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हज 2022 : इस साल सिर्फ 10 लाख लोग कर सकेंगे तवाफ-ए-काबा, सबसे कम सिर्फ 23 लोग अंगोला से

  • सबसे ज्यादा इंडोनेशिया से 1 लाख 51 हजार लोग करेंगे हज
  • सउदी अरब से 1 लाख 50 हजार
  • हिंदूस्तान से 79 हजार 237
  • वबाई मर्ज कोरोना के चलते बाहरी लोगों के हज पर लगी थी पाबंदी



आरिफ कुरैशी. अजमेर

इस बार हज के मुकद्दस सफर में हिंदूस्तान समेत दुनियाभर के 126 देशों के 10 लाख खुशनसीब हज की सआदत से मालामाल हो सकेंगे। हालांकि यह तादाद गुजिश्ता सालों की बनिस्बत काफी कम है। गुजिश्ता सालों में तकरीबन 25 लाख लोगों को हज की सआदत नसीब होती थी। इस बार वबाई मर्ज कोरोना की वजह से आधे से भी कम लोगों को यह मौका नसीब हो रहा है। कोरोना के चलते गुजिश्ता दो सालों से बाहरी लोगों के सउदी सफर पर पाबंदी लगी थी। इस दौरान अलामती तौर पर हज के अरकान अदा किए जा रहे थे। इस बार भी सउदी हुकूमत ने जरूरी बंदिशों के साथ सफर की इजाजत दी है। 

इस साल हिंदूस्तान से सफर-ए-हज के लिए 79 हजार 237 लोगों का कोटा मुतअय्यन हुआ है। हालांकि यह तादाद दुनियाभर के आजमीन-ए-हज में दूसरे नंबर पर है। इस साल के 10 लाख आजमीन-ए-हज में सबसे ज्यादा तीन मुल्कों इंडोनेशिया, पाकिस्तान के अलावा हिंदूस्तान भी शामिल है। तीनों मुल्कों के हाजियों की तादाद 2 लाख 60 हजार 420 हैं। इनमें सबसे ज्यादा इंडोनेशिया से 1 लाख 51 हजार, सउदी अरब से 1 लाख 50 हजार,  पाकिस्तान से 81 हजार 132 और हिंदूस्तान से 79 हजार 237 लोग शामिल हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा तादाद 1994 राजस्थान के लोग हैं। और सबसे कम तादाद अंगोला से सिर्फ 23 लोग हैं। हिंदूस्तान से आजमीन-ए-हज की रवानगी का सिलसिला 31 मई से शुरू हो जाएगा।    

126 देशों के 10 लाख लोग

इस बार सऊदी अरब हुकूमत ने 65 साल तक के आजमीन हज को इजाजत दी है। हुकूमत ने पूरी दुनिया से 126 देशों के 10 लाख लोगों का कुल कोटा जारी किया है। मुस्लिम आबादी वाले दुनिया के तीन बड़े देशों इंडोनशिया, हिंदूस्तान और पाकिस्तान का कोटा सबसे ज्यादा है। हालांकि यह कोराना काल से पहले की मुनासबत काफी कम है। 

इन मुल्कों के आजमीन-ए-हज की तादाद 60 हजार से कम

बंग्लादेश 57585

नाईजीरिया 43008 

ईरान 38481 

तुर्की 37770 

मिश्र 35375

इन मुल्कों से 20 हजार से कम 

इथोपिया 19619 

अल जजाइर 18691

ईराक 15252 

सूडान 14487 

अलमगरिब 15395 

मलेशिया 14306 

अफगानिस्तान 13582 

तंजानिया 11476 

यमन 10981 

उज्बेकिस्तान 10865 

रूस 11318

इन मुल्कों से 1 हजार से भी कम लोग पहुंचेगे 

जांबिया 905 

लेबनान फिलस्तीन 679 

ब्रुनई 453 

सिंगापुर 407 

अलबानिया 905 

क्रोएशिया 706 

मॉरीशस 679 

नेपाल 543 

जार्जिया से सिर्फ 36 लोग

जापान 81 

स्टोनिया 77 

पुर्तगाल 45 

अंगोला 23 

ओक्रेन 91 

बोत्सवाना 29 

जॉर्जिया 36 रवांडा 38 

रोमानिया 79 

जिंबाबवे 68 

वियतनाम 45 

वेनेजुएला 91 

और मेडागास्कर से 68 लोग करेंगे तवाफ-ए-काबा

राजस्थान से इस बार 2 हजार से भी कम

कोरोना काल से पहले राजस्थान से करीब 6 हजार आजमीन हज पर जाते रहे हैं। लेकिन इस बार यह आंकड़ा 2 हजार से भी कम है। राजस्थान हज कमेटी के अधिशाषी अधिकारी मोहम्मद महमूद अली खान ने बताया कि इस बार 1994 लोगों का कोटा मिला है। राजस्थान के आजमीन का नंबर 31 मई से शुरू होने वाली पहली फ्लाइट में आएगा या इसके बाद वाली में आएगा यह डिसाइड होना बाकी है। 2019 में राजस्थान से 6786 और 2018 में 5800 आजमीन हज के लिए गए थे।

2019 में 25 लाख आजमीन हज पर गए थे

खादीमुल हुज्जाज हाजी मोहम्मद महमूद खान ने बताया कि कोरोना जिस साल शुरू हुआ था, यानी 2019, उस साल दुनिया के 150 देशों से 25 लाख लोगों ने हज किया था। इससे कब्ल 2018 में करीब 23 लाख लोग हज पर गए थे। 2020 में गिने चुने लोगों को ही हज की इजाजत दी गई। कोरोना महामारी को देखते हुए जून 2021 में सऊदी अरब ने हज के लिए केवल 60 हजार लोगों को ही इजाजत दी, ये लोग भी वे थे जो सऊदी अरब में रह रहे थे।

2014 से 2016 में भी कम रहे थे हाजी

हरम शरीफ का दायरा बढ़ाने के लिए मक्का में हुए  ताअमीराती काम के चलते 2014 से 2016 तक सबसे कम लोगों को हज करना नसीब हुआ। तीन सालों में मुल्क का कोटा 94 हजार तक सिमट गया था। ताअमीरी काम की वजह से मुल्क के कोटे से करीब 31 हजार तक सीटें घटा दी गई थीं। 


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