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ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी के मुतालिबा वाली अर्जी पर 11 अगस्त को होगी सुनवाई

24 जिल हज्ज, 1444 हिजरी
जुमेरात, 13 जुलाई, 2023
अकवाले जरीं
‘जो चीज सबसे ज्यादा लोगों को जन्नत में दाखिल करेगी वह खौफ-ए-खुदा और हुस्ने अखलाख है।’
- तिर्मिजी
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वाराणसी : आईएनएस, इंडिया 
ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी की इजाजत का मुतालिबा करने वाली अर्जी पर फास्टट्रैक कोर्ट में 5 जुलाई को समाअत होनी थी, लेकिन मुद्दई के गैरहाजिर रहने के सबब समाअत नहीं हो सकी। मुद्दा अलैह अदालत में हाजिर था, लेकिन मुद्दई के मौजूद ना रहने को देखते हुए अदालत ने केस की समाअत के लिए 11 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। 
ज्ञानवापी में उर्स और चादरपोशी के मुतालिबा वाली अर्जी पर 11 अगस्त को होगी सुनवाई, Hearing will be held on August 11 on the application regarding Urs and Chadarposhi in Gyanvapi
    वाजेह रहे कि एक माह की तातील (अवकाश) के बाद अदालत खुलने के दूसरे दिन मजकूरा मुआमले की समाअत होनी थी। ज्ञानवापी अहाता में उर्स मनाने और 3 मजारों पर चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने का मुतालिबा करने वाली इस अर्जी पर समाअत (सीनीयर डवीजन महिन्द्र नाथ पांडे) की अदालत में होनी थी। ये अर्जी मुखतार अहमद समेत 4 अर्जी दहिंदगान ने गुजिश्ता साल दाखिल की थी। मुस्लिम फरीक का मुतालिबा है कि उन्हें मजार पर चादर चढ़ाने, फातिहा पढ़ने और उर्स मुनाकिद करने समेत सभी मजहबी सरगर्मियों की इजाजत दी जाए। इस अर्जी में अंजुमन इंतिजामीया मसाजिद, जिÞला इंतिजामीया और दीगर को मुद्दा अलैह बनाया गया है। वाराणसी के लौहता बाशिंदा मुखतार अहमद अंसारी, कच्ची बाग बाशिंदा अनीस-उल-रहिमान समेत 3 दीगर लोगों ने अदालत में ये अर्जी दाखिल की है। मुआमले में मुस्लिम फरीक का कहना है कि मुद्दा अलैह के साथ ही रियास्ती हुकूमत, अंजुमन इंतिजामीया मसाजिद कमेटी, वाराणसी जिÞला मजिस्ट्रेट और पुलिस कमिशनरीयट को हुक्म दिया जाए कि वो उर्स जैसी सरगर्मियों को होने से यहां पर कोई रोक-टोक ना करें।


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