03 जिल हज्ज 1444 हिजरी
जुमेरात, 22 जून 2023
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मकबूजा बैतुल-मुकद्दस : आईएनएस, इंडिया मकबूजा बैतुल-मुकद्दस की हिमायत के लिए सरगर्म योरपी ग्रुप फार यरूशलम ने कहा है कि ग्रुप काबिज रियासत इसराईल में हुकमरान पार्टी के इसराईली कनेस्ट के रुक्न अमीत हलेवी के तैयार करदा नए बिल को संजीदगी से देखता है और मस्जिद अकसा की तकसीम की साजिÞश को खतरनाक पेश-रफ़्त करार देता है। ग्रुप की तरफ से जारी एक बयान की नकल मर्कज इत्तिलाआत फलस्तीन को मौसूल हुई है, जिसमें मजीद कहा गया है कि मुसव्वदा कानून इसराईली पालिसीयों में एक और इकदाम की नुमाइंदगी करता है, जिसकी कियादत काबिज रियासत में फाशिस्ट दाएं बाजू की हुकूमत कर रही है। इस साजिÞश का मकसद मस्जिद अकसा पर गलबा हासिल करना, नसल परस्ती को बरकरार रखना और तमाम बैन-उल-अकवामी कवानीन की खिलाफवरजी करते हुए मशरिकी बैतुल मुकद्दस के तारीखी स्टेट्स को तबदील करना है। योरपी स्पोर्ट ग्रुप फार यरूशलम ने निशानदेही की कि इस मंसूबे का खतरा इस हकीकत में मुजम्मिर है कि ये मस्जिद अकसा को खुसूसी तौर पर अलकबली मस्जिद की इमारत के तौर पर दुबारा मुतय्यन करना चाहता है। इसराईल की कोशिश है कि मस्जिद अलकबली को मुस्लमानों के लिए मुखतस (रिजर्व) करके मस्जिद अकसा के बाकी तमाम मुकामात को यहूदीयों के सपुर्द करना है। इस पर यहूदियत और इस तरह मजहबी, तारीखी और कानूनी हकायक की खिलाफवरजी के तौर पर मुकामी तकसीम को जारी रखना है। बयान में कहा गया है कि मस्जिद अकसा का 144 रकबा इस्लामी औकाफ और मस्जिद अकसा का हिस्सा है जिस पर किसी और का कोई हक नहीं। ग्रुप ने खबरदार किया कि इसराईली रुक्न के हाथों तैयार मुसव्वदा कानून खतरनाक पेश-रफ़्त है। हकीकत ये है कि ये इकदाम एक फाशिस्ट हुकूमत की पालिसीयों की तौसीअ है, जिसने गुजशता महीनों के दौरान डी फैक्टो इकदामात में इजाफा किया है और मस्जिद अकसा में जमीनी और मकानी तकसीम मुसल्लत करने की कोशिश की है।
बयान में कहा गया है कि इसराईल एक सोचे समझे मंसूबे के तहत अल-कूदस के बाशिंदों को मस्जिद अकसा से दूर रखकर मुस्लमानों के मुकद्दस मुकाम को यहूदीयों के हवाले करना चाहता है। अल-कूदस के बाशिंदों के खिलाफ नसली ततहीर का अमल जारी है। यरूशलम के लिए योरपी ग्रुप ने खबरदार किया कि मस्जिद अकसा और इसके फलस्तीनी इस्लामी तशख़्खुस को निशाना बनाने वाले किसी भी इकदाम से कशीदगी में इजाफा होगा।
गाजा से आजमीन-ए-हज का पहला काफिला रवाना
गाजा : फलस्तीन के इलाके गाजा की पट्टी में आजमीन का पहला ग्रुप सोमवार को रफा क्रासिंग के जरीये काहिरा के बैन-उल-अकवामी हवाई अड्डे की तरफ रवाना हो गया, जहां से वो ममलकत सऊदी अरब रवाना होगा।गाजा की पट्टी से 2,668 आजमीन की रवानगी को चार दिनों में तकसीम किया गया है। उनके साथ मंजूरशुदा मिशन्ज इंतिजामी, तब्लीगी, तिब्बी और मीडीया के जरीये हुज्जाज की खिदमत, उनके आराम और इबादात की तकमील में सहूलत फराहम करने के लिए दीगर रजाकार भी मौजूद होंगे। फलस्तीनी वजारत औकाफ और मजहबी उमूर की सरबराही में सरकारी इदारों ने इस सीजन की कामयाबी के लिए अपना तरीका-ए-कार मुकम्मल कर लिया है, जिसका आगाज अवामी कुरआ अंदाजी से हुआ है। इसके बाद जरूरी वीजों का हुसूल मुम्किन बनाया गया। उसके बाद मिस्र और सऊदी अरब में फिजाई और जमीनी नकल-ओ-हमल के मुआहिदों को मुकम्मल किया गया।