव सहने के पश्चात ही वह पत्थर पूज्य बनता है। आनंद ऋषि जी के गुरु श्री रत्न ऋषि महाराज ने अपने शिष्य आनंद की प्रतिभा निखारने ज्ञान, ध्यान में निपुण बनाने में उनके गुरु ने उन्हें कई घाव दिए जो उनके जीवन में महत्वपूर्ण सयम जीवन की प्रतिभा निखारने में सहायक सिद्ध हुआ। आज पूरे भारतवर्ष में आनंद बाबा को मानने वाले लोग लाखों की संख्या में हैं।

बच्चों ने किया नाट्य प्रदर्शन

जय आनंद मधुकर रतन पाठशाला के 40 बच्चों ने आनंद ऋषि जी के जीवन दर्शन पर नाटिका का प्रदर्शन किया। साध्वी सन्मति श्री के मार्गदर्शन में आनंद मधुकर रतन पाठशाला की शिक्षिका की अथक मेहनत पश्चात पाठशाला के छोटे-छोटे बच्चों ने आनंद जीवन दर्शन पर शानदार प्रस्तुति दी जिसे जन समुदाय ने बेहद सराहा। 

देश के विभिन्न शहरों से गुरु भक्तों का आवागमन जारी

अपने गुरु युवा चार्य श्री महेंद्र ऋषि जी के दर्शन वंदन के लिए देश के अलग-अलग शहरों से गुरु भक्तों का आवागमन लगातार जारी है। जहां अतिथि सत्कार का संपूर्ण लाभ श्री वर्धमान स्थानक वासी जैन श्रावक श्रमण संघ परिवार ले रहा है। आनंद समवशरण में छोटी उम्र के बच्चों की आठ उपवास की तपस्या जारी है जिनमें रिशिका संचेती, आरुषि संचेती, कुशल संचेती छोटी सी उम्र में तपस्या कर रही हैं। आशीष संचेती, वर्धमान बोहरा, तिरुमाला कटारिया, युक्ति बोहरा, अमन सुराणा, लेखा संचेती की बड़ी तपस्या  गुरु भगवंतो के आशीर्वाद एवं मंगल पाठ से चल रही है। 

Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने