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स्वीडिश हुकूमत ने अब तौरेत व इंजील को जलाने की दे दी इजाजत

27 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
इतवार, 16 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘जो कोई नजूमी (ज्योतिष) के पास जाए और उससे कुछ मुस्तकबिल के बारे में सवाल करे तो उसकी चालीस रातों की इबादत कबूल नहीं होती।’  
- मुस्लिम
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लंदन : आईएनएस, इंडिया 
स्वीडिश पुलिस ने बताया है कि उन्होंने एक एहतिजाज के लिए इजाजतनामा दे दिया है, जिसमें स्वीडन के दार-उल-हकूमत स्टाकहोम में इसराईली सिफारत खाने के बाहर मुकद्दस किताबों को नजर-ए-आतिश किया जाएगा। हालांकि स्वीडिश हुकूमत के इस इकदाम की इसराईल और यहूदी तन्जीमों की जानिब से खासी मजम्मत की गई है। 
स्वीडिश हुकूमत ने अब तौरेत व इंजील को जलाने की दे दी इजाजत
    रिपोर्ट के मुताबिक सनीचर को होने वाला ये मुतनाजे एहतिजाज (विवादित प्रदर्शन), स्टाकहोम की मर्कजी मस्जिद के बाहर एक शख़्स की जानिब से कुरान-ए-पाक के सफहात को नजर-ए-आतिश करने के चंद हफ़्तों बाद सामने आया है। पुलिस को एहतिजाज के लिए दी गई दरखास्त के मुताबिक मुजाहिरे में तौरेत और इंजील को जलाना शामिल होगा, जो कुरान-ए-पाक की बे-हुरमती का रद्द-ए-अमल है और ये आजादी इजहार राय की हिमायत का इजहार होगा। स्टाकहोम पुलिस ने जोर देकर कहा कि स्वीडिश कानून के मुताबिक उन्होंने लोगों को अवामी तौर पर जमा होने की इजाजत दी है, लेकिन इस दौरान की जाने वाली सरगर्मी की नहीं। स्टाकहोम पुलिस की प्रेस अफ़्सर कैरीना स्केगरलिंड ने कहा कि 'पुलिस मजहबी किताबों को जलाने के इजाजतनामे जारी नहीं करती, बल्कि अवामी इजतिमा मुनाकिद करने और राय का इजहार करने के लिए इजाजतनामा जारी करती है। 
    इसराईल के सदर इसहाक हरजूग समेत कई इसराईली नुमाइंदों और यहूदी तन्जीमों ने फौरी तौर पर इस फैसले की मुजम्मत की, इसराईली सदर ने एक बयान में कहा कि मैं वाजेह तौर पर स्वीडन में मुकद्दस किताबों को जलाने की इजाजत की मुजम्मत करता हूँ। उनका मजीद कहना कि मैंने दुनिया-भर के मुस्लमानों के लिए मुकद्दस कुरआन-ए-मजीद को नजर-ए-आतिश करने की मुजम्मत की थी और मेरा दिल दुखी है कि यहूदियों की अब्दी किताब, यहूदी बाइबल के साथ भी यही होने जा है? आलमी सहयोनी तंजीम के चेयरमैन याकूफ हेगोयल ने एक बयान में कहा कि एहतिजाज का इजाजतनामा देना 'आजादी इजहार नहीं, बल्कि यहूद दुश्मनी है। 
    ख़्याल रहे कि जून में स्वीडन की पुलिस ने 37 साला सलवान मोमीका के एहतिजाज के लिए इजाजतनामा दिया था, जिसके दौरान उसने कुरान-ए-पाक की बे-हुरमती की और उसके सफहात को नजर-ए-आतिश कर दिया था। एहतिजाज का इजाजतनामा आजादाना तकरीर के तहफ़्फुजात के मुताबिक दिया गया था, लेकिन बाद में हुक्काम ने ये नोट करते हुए कि सलवान मोमीका ने मस्जिद के बिलकुल करीब इस्लामी मुकद्दस किताब के सफहात को जलाया था, कहा कि उन्होंने एक नसली गिरोह के खिलाफ तहकीकात शुरू कर दी है। इराक, कुवैत, मुत्तहदा अरब अमीरात और मराकश समेत मुतअद्दिद ममालिक ने कुरान-ए-पाक की बे-हुरमती के वाकिये पर एहतेजाजन स्वीडन के सफीरों को तलब किया था जिसके नतीजे में 57 रुकनी इस्लामी तआवुन तंजीम का हंगामी इजलास भी मुनाकिद हुआ। 
    स्वीडन की हुकूमत ने भी कुरान-ए-पाक नजर-ए-आतिश करने के इकदाम को गलत करार देते हुए उसकी मुजम्मत की थी साथ ही ये भी कहा था कि मुल्क को 'इजतिमा, इजहार राय और मुजाहिरे की आजादी का आईनी तौर पर हक' हासिल है।
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