27 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
इतवार, 16 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं‘जो कोई नजूमी (ज्योतिष) के पास जाए और उससे कुछ मुस्तकबिल के बारे में सवाल करे तो उसकी चालीस रातों की इबादत कबूल नहीं होती।’
- मुस्लिम
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया यूनीफार्म सिविल कोड को लेकर अवाम बड़ी तादाद में अपने मश्वरे ला कमीशन को भेज रही है। ला कमीशन ने मजहबी तन्जीमों और आम लोगों से एक माह कब्ल गुजारिश की थी कि वो अपनी राय 13 जुलाई तक कमीशन को भेज सकते हैं। इस गुजारिश का जबरदस्त असर दिखाई दिया, क्योंकि एक रिपोर्ट के मुताबिक तकरीबन 46 लाख मश्वरे ला कमीशन को मौसूल हो चुके हैं। एक जराइआ के हवाले से न्यूज एजेंसी पीटीआई ने 11 जुलाई को बताया कि 10 जुलाई की शाम तक यूनीफार्म सिविल कोड पर ला कमीशन को तकरीबन 46 लाख मश्वरे मिले हैं। कमीशन ने 14 जून को एक बयान जारी कर इस कानून पर मंजूरशुदा मजहबी तन्जीमों और अवाम से मश्वरा तलब किया था और इसके लिए 30 दिनों का वक़्त दिया था। यानी राय भेजने की डेडलाईन 13 जुलाई तै की गई थी।
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वाजेह रहे कि इससे कब्ल 21वीं ला कमीशन ने भी यूनीफार्म सिविल कोड मुआमले पर स्टडी किया था। 21वीं ला कमीशन ने इस मुआमले की जांच की और दो मौके पर सभी इस्टेक होल्डर्स के नजरियात मांगे थे। कमीशन की मुद्दत कार अगस्त 2018 में खत्म हो गई थी। बादअजां अगस्त 2018 में ही फैमिली एक्ट में इस्लाह पर एक मश्वरा जारी किया गया था। चूँकि इस मश्वरा के जारी हुए तीन साल से ज्यादा का वक़्त गुजर चुका है, इसलिए मौजू की एहमीयत को तवज्जा में रखते हुए 22वीं ला कमीशन ने नए सिरे से सलाह-ओ-मश्वरा करना ठीक समझा और लोगों से अपनी राय देने की गुजारिश की।