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अमीरात से आने वाले उमरा ज़ाइरीन के लिए फ्लू का इंजेक्शन लगाना लाजमी

रमजान उल मुबारक-1445 हिजरी

विसाल (17 रमज़ान)
- शोहदा-ए-बद्र रिज़वानुल्लाहि तआला अलैहिम अजमईन 
- हज़रत उम्मुल मोमेनीन सय्यदना आईशा सिद्दीक़ा रज़ियल्लाहु तआला अन्हा 
- हज़रत टीपू सुल्तान रहमतुल्लाहि तआला अलैहि 

हदीस-ए-नबवी ﷺ 

'' रमजान में घर वालों पर खुलकर खर्च किया करो क्योंकि रमजान के महीने में खर्च करना अल्लाह ताअला की राह में खर्च करने की तरह है। ''
- अल जामिउस्सगीर

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अमीरात से आने वाले उमरा ज़ाइरीन के लिए फ्लू का इंजेक्शन लगाना लाजमी

✅ दुबई : आईएनएस, इंडिया 

मुत्तहदा अरब अमीरात की वज़ारत-ए-सेहत ने उमरा और हज पर जाने वालों के लिए एनफ्लूएंजा वैक्सीन लाज़िमी क़रार दी है। इस पर मंगल, 26 मार्च से अमल दरआमद किया जाएगा। अल अमीरातुल यौम के मुताबिक़ अमीराती वज़ारत-ए-सेहत और कम्यूनिटी प्रोटेक्शन ने इस बात की तसदीक़ की है कि अमीरात से उमरा जाने वाले तमाम लोगों को वैक्सीनेशन की तमाम मतलूबा बुनियादी ख़ुराकें लेना लाज़िमी है जिसमें खासतौर पर एनफ्लूएंजा वैक्सीन शामिल है। 
    वज़ारत-ए-सेहत का कहना है कि मंगल, 26 मार्च से उमरा जाने वाले तमाम अफ़राद के लिए एनफ्लूएंजा वैक्सीनेशन कार्ड दिखाना ज़रूरी होगा। वज़ारत का कहना है कि उमरा जाने के ख्वाहिशमंदों को चाहिए कि वो सफ़र से कम अज़ कम 10 रोज़ कब्ल वैक्सीन लगवाने का एहतिमाम करें ताकि फ़लू वाइरस से बेहतर तौर पर हिफ़ाज़त हो सके। 


    महकमा-ए-सेहत आम्मा और एहतियाती उमूर की डायरेक्टर डाक्टर एल्मरज़ विक्की ने कहा कि हिफ़ाज़ती वैक्सीन लगाने वाले मुख़्तलिफ़ किस्म के अमराज़ से महफ़ूज़ हो जाते हैं। ज़रूरत इस बात की है कि उमरा और हज पर जाने वाले खासतौर पर मुअम्मर, हामिला और दूध पिलाने वाली ख़वातीन पहली फ़ुर्सत में वैक्सीन लगवाने का एहतिमाम करें। उन्होंने उमरा और हज के मुसाफ़िरों से ये भी कहा कि वो मनासिक की अदायगी के दौरान सेहत मसाइल से बचने के लिए एहतियाती तदाबीर पर अमल करें और सफ़र के दौरान गर्मी, थकन और जिस्मानी दबाओ से भी बचें जिससे बाज़-औक़ात बीमारी और सेहत मसाइल में मुबतला होने के इमकानात बढ़ जाते हैं। इसके अलावा सेहतमंद ग़िज़ा को यक़ीनी बनाएँ।

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सऊदी नौजवान ने हादसात कम करने वाला बनाया एप, मिला गोल्ड मेडल 

रियाद : तबूक के टेक्नीकल कॉलेज के एक सऊदी तालिब-इल्म ने पुलों पर ट्रैफ़िक में गाडियों के हादसात को कम करने के लिए एक सेंसर एप्लीकेशन बना ली। ये सेंसर ट्रैफ़िक की भीड़ और हादिसात का पता लगाता है। साथ ही ट्रैफ़िक की सूरत-ए-हाल पर नज़र रखने के लिए मर्कज़ से मुंसलिक ट्रेफ़िक सिगनल्ज और कैमरों के ज़रीये ड्राईवरों को मुतनब्बा (सचेत) करता है। इसके अलावा ये एप रिपोर्टस हासिल करने और मसाइल की जल्द अज़ जल्द निशानदेही के लिए भी इस्तिमाल किया जा सकता है।
    तालिब-इल्म को अपने साबिक़ा ज़ाती मसाइब (पूर्व की व्यक्तिगत पीड़ा) की वजह से ये एप बनाने का ख़्याल आया। उसने अपने इस एप को मलाईशीया में मुनाक़िद होने वाली ईजादात (अविष्कार) और टैक्नोलोजी की बैन-उल-अक़वामी नुमाइश में शिरकत की और सोने का तमग़ा जीत लिया। अबदुल्लाह अलहाजरी ने गुफ़्तगु में बताया कि ये ख़्याल जदीद टैक्नोलोजी को ब-रू-ए-कार लाते हुए खासतौर पर पुलों पर पेश आने वाले ट्रैफ़िक हादिसात को कम करने के लिए आया क्योंकि पुलों पर पेश आने वाले ट्रैफ़िक हादिसात के नतीजे में होने वाली अम्वात की शरह बहुत ज़्यादा है। इसलिए मुझे गाड़ी का सेंसर इस्तिमाल करते हुए ईजाद का ख़्याल पैदा हुआ। उन्होंने कहा इस मंसूबे का हदफ़ जल्द अज़ जल्द इस मसले की निशानदेही करना और ट्रैफ़िक हादिसात और अम्वात की शरह को कम करना है। 
    उन्होंने वाज़िह किया कि एप्लीकेशन ड्राईवरों को लेन तबदील करने के ए अलर्ट करती है। मसला की निशानदेही करने के लिए इंतिबाही रिपोर्ट भेजती है। मजाज़ हुक्काम को तलब करती है। 

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