राजिस्थान में जमी बर्फ़
✒ नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
शुमाली हिन्दोस्तान में शदीद सर्दी ने तबाही मचा रखी है। गुजिश्ता जुमा को दार-उल-हकूमत दिल्ली में मौसम का सर्दतरीन दिन रहा, बर्फ़ीली हवाओं के बाइस कम से कम दर्जा हरारत 3.9 डिग्री सेंटीग्रेड तक पहुंच गया था। बर्फ़ीली हवाओं के साथ दिल्ली, एनसीआर में भी शदीद धुंध छाई रही। वहीं, राजस्थान के सीकर में सीज़न में पहली बार दर्जा हरारत सिफ़र (शून्य) से नीचे चला गया था।हरियाणा में भी शदीद सर्दी का सिलसिला जारी है। यहां नारनौल में दर्जा हरारत 2.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। दिल्ली, पंजाब, यूपी, हरियाणा समेत पूरे शुमाली हिन्दोस्तान में कड़कड़ाती ठंड ने लोगों को काँपने पर मजबूर कर दिया है। महकमा-ए-मौसीमीयत के मुताबिक़ दिल्ली में पारा 3.9 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ये गुजिश्ता 5 सालों में सबसे कम दर्जा हरारत है। सर्दी के साथ-साथ दिल्ली एनसीआर में शदीद धुंध की वजह से आसपास की चीजें भी नजर नहीं आ रही थी।
इंडियन रेलवे के मुताबिक़ दिल्ली आने वाली तकरीबन 23 ट्रेनें 1 से 6 घंटे की ताख़ीर से चल रही है। स्काई मेट के मुताबिक़, पंजाब और हरियाणा के पहाड़ों और मैदानी इलाक़ों से चलने वाली ख़ुशक और सर्द हवाओं ने राजिस्थान के कुछ हिस्सों में कम से कम दर्जा हरारत को कम से कम सतह पर पहुंचा दिया है। राजस्थान में सबसे ज़्यादा सर्द शहर सीकर रहा जहां का दर्जा हरारत सीज़न में पहली बार सिफ़र से नीचे चला गया। इसके अलावा चूरू में पारा एक डिग्री सेल्सियस, अलवर में 2.2 डिग्री सेल्सियस, पीलानी में 2.2 डिग्री सेल्सियस और श्री गंगानगर में 4.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों में भी इंतिहाई सर्दी पड़ रही है।
हरियाणा का नारनौल सबसे सर्द शहर था, जहां कम अज़ कम दर्जा हरारत 2.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। भिवानी में कम से कम दर्जा हरारत 3.9 डिग्री रिकार्ड किया गया। इसके अलावा हिसार, अंबाला, करनाल और सिरसा में कम अज़ कम दर्जा हरारत 5.1 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जबकि चंडीगढ़ में दर्जा हरारत 6.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। पंजाब के शहर फ़रीदकोट में कम से कम दर्जा हरारत 3.6 डिग्री सेंटीग्रेड रिकार्ड किया गया। भटिंडा में कम से कम दर्जा हरारत 4.2 डिग्री सेल्सियस और गुरुदासपुर में 4.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
पानी की पाईप में जम रहा पानी
सर्दी की लहर की वजह से जम्मू-ओ-कश्मीर में भी लोग परेशान हैं। वादी में मौसमी हालात में कोई बेहतरी ना होने की वजह से दर्जा हरारत सिफ़र से नीचे है। कश्मीर में जहां रातें सर्द हो रही हैं, वहीं दिन मामूल से ज़्यादा गर्म हो गए हैं। गुलमर्ग में दर्जा हरारत मनफ़ी 3.5 था। वहीं पहलगाम में पारा 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। जबकि कुपवारा में कम से कम दर्जा हरारत मनफ़ी 5.3 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। कश्मीर इस वक़्त सर्द हवाओं की लपेट में है, जो 40 दिनों की सख़्त सर्दी की मुद्दत है। इस दौरान वादी में सर्दी की लहर चलती है और दर्जा हरारत काफ़ी गिर जाता है। यहां तक कि पाइपों में पानी जमने लगता है।साल 2023, दुनिया की एक लाख साला तारीख़ का गर्मतरीन बरस रहा : योरपी साईंसदान
लंदन : योरपी यूनीयन के साईंसदानों ने कहा है कि गुजिश्ता बरस माज़ी की निस्बत दर्जा हरारत में बड़े इज़ाफे़ के साथ ग़ालिबन दुनिया की एक लाख साला तारीख़ का गर्मतरीन बरस था। बर्तानवी न्यूज ऐंसी के मुताबिक़ ये बात मंगल को कोपरनेक्स क्लाइमेट चेंज सर्विस ने कही है।गुजिश्ता बरस जून के बाद से हर महीना पिछले बरसों के उन्ही महीनों के मुक़ाबले में रिकार्ड पर दुनिया का सबसे ज़्यादा गर्म रहा। सी 3 के डायरेक्टर ने कहा है कि अपनी आब-ओ-हवा के लिहाज़ से ये एक बहुत ही ग़ैरमामूली साल रहा है। अपने तसलसुल में, यहां तक कि दूसरे बहुत से गर्म बरसों के मुक़ाबले में ये साल ज़्यादा गर्म रहा है। सी 3 एस ने आलमी दर्जा हरारत के रिकार्डज़ में 2023 को 1850 तक का गर्मतरीन साल क़रार दिया। डायरेक्टर ने कहा कि साल 2023 पिछले एक लाख बरसों में सबसे ज़्यादा गर्म साल था।सन 2023 1850-1900 से पहले के दौर, जब इन्सानों ने फौसल ईंधन जलाना और कार्बन डाई ऑक्साईड को फ़िज़ा में छोड़ना शुरू किया के मुक़ाबले में औसतन 1.48 डिग्री सेल्सियस ज़्यादा गर्म था। दुनिया के मुख़्तलिफ़ ममालिक ने 2015 के पेरिस मुआहिदे में इस बात पर इत्तिफ़ाक़ किया था कि ग्लोबल वार्मिंग को 2.7 डिग्री फारेन हाईट से तजावुज़ करने से रोकने की कोशिश की जाए ताकि उसके संगीन नताइज से बचा जा सके। ज्यादातर मुल्कों ने इस हदफ़ की ख़िलाफ़वरज़ी तो नहीं की लेकिन सी 3 एस ने कहा कि 2023 के तक़रीबन आधे अर्से में दर्जा हरारत उस सतह से तजावुज़ कर गया था जिसने एक संगीन मिसाल क़ायम की है।
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