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सड़क बंद कर इफतार व नमाज पढ़ने के खिलाफ शिकायत दर्ज

25 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
पीर, 17 अपै्रल, 2023

दस्तरख़्वान-ए-मुहब्बत से भी जाफरानियों को उलझन


सड़क बंद कर इफतार व नमाज पढ़ने के खिलाफ शिकायत दर्ज

गाजीयाबाद : आईएनएस, इंडिया 
मुरादनगर, मुल्क नगर कॉलोनी की मर्कजी सड़क को मुबय्यना तौर पर बंद करके रोजा इफतार कराने की वीडीयो सोशल मीडीया पर वाइरल हो रही है। हिंदू युवा वाहिनी के सिटी सदर ने इस मुआमले में शिकायत की है। हिंदू युवा वाहिनी के कारकुन आयूष त्यागी ने बताया कि जीतपुर के लोगों ने बताया कि मुल़््क नगर से जीतपुर तक सड़क बंद कर नमाज और रोजा इफतार पार्टी का एहतिमाम किया जा रहा है। सड़क को छ: से सात घंटे तक बंद रखा गया। वीडीयो जुमा की शाम की बताई जा रही है। हिंदू युवा वाहिनी के सिटी सदर प्रजापति ने पुलिस स्टेशन में शिकायत की है। एसीपी सदर निमेश पाटल का कहना है कि गाजीयाबाद में दफा 144 नाफिज है, इसलिए ज्यादा लोग अवामी मुकामात पर जमा नहीं हो सकते। तहरीर की बुनियाद पर तहकीकात के बाद कार्रवाई की जाएगी। अगर दरमयान में बैठ कर नमाज पढ़ी जाए तो दफा में इजाफा किया जाएगा। इस दौरान हुर्रियत खटक, अमीत त्यागी, रिंकू प्रधान, अवनीश प्रधान, अंकित त्यागी, ओम वीर सिंह, शिवम वगैरा मौजूद थे।

दस्तरख़्वान-ए-मुहब्बत
हैदराबाद में इफतार पार्टियां बन गईं कौमी हम-आहंगी का जरिया

हैदराबाद : तारीखी शहर हैदराबाद दकन में इफतार पार्टियां, हिंदू-मुस्लिम भाईचारा का जरीया बन गई हैं। इन इफतार पार्टियों का इनइकाद रोज का मामूल है, यहां तक कि हिंदू भी अपने मुस्लमान दोस्तों के लिए ऐसी पार्टियों का एहतिमाम करते हैं। ये उसमान शाही में काफी मकबूल है, जहां शंकर शेर होटल के करीब पुराने टावर शाप के मालिकान इफतार पार्टियों का एहतिमाम करते हैं जो कि फिरकावाराना हम-आहंगी और भाई चारे की बेहतरीन मिसाल और हैदराबाद की गंगा जमुनी तहजीब की अलामत है। 

    एक दुकानदार राकेश लाल यादव ने कहा कि गुजिश्ता 12 सालों से इसका एहतिमाम कर रहे हैं। हम तमाम तेहवारों में एक साथ हिस्सा लेते हैं। एक और दुकान के मालिक, उमेश लाल यादव ने कहा कि हर कोई हमारे इफतार प्रोग्रामों में जोश-ओ-खुरोश से हिस्सा लेता है, ब शमूल दुकानों में काम करने वालों के। मक्का मस्जिद के करीब इफतार पार्टी का एहतिमाम करने वाले बोंथापली खानदान के एक रुकन ने कहा कि मेरे दादा एक सुनार थे। उन्हें ये ख़्याल उस वक़्त आया, जब वो एक दिन चारमीनार से गुजर रहे थे। हम इस रिवायत को जारी रखे हुए हैं।



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