30 शव्वालुल मुकर्रम 1444 हिजरी
इतवार, 21 मई, 2023
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नई दिल्ली : आईएनएस, इंडियासुप्रीमकोर्ट ने जुमा 19 मई को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद के अहाता से गुजिश्ता साल होने वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान बरामद मुबय्यना (कथित) शिवलिंग की कार्बन डेटिंग समेत साईंसी सर्वे के हुक्म पर रोक लगा दी है। साईंसी सर्वे कराने का हुक्म इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सादर किया था, जिसके खिलाफ मस्जिद इंतेजामिया कमेटी ने अदालत-ए-उज्मा (सुप्रीम कोर्ट) से रुजू किया था। ख़्याल रहे कि ज्ञानवापी मस्जिद के वीडियोग्राफी सर्वे के दौरान मस्जिद के वुजू खाना से ये मुबय्यना शिवलिंग बरामद हुआ था, जिसके बारे में मुस्लिम फरीक का कहना है ये कोई शिवलिंग नहीं बल्कि वुजू खाना में नसब किया गया फव्वारा है, वहीं हिंदू फरीक का दावा है कि ये शिवलिंग ही है और हिन्दूओं को इसकी पूजा करने की इजाजत मिलनी चाहिए। चीफ जस्टिस डीवाई चन्द्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस केवी विश्वनाथन पर मुश्तमिल बेंच ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुबय्यना शिवलिंग की कार्बन डेटिंग की इजाजत देने वाले हुक्म से उसे होने वाले नुक़्सान की बारीकबीनी से जांच पड़ताल किए जाने की जरूरत है। बेंच ने मजीद कहा कि हुक्म से मुताल्लिका हिदायात पर अमल दरआमद अगली तारीख तक मोअखर (स्थगित) की जाती है। सुप्रीमकोर्ट ने ये हुक्म इलाहाबाद हाईकोर्ट के आरक्योलोजीकल सर्वे आफ इंडिया (एएसआई) को मुबय्यना शिवलिंग की कार्बन डेटिंग करने की इजाजत देने के हुक्म के खिलाफ अंजुमन इस्लामीया मस्जिद कमेटी (जो वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का इंतिजाम सँभालती है) की तरफ से दायर स्पेशल पिटीशन की समाअत के बाद जारी किया।
रियासत उतर प्रदेश की तरफ से सॉलीसिटर जनरल आफ इंडिया तुषार महित पेश हुए और उन्होंने भी साईंसी सर्वे के दौरान ढाँचे को पहुंचने वाले नुक़्सान पर तशवीश (चिंता) का इजहार किया। कब्लअजीं, मुबय्यना शिवलिंग की साईंसी तहकीकात की दरखास्त सितंबर 2022 में वाराणसी कोर्ट के सामने भी पेश की गई थी। इस अर्जी को भी उस मुकाम (वुजू खाना) की हिफाजत के सुप्रीमकोर्ट के हुक्म को मद्द-ए-नजर रखते हुए मुस्तर्द कर दिया गया था, जहां मुबय्यना शिवलिंग के पाए जाने का दावा किया गया था।