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यूपी : मज़हबी मकामों से 18 हजार लाउड स्पीकर हटाए गए, 40 हजार की आवाज धीमी की गई


लखनऊ :
यूपी हुकूमत की हिदायत पर मज़हबी मकामात से अब तक 18 लाउड स्पीकर को हटा दिया गया है इसके साथ ही 40,000 लाउड स्पीकर की आवाज कम की गई है। जुमेरात को मालूमात देते हुए सीनीयर पुलिस हुक्काम ने बताया कि रियासतभर में मजहबी मुकामात पर गै़रकानूनी तौर पर नसब लाउड स्पीकर्ज हटाने की मुहिम जारी है। सबसे पहले, मथुरा में कृष्णा जन्मभूमि के ऊपर नसब लाउड स्पीकर की आवाज कम की गई। बलराम पूर में वाके शक्ति पीठ देवी, तुलसी पूर मंदिर में भी मुहिम के तहत बुध को चार में से तीन लाउड स्पीकर हटा दिए गए। 

हुक्काम ने बताया कि इस दौरान मंदिर के पुजारी मिथिलेश नाथ ने भी तमाम मजहबी रहनुमाओं से इस पर अमल करने की अपील की थी। मुस्लिम उल्मा ने भी इस फैसले का खैर-मक़्दम किया है। मौलाना यासूब अब्बास, जनरल सेक्रेटरी, आॅल इंडिया शीया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड ने कहा कि हम लाउड स्पीकर के इस्तिमाल से मुताल्लिक रहनुमा खुतूत का खैरमकदम करते हैं और लाउड स्पीकर की आवाज को महदूद करने के वजीर-ए-आला योगी आदित्य नाथ के हुक्म का भी खैर-मक़्दम करते हैं। ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने एक वीडीयो जारी करते हुए सुन्नी मसाजिद को ईद-उल-फित्र के दिन लाउड स्पीकर को महिदूद करने की ताकीद है।


यूपी में पुरोहित वेल्फेयर बोर्ड तशकील दिया जाएगा

लखनऊ :  यूपी में इकतिदार में वापस आने वाली बीजेपी ने पुरोहितों और संतों के लिए एक फलाही बोर्ड तशकील देने का फैसला किया है। ये तजवीज महकमा खैराती उमूर (धर्मार्थ मामलों का विभाग) की प्रेजेंटेशन में रखी गई थी जिसका वजीर-ए-आला की मंजूरी के बाद बाकायदा ऐलान किया गया है। 

यूपी पहली रियासत होगी जहां मजहब के शोबे में काम करने वालों के लिए अलग से एक फलाही बोर्ड होगा ताकि उन्हें सेहत, इंश्योरेंस और बुनियादी सहूलयात फराहम की जा सकें। इसका मुतालिबा एक अर्से से किया जा रहा है और ये फैसला जमात के मजहबी एजंडे के लिए भी अहम है। ये पार्टी के कल्याण संकल्प पत्र में भी शामिल था। पहली मुद्दत में ये योगी हुकूमत का पहला फैसला है, जिसने आयोध्या में मंदिर की तामीर और काशी विश्वनाथ कोरीडोर के लिए काम किया, दूसरी मुद्दत में जो मजहबी शोबे के लिए खास है। पुजारियों के लिए फलाही बोर्ड का वाअदा भी बीजेपी ने इलेक्शन से पहले अपने मंशूर (घोषणापत्र) में किया था। खैराती उमूर के महिकमे की पेशकश को देखने के बाद, सीएम योगी ने खुद पैगाम दिया कि इन कामों से नए हिन्दोस्तान का नया उतर प्रदेश बनने का रास्ता आसान हो जाएगा। पुरोहित वेल्फेयर बोर्ड में मंदिरों के पुजारियों, पंडितों (रस्मों को अंजाम देने पण्डित) और उम्र रसीदा संतों (आश्रमों में रहने वाले संतों) के लिए सेहत, बीमा जैसी बुनियादी सहूलयात की फराहमी को यकीनी बनाया जाएगा। इसके साथ साथ उन्हें बेहतर जिंदगी देने की भी कोशिश की जाएगी। बोर्ड में अरकान की तादाद का फैसला होना अभी बाकी है ताहम हुकूमत के नुमाइंदों के अलावा मजहबी शोबे के नुमाइंदों को भी बोर्ड में शामिल किया जाएगा।



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