रियाद : आईएनएस, इंडिया
अल मस्जिद उल हराम में सेहत की देख-भाल और बीमारीयों से बचाव की आम इंतिजामीया के डायरेक्टर हुस्न अलस्वेहरी ने कहा है कि बैतुल्लाह शरीफ में जाइरीन और नमाजियों की तादाद में इजाफे़ के साथ-साथ जमजम के पानी की दस्तयाबी यकीनी बनाने और उसे महफूज करने के लिए फील्ड टीमों को तेज और मुतहर्रिक कर दिया गया है।
उन्होंने अल अखबारीह चैनल पर अल नहार प्रोग्राम में फोन काल पर गुफ़्तगु करते हुए बताया कि जमजम के पानी के खसाइस और इस की कीमीयाई खसुसीआत में किसी किस्म की तबदीली की निगरानी की जाती है। इसमें नुक़्स तलाश किया जाता है ताकि नुक़्स होने की सूरत में ऐसा पानी हरम तक ना पहुंच सके। उन्होंने निशानदेही की कि किसी भी अदम तवाजुन की सूरत में पानी को बोतलों में पैक करने के इस मंसूबे को मुकम्मल बंद करके इंतिजामीया को मतला (सूचित) करना होता है। मुशाहिदे के मुताबिक नुक़्स का जरीया तलाश किया जाता है। पानी का नमूना लेकर मसले की फौरी तहकीकात शुरू कर दी जाती है। अल-मस्जिद उल-हराम में जनरल ऐडमिनिस्ट्रेशन बराए रोक-थाम और सेहत की देख-भाल के डायरेक्टर ने इस बात की तसदीक की कि पानी पिलाने वालों की तादाद 100 से 150 तक है। 25 हजार कूलर हैं जो मस्जिद में मुख़्तलिफ मुकामात में तकसीम किए गए हैं। पानी पिलाने का सारा काम नजम-ओ-जबत के साथ होता है।
अल मस्जिद उल हराम में सेहत की देख-भाल और बीमारीयों से बचाव की आम इंतिजामीया के डायरेक्टर हुस्न अलस्वेहरी ने कहा है कि बैतुल्लाह शरीफ में जाइरीन और नमाजियों की तादाद में इजाफे़ के साथ-साथ जमजम के पानी की दस्तयाबी यकीनी बनाने और उसे महफूज करने के लिए फील्ड टीमों को तेज और मुतहर्रिक कर दिया गया है।
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रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
फरवरी 2023
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