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मस्जिद उल हराम में हंगामी सर्विसेज के लिए 500 सिविल सिक्योरिटी अहलकार तैनात

रियाद : आईएनएस, इंडिया 
सदारत आम्मा बराए उमूर-ए-हरमैन शरीफैन के जेर-ए-इंतजाम सिक्योरिटी सर्विस की तरफ से 500 सिविल सिक्योरिटी अहलकार मस्जिद हराम और हरम मक्की में अमन-ओ-अमान कायम रखने और हंगामी मन्सूबों पर काम करने के लिए तयनात किए गए हैं। 
    ये पांच सिविल सिक्योरिटी अहलकार मस्जिद हराम में आने वाले लाखों जाइरीन और नमाजियों को फुलपूफ सिक्योरिटी मुहैय्या करने में मदद देते हैं। उमूर हरमैन शरीफैन की आफिशियल वेबसाइट पर शाइआ रिपोर्ट में कहा गया है कि मस्जिद हराम पर मामूर सिक्योरिटी अहलकार अमन-ओ-अमान के तंजीमी मन्सूबों की हिफाजत करते हैं, सिक्योरिटी को बरकरार रखने में दूसरे इदारों को मदद देते हैं और दूसरे सिक्योरिटी हुक्काम के साथ मिलकर गाड़ियों की पार्किंग का इंतिजाम करते हैं। ये अहलकार पेशावाराना महारत के हामिल हैं और मस्जिद हराम में सिक्योरिटी के उमूर (मामले) संभालने के लिए उन्हें खुसूसी तौर पर तर्बीयत (ट्रेनिंग) दी गई है। 
    रिपोर्ट में मजीद कहा गया है कि सिविल सिक्योरिटी रजाकार 15 अहम और हस्सास हेडक्वार्टरज और सहूलयात में डयूटी अंजाम देते है और मस्जिद उल-हराम और इसके जाइरीन की खिदमत करते हैं। इन इदारों में शाह अब्दुल अजीज काम्पलेक्स बराए गिलाफ काअबा, हरमैन शरीफैन के फने तामीर की नुमाइश-गाह, मक्का मुकर्रमा में मस्जिद हराम की लाइब्रेरी, बैकअप पावर स्टेशन, मस्जिद हराम के बैत-उल-खला को पानी फराहम करने वाले टैंकों, जमजम प्लांट और दूसरे इदारों की हिफाजत के लिए काम करते हैं जो मस्जिद हराम को सर्विसिज फराहम करने का हिस्सा हैं। सिक्योरिटी अहलकार मस्जिद उल-हराम के गिर्द चक्कर लगाते, हंगामी और हिफाजती प्लान पर अमल दरआमद यकीनी बनाते हैं। 
    बारिश के दौरान मस्जिद हराम तक आने वाले वाक वेज पर फिसलन से बचाव में जाइरीन की मदद करते हैं और पानी की निकासी को यकीनी बनाते हैं। मैन होल्जको साफ रखने में मदद देते हैं, ऊंची जगहों और बारिश में बालकोनियों और टावर के काम को रोकने की निगरानी करते हैं। सदारत आम्मा का मजीद कहना है कि सिविल सिक्येरिटी गार्डज के फील्ड प्लान्ज में मस्जिद हराम के दाखिली रास्तों और राहदारियों की तैयारी, एस्कलेटरज के जरीये मस्जिद उल-हराम में जाइरीन के दाखिले को मुनज्जम करना और नमाजियों को मस्जिद हराम की बालाई मंजिलों तक रसाई में मदद देना, नमाजियों की राहदारीयों में बैठने में गुरेज करने, आग बुझाने के निजाम को फआल रखने, इंतिबाही आलात को चालू रखने, पैदल चलने वालों के रास्तों की हिफाजत और बारिश और मौसम के उतार चढ़ाव की सूरत में हंगामी प्लान की तैयारी में मदद देना है।
21 रज्जबुल मुरज्जब 1444 हिजरी
13 फरवरी 2023
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