Top News

मां की ठीक तरह से देखभाल नहीं, तीन भाईयों ने एक साथ दे दी अपनी बीवियों को तलाक

13 शव्वाल 1444 हिजरी
जुमेरात, 4 मई, 2023
---------------------
काहिरा : आईएनएस, इंडिया 
मिस्र के मारूफ सयाहती इलाके अलाकसर में पेश आने वाले एक वाकिये ने लोगों को हैरान कर दिया। इस इलाके में तीन सगे भाईयों ने अपनी बीवियों को एक ही वक़्त में एक ही वजह से तलाकनामे थमा दिए।
    अल अमीरातुल यौम के मुताबिक अलाकसर कमिशनरी के जिस खित्ते में इजतिमाई तलाक का वाकिया पेश आया, वो कदामत पसंद (रूढ़ीवादी) माना जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि तीनों भाईयों ने अपनी बीवियों को महज इसलिए तलाक दे दी क्योंकि उनकी बीवियां उनकी माँ की खिदमत मतलूबा तरीके से नहीं कर रही थीं। तीनों भाईयों की बहन हफ़्ते में दो दिन अपनी माँ की खिदमत के लिए आया करती थीं। ताहम अपने शौहर की बीमारी की वजह से उनकी बहन इन दिनों माँ की खिदमत के लिए नहीं आ पा रही थीं। अल अमीरातुल यौम के मुताबिक तय पाया गया था कि भाईयों की बीवियां वालिदा के मुख़्तलिफ कामों में मदद करेंगी। तीनों ने अपनी बीवीयों को इस हवाले से ताकीद कर दी थी मगर ईद के मौका पर जब तीनों भाई घर लौटे तो मुहल्ले की एक बूढ़ी खातून उनकी माँ को नहला रही थी। ये देखते ही तीनों आपे से बाहर हो गए और उन्होंने अपनी बीवीयों को तलाक दे दी।
    उन्होंने अपनी बीवीयों के रिश्तेदारों को फोन कर के कहा कि 'उनकी बेटियों के लिए हमारे यहां कोई जगह नहीं और वो उन्हें हमारे यहां से ले जाएं। इजतिमाई तलाक की खबर पूरे इलाके में जंगल की आग की तरह फैल गई। 

एक साल में लाखों पाकिस्तानी मुल्क छोड़ गए

इस्लामाबाद : 1 साल में 10 लाख पाकिस्तानी मुल्क छोड़ गए, सिर्फ एक साल में बैरून-ए-मुल्क जानेवाले पाकिस्तानियों की तादाद में 300 फीसद इजाफा हो गया। सालाना औसतन 2 से ढाई लाख पाकिस्तानी बैरून जाते थे, अब ये तादाद बढ़कर 1 मिलियन तक पहुंच गई है। 
    इस हवाले से रिपोर्ट के मुताबिक गैर यकीनी मआशी-ओ-सियासी सूरत-ए-हाल, महंगाई और बेरोजगारी से परेशान लाखों नौजवान रिज्क की तलाश में समुंद्र पार चले गए। खबर के मुताबिक रोजगार के हुसूल के लिए बैरून-ए-मुल्क जानेवाले पाकिस्तानियों की तादाद में 3 गुना इजाफा हो गया है। गुजिश्ता साल दिसंबर तक 7 लाख 65 हजार नौजवान हुसूल रोजगार के लिए पाकिस्तान छोड़कर जा चुके थे, जबकि रवां साल के इबतिदाई 4 माह में मजीद हजारों पाकिस्तानी बैरून-ए-मुल्क चले गए। बैरून-ए-मुल्क जाने वालों में डाक्टर, इंजीनियर, आईटी माहिरीन, एकाउंटेंट्स, एसोसीएट इंजीनियर, असातिजा, नर्सेज शामिल हैं, 92 हजार से जाइद आला तालीम याफता अफराद भी दियार-ए-गैर जा बसे।

Post a Comment

if you have any suggetion, please write me

और नया पुराने