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मौलाना तारिक जमील |
पाकिस्तान के माअरूफ मुबल्लिग इस्लाम (प्रचारक) मौलाना तारिक जमील ने अपने एक बयान में स्वीडन वाकिया के पेश-ए-नजर शिद्दत-पसंद लीडर के जरीया (नऊजो बिल्लाह) कुरान-ए-पाक जलाए जाने पर अफसोस का इजहार करते हुए वाकिये की सख़्त लफ़्जों में मुजम्मत की है।
अपने बयान में उन्होंने कहा कि स्वीडन में कुरआन-ए-मजीद जलाए जाने का वाकिया इंतिहाई काबिल-ए-मुजम्मत है। इस वाकिया पर जमहूरीयत और सेक्यूलरिज्म अलंबरदारों का खामोश रहना अफसोसनाक है। उन्होंने मजीद कहा कि आजादी-ए-इजहार की आड़ में वकतन-फ-वकतन इस किस्म के गुस्ताखाना इकदामात किसी सूरत भी काबिल-ए-कबूल नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि जरूरी है कि तमाम मुस्लिम ममालिक यकजा होकर वाकिये को आलमी सतह पर उठाएं और इन जैसे वाकियात के सद्द-ए-बाब के लिए भरपूर इकदामात करें।
ख़्याल रहे कि स्वीडन में तुरकिया के खिलाफ एहतिजाज करते हुए एक शिद्दत-पसंद सियासी जमात के लीडर ने कुरान-ए-पाक जलाने का बद बख्ताना अमल अंजाम दिया है, इस वाकिया के पेश-ए-नजर तमाम मुस्लिम ममालिक ने वाकिया की मुजम्मत करते हुए सख़्त नोटिस लिया है।
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