30 शव्वालुल मुकर्रम 1444 हिजरी
इतवार, 21 मई, 2023
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मुंबई : आईएनएस, इंडिया आजमीन-ए-हज (हज यात्री) के लिए महाराष्ट्र के कई इंबारकेशन प्वाइट्स पर इजाफी (अतिरिक्त) चार्ज लगाए जाने पर समाजवादी पार्टी के लीडर अबू आसिम आजमी ने बरहमी (नाराजगी) का इजहार किया है और इस सिलसिले में हज हाऊस पर मुनाकिदा एहितजाजी धरना दिया। अबू आसिम आजमी ने कहा कि आजमीन-ए-हज के साथ ना इंसाफी नाकाबिल-ए-बर्दाश्त है। इस दौरान उन्होंने औरंगाबाद इंम्बारकेशन प्वाईंट पर इजाफी चार्ज लगाए जाने को फौरन हटाने का मुतालबा किया। उन्होंने कहा कि ये इजाफी बोझ हुज्जाज किराम के लिए गैर जरूरी है जबकि सफर हज महंगा भी हुआ है, ऐसी सूरत-ए-हाल में इंबारकेशन प्वाईंट पर मजीद इजाफी रकूमात का तकाजा नाकाबिल-ए-कबूल है, इसलिए इजाफी चार्ज को वापिस लिया जाए। उन्होंने हज कमेटी आफ इंडिया, वजारत अकलीयती उमूर, वजारत-ए-खारजा और मर्कजी वजीर-ए-अकलीयाती उमूर स्मृति ईरानी से इस मुआमला में मुदाखिलत की दरखास्त की। आजमी ने कहा कि औरंगाबाद, नागपुर और रियासत के दीगर आजमीन-ए-हज के साथ ना इंसाफी की जा रही है, जो नाकाबिल-ए-कबूल है। उन्होंने कहा कि औरंगाबाद और नागपुर इंंबारकेशन प्वाईंट से आजमीन को मुंबई के मुकाबला 77 हजार रुपय की अदायगी करने कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि रियासत के तमाम आजमीन से यकसां किराया वसूल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना वबा के बाद ये पहला सफर हज है जिसमें कोई बंदिश नहीं है, लेकिन इस किस्म के इजाफी किराया से आजमीन-ए-हज को परेशानीयों का सामना करना पड़ रहा है। अबू आसिम आजमी ने बरहमी का इजहार करते हुए कहा कि हज के उमूर में आजमीन को सहूलयात फराहम करने के साथ हज को सस्ता करने की कोशिश करना जरूरी है लेकिन रोज ब रोज हज महंगा होता जा रहा है जो आम मुस्लमान के दस्तरस से बाहर है। ऐसे में मजीद इजाफी बोझ और गैर जरूरी अखराजात आजमीन-ए-हज्ज के लिए परेशानी का बाइस बन जाते हैं।
उन्होंने कहा कि हज बैतुल्लाह एक मजहबी फरीजा है। इसमें सरकार को मुस्लमानों के साथ रियाइत करनी चाहीए लेकिन सरकार ने पहले हज पर सबसिडी खत्म की और फिर अब इजाफी चार्ज वसूल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, सबसिडी खत्म करने पर मुस्लमानों को कोई एतराज नहीं है लेकिन हज महंगा करने पर मुस्लमान परेशान हैं, इसके बावजूद सरकार इस जानिब कोई तवज्जा नहीं दे रही है।