4 जीअकादा 1444 हिजरी
जुमेरात, 25 मई, 2023
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मकबूजा बैतुल-मुकद्दस : आईएनएस, इंडिया इसराईली फौज के एक साबिक अफ़्सर ने यरूशलम के पुराने शहर में वाके मस्जिद अकसा के दरवाजे की चाबी महकमा इस्लामी औकाफ को वापिस कर दी है। याएर बाराक नामी साबिक (पूर्व) इसराईली पैरा मिल्ट्री अफ़्सर ने ये चाबी सालों पहले चुराई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने ये चाबी तब चुराई थी, जब इसराईली फौज शहर पर कब्जा कर रही थी। उन्होंने कहा कि अब जब मैं यरूशलम में ईसराईलीयों की बढ़ती हुई इश्तिआल अंगेज कार्यवाहीयां देखता हूँ, तो सोचता हूँ कि अब वक़्त आ गया है कि ना सिर्फ इस चाबी को वापिस किया जाए बल्कि मकबूजा मगरिबी किनारे और तमाम चोरीशुदा सामान को फलस्तीनीयों को वापिस कर दिया जाए। याएर बाराक अब इसराईली फौज से रिटायर्ड हो चुके हैं। वो इस हफ़्ते, मस्जिद अकसा में वाके महिकमा औकाफ के दफ़्तर गए, और तारीखी मराकशी दरवाजे की चाबी महिकमा के डायरेक्टर शेख इजाम अलखतीब और मस्जिद अकसा के डायरेक्टर शेख उम्र अलकसवानी के हवाले की। उन्होंने कहा कि वो जानते हैं कि चाबी सिर्फ एक अलामत है और इस जैसी और भी चाबियाँ हैं, लेकिन वो ये अलामती कदम नफरत और दुश्मनी को फरोग देने वालों के खिलाफ कार्रवाई के तौर पर उठा रहे हैं। उन्होंने मजीद कहा कि हक उसके मालिकान को वापिस होना चाहिए। शेख इजाम अलखतीब ने उनका शुक्रिया अदा करते हुए कहा, हां, चाबी उसके असल मालिकों को मिल गई है। 80 साला अफ़्सर याएर बाराक जलील में एक यहूदी कोआपरेटिव में मुकीम हैं। 1967 में, जब उन्हें इसराईली फौज के एक यूनिट के साथ मशरिकी बैतुल-मुकद्दस पर कब्जा करने के लिए भेजा गया था, वो चौबीस साल के थे।