गया, पटना : आईएनएस, इंडिया
दोस्ती सबसे खूबसूरत रिश्ता है। लोग दोस्त के लिए अपनी जानें लगा देते हैं। कहा जाता है कि सियासत में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता लेकिन गया के काउंसलर ने इस कौल को झूटा साबित कर दिया है। यही नहीं बल्कि उन्होंने हिंदू और मुस्लिम की दोस्ती की खूबसूरत मिसाल पेश की है। जहां सियासतदान हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सियासत करने से बाज नहीं आते, वहीं गया म्यूनसिंपल कारपोरेशन के वार्ड नंबर 26 से बिला मुकाबला काउंसलर मुंतखब होने वाले इबरार अहमद उर्फ भोला मियां ने अपने हिंदू दोस्त के लिए ओहदे से इस्तीफा दे दिया। डिप्टी मेयर इबरार अहमद ने अपने खास दोस्त मोहन श्रीवास्तव को अपने वार्ड से इलेक्शन लड़ाने के लिए इस्तीफा देकर एक मिसाल कायम की है। इस्तीफा देने के हवाले से इबरार अहमद का कहना था कि उनकी अहलिया तबस्सुम परवीन भी वार्ड 25 से बिला मुकाबला काउंसलर बन चुकी हैं। अहलिया को म्यूनसिंपल कारपोरेशन की बाइखतियार कायमा कमेटी का रुक्न बनाया गया है। अवाम ने हमें बिला मुकाबला मुंतखब किया लेकिन साबिक डिप्टी मेयर आंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव वार्ड नंबर 11 से काउंसलर के ओहदे का इंतिखाब हार गए। म्यूनसिंपल कारपोरेशन में उनके दाखिले के हवाले से हमने काउंसलर के ओहदे से इस्तीफा दे दिया है। हमने अपना इस्तीफा रियास्ती इलेक्शन कमीशन, जिÞला मजिस्ट्रेट के साथ दीगर काबिल हुक्काम को भेजा है। वाजेह हो कि मोहन श्रीवास्तव गया म्यूनसिंपल कारपोरेशन में डिप्टी मेयर थे। इस इलेक्शन में डिप्टी मेयर का ओहदा महफूज था, इसलिए वो इलेक्शन नहीं लड़ सके। उन्होंने वार्ड नंबर 11 काउंसर के ओहदे के लिए मुकाबला किया लेकिन वे इलेक्शन हार गए। पिछली मुद्दत में शहर में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव का काम काबिल-ए-सताइश था। उनके हारने से हर कोई गमजदा था। इस बार भी उन्होंने मेयर और डिप्टी मेयर को इंतिखाबात में कामयाब कराने में अहम किरदार अदा किया। हालांकि वार्ड काउंसलर इबरार अहमद ने इस्तीफा दे दिया, ताकि मोहन अवाम के लिए काम कर सकें। इबरार अहमद का ताल्लुक मोहन श्रीवास्तव के कैंप से है। इबरार अहमद की अहलिया वार्ड काउंसलर के तौर पर मुख़्तलिफ वार्ड से जीती हैं, जिन्हें खुसूसी कमेटी का रुक्न बनाया गया।
रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
फरवरी 2023
nai tahreek, naitahreek, tahreek, tahreeke nav
दोस्ती सबसे खूबसूरत रिश्ता है। लोग दोस्त के लिए अपनी जानें लगा देते हैं। कहा जाता है कि सियासत में कोई दोस्त या दुश्मन नहीं होता लेकिन गया के काउंसलर ने इस कौल को झूटा साबित कर दिया है। यही नहीं बल्कि उन्होंने हिंदू और मुस्लिम की दोस्ती की खूबसूरत मिसाल पेश की है। जहां सियासतदान हिंदू-मुस्लिम के नाम पर सियासत करने से बाज नहीं आते, वहीं गया म्यूनसिंपल कारपोरेशन के वार्ड नंबर 26 से बिला मुकाबला काउंसलर मुंतखब होने वाले इबरार अहमद उर्फ भोला मियां ने अपने हिंदू दोस्त के लिए ओहदे से इस्तीफा दे दिया। डिप्टी मेयर इबरार अहमद ने अपने खास दोस्त मोहन श्रीवास्तव को अपने वार्ड से इलेक्शन लड़ाने के लिए इस्तीफा देकर एक मिसाल कायम की है। इस्तीफा देने के हवाले से इबरार अहमद का कहना था कि उनकी अहलिया तबस्सुम परवीन भी वार्ड 25 से बिला मुकाबला काउंसलर बन चुकी हैं। अहलिया को म्यूनसिंपल कारपोरेशन की बाइखतियार कायमा कमेटी का रुक्न बनाया गया है। अवाम ने हमें बिला मुकाबला मुंतखब किया लेकिन साबिक डिप्टी मेयर आंकारनाथ उर्फ मोहन श्रीवास्तव वार्ड नंबर 11 से काउंसलर के ओहदे का इंतिखाब हार गए। म्यूनसिंपल कारपोरेशन में उनके दाखिले के हवाले से हमने काउंसलर के ओहदे से इस्तीफा दे दिया है। हमने अपना इस्तीफा रियास्ती इलेक्शन कमीशन, जिÞला मजिस्ट्रेट के साथ दीगर काबिल हुक्काम को भेजा है। वाजेह हो कि मोहन श्रीवास्तव गया म्यूनसिंपल कारपोरेशन में डिप्टी मेयर थे। इस इलेक्शन में डिप्टी मेयर का ओहदा महफूज था, इसलिए वो इलेक्शन नहीं लड़ सके। उन्होंने वार्ड नंबर 11 काउंसर के ओहदे के लिए मुकाबला किया लेकिन वे इलेक्शन हार गए। पिछली मुद्दत में शहर में डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव का काम काबिल-ए-सताइश था। उनके हारने से हर कोई गमजदा था। इस बार भी उन्होंने मेयर और डिप्टी मेयर को इंतिखाबात में कामयाब कराने में अहम किरदार अदा किया। हालांकि वार्ड काउंसलर इबरार अहमद ने इस्तीफा दे दिया, ताकि मोहन अवाम के लिए काम कर सकें। इबरार अहमद का ताल्लुक मोहन श्रीवास्तव के कैंप से है। इबरार अहमद की अहलिया वार्ड काउंसलर के तौर पर मुख़्तलिफ वार्ड से जीती हैं, जिन्हें खुसूसी कमेटी का रुक्न बनाया गया।
रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
फरवरी 2023
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