20 रमजान-उल मुबारक, 1444 हिजरी
बुध, 12 अपै्रल, 2023
नई दिल्ली : आईएनएस, इंडिया
इस साल का सफरे हज हिन्दुस्तानी हाजियों के लिए एक तारीखी सफर होगा, ख़्याल रहे कि फिक़्ह इस्लामी महरम के बगैर सफर हज को ममनू करार दिया गया है। ऐसा पहली बार हुआ है कि 4,300 से ज्यादा खवातीन ने बगैर महरम या मर्द सरपरस्त के सफर करने के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।

ये बताने की जरूरत नहीं कि ये आजादाना तौर पर हज पर जाने वाली हिन्दुस्तानी मुस्लिम खवातीन का अब तक का सबसे बड़ा दस्ता है। अगरचे ये मजहबी तकरीबात में खवातीन की शिरकत के हवाले से तबदीली का इशारा देता है, लेकिन उसने मुस्लिम मजहबी पालिसीयों में इस्लाहात पर बहस का रास्ता भी बनाया है। बरसों से, सऊदी कानून के मुताबिक हज और उमरा के लिए खवातीन आजमीन को मर्द रिश्तेदारों के साथ होना जरूरी था। ताहम, सऊदी अरब ने अक्तूबर 2022 में इस शर्त को खत्म कर दिया, जिससे 45 साल से ज्यादा उम्र की मुस्लमान खवातीन को तन्हा सफर करने की इजाजत दी गई। इस इकदाम को मुस्लिम दुनिया में खवातीन के हुकूक और बाइखतियार बनाने की जानिब एक अहम कदम के तौर पर देखा गया। फिक़्ह इस्लामी के तमाम मकातिब हनफी, शाफएह, मालकी बगैर महरम के सफर हज मुकम्मल तौर पर ममनू है।
मां को कंधों पर उठा कर तवाफ कराने का मंजर, वीडीयो ने आबदीदा कर दिया
रियाद : मस्जिद अल हरम में खाना-ए-काअबा के एतराफ तवाफ करने के मुनाजिर में से एक मंजर ने लोगों के दिलों को मस्हूर कर दिया है। वीडीयो में देखा जा सकता है कि एक शख़्स उमरा अदा करते हुए अपनी माँ को अपने कंधों पर उठा कर तवाफ करा रहा है।
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Aerial view of Makka Shareef (मक्का शरीफ की हेलीकाप्टर से ली गई वीडियो) (Courtesy : Reasah Alharmain)
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अल्लाह के घर हाजिर होने वाला ये शख़्स वालदैन से अच्छा सुलूक करने के अल्लाह के हुक्म की पैरवी भी कर रहा है। सोशल मीडीया पर अपनी मां को अपने कंधों पर उमरा के मनासिक अदा कराने वाले इस वफादार बेटे की वीडीयो बड़े पैमाने पर सोशल मीडीया पर गर्दिश कर रही है। लोगों ने इस शख़्स के अमल को जबरदस्त खिराज-ए-तहिसीन पेश किया है। वीडीयो में देखा जा सकता है कि खाना-ए-काअबा के कुर्ब-ओ-जवार में एक शख़्स कैसे अल्लाह के फरमान की मुजस्सम तस्वीर बना हुआ है।
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Fatah-e-Makka 20 Ramzanul Mubarak
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बेटे के माँ के लिए प्यार और उससे वफादारी के इस मंजर को देखकर लोगों ने जबरदस्त तारीफ की है। बड़ी तादाद में लोगों ने वालदैन की ताजीम में शानदार तबसरे किए हैं। इस बेसाखता मंजर में अपनी माँ को कंधों को उठा कर अल्लाह के घर के गर्द चक्कर लगाने वाले की खुशी काबिल-ए-दीद है जिससे उसकी अपने माँ के लिए गहिरी मुहब्बत भी मजीद वाजिह हो रही है। वीडीयो देखने वालों ने अपने तबसरों में माँ की कदर करने वाले इस शख़्स के लिए दुआएं की। बहुत से लोगों ने कहा कि ये इकदाम वालदैन के बच्चों पर किए गए एहसानात में से किसी छोटे से एहसान को वापिस लौटाने की कोशिश है।