जकिर हुसैन : भिलाई
माहे रमजान के आखिरी अशरे में लोग रात दिन इबादत में डूबे हुए हैं। जुमेरात 28 अप्रैल की शाम से अगली सुबह तक लैलतुल कद्र की रौनक शहर की तमाम मस्जिदों में दिखी। घरों और मस्जिदों में लोगों ने रात भर इबादत के साथ खूब दुआएं की। जामा मस्जिद सेक्टर-6 में तमाम इबादतों के साथ खास तौर पर सलातुत तस्बीह (नमाजे तस्बीह) का भी एहतमाम किया गया। वहीं जुमे की दोपहर जुमात उल विदा के मौके पर शहर की तमाम मस्जिदों में हजारों की तादाद में नमाजी जुटे। जहां रोजेदारों ने रोजा व तमाम इबादतें कुबूल होने और मुल्क में अमन व सलामती की दुआएं की।
28 अप्रैल की शाम लैलतुल कद्र के मौके पर शहर की तमाम मस्जिदों में खास एहतेमाम किए गए। इस रात तरावीह की नमाज में खत्म कुरान के बाद मस्जिद कमेटियों की ओर से महीनेभर तरावीह की नमाज पढ़ाने वाले इमाम और उनके साथ मुअज्जिन, मोतकिदों और मस्जिद की साफ सफाई में जुटे लोगों का इस्तकबाल किया गया। कमेटियों के साथ-साथ निजी तौर पर भी लोगों ने अपनी तरफ से इमाम सहित सभी लोगों का गुलपोशी से इस्तकबाल किया और नजराना पेश किया। जामा मस्जिद सेक्टर 6 में इस बार लैलतुल कद्र में सलातुत तस्बीह खास तौर पर अदा करवाई गई। इमाम हाफिज इकबाल अंजुम हैदर ने यहां नमाज पढ़वाई। इसके अलावा भी रात भर लोग मस्जिदों और घरों में इबादत करते रहे।
सुबह के वक्त सेहरी के दौरान शहर की सभी मस्जिदों में रोजेदारों के लिए खास इंतजाम किए गए थे। सुबह फज्र की नमाज में दुआओं के बाद लोग घरों को लौटे। जुमे की दोपहर माहे रमजान का आखिरी जुमा होने की वजह से अलविदा जुमा पढ़ने के लिए हजारों की तादाद में रोजेदार-नमाजी मस्जिदों में पहुंचे। शहर के सभी मस्जिदों में करीब 2 साल के कोविड के सबब बंदिशों के बाद यह पहला मौका था जब नमाजियों की बड़ी तादाद में पहुंचने की वजह से तिल भर के लिए भी जगह नहीं बची।
भरी दोपहरी में नमाज के वक्त हजारों की तादाद में नमाजी इकट्ठा हुए। इस दौरान खूब दुआएं की गई। रोजेदारों ने अपने गुनाहों से माफी मांगी और अपने रोजों की कुबूलियत के लिए दुआएं की। वहीं मुल्क में अमन व सलामती के लिए भी दुआओं में हाथ उठे। इमाम सहित तमाम नमाजियों ने दुआओं के लिए हाथ उठा कर गिड़गिड़ाते हुए बारगाह-ए-इलाही में दुआएं मांगीं।
सेवंईयोें व मेवों की दुकानों में उमड़ी भीड़
ईद उल फितर करीब होने की वजह से मस्जिदों के सामने खास तौर पर सेवई व मेवों की दुकान में जुमा तुल विदा के दिन भारी भीड़ नजर आई। लोग सेवई और मेवा खरीदने यहां पहुंचते रहे। वही फलों की दुकानें भी मस्जिदों के सामने सजी रही। लैलतुल कद्र के मौके पर घरों में भी औरतों व बच्चों ने इबादत की और गुनाहों से माफी के लिए दुआएं की।
मस्जिदों में अफ्तार की रौनक, कैम्प-2 में रोजाना 700 से ज्यादा का इंतजाम
माहे रमजान के आखिरी पड़ाव में शहर की मस्जिदों में बड़ी तादाद में जुटे हैं नमाजी व रोजेदार
माहे रमजान के खास मौके पर शहर की तमाम मस्जिदों में शाम के वक्त रोजा खोलने अफ्तारी का खास इंतजाम किया जा रहा है। मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने अफ्तारी के लिए जिम्मेदारियां बांट ली है। मस्जिदों में न सिर्फ आसपास के रोजेदार अफ्तारी करने आ रहे हैं बल्कि बाहर से आने वाले रोजेदारों का भी खास खयाल रखा जा रहा है। रजा जामा मस्जिद लिंक रोड कैम्प-2 में हर साल अफ्तारी का इंतजाम मस्जिद कमेटी की ओर से किया जाता है।
इस साल मस्जिद में 700 से ज्यादा लोगों के लिए अफ्तारी का हर रोज इंतजाम किया जा रहा है। मस्जिद के सदर अब्दुल रहीमुद्दीन हलाल, सेके्रटरी मोहम्मद सुबहान, अब्दुल रशीद अहमद, मोहम्मद वकील, सलीम, यूनुस, नायब कैशियर मोहम्मद गौस, शमशाद खान और कबीर खान के साथ अब्दुल मजीद, मोबिन, मोहम्मद राज अहमद और वकील की जवाबदारी हर रोज बाजार से जरूरी सामान लाने की है। रोजदारों के लिऐ मोहम्मद यूनुस शरबत का इंतजाम कर अपने हाथों से सभी को तकसीम करते हैं। अराकिने मस्जिद कमेटी का कहना है कि आसपास की मस्जिदों में सबसे ज्यादा रोजेदार उनकी मस्जिद में जुटते हैं। पावर हाउस मार्केट से लगी होने की वजह से इस मस्जिद में मकामी लोगों के अलावा शहर में आने-जाने वाले तमाम रोजेदार जुटते हैं और यहां अफ्तारी कर नमाज पढ़ने के बाद अपने काम के लिए रवाना होते हैं। इसके अलावा कमेटी जरूरतमंद लोगों की इमदाद भी इस माहे रमजाम ने करती है।