रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब की वजारत-ए-खारजा ने हॉलैंड में एक इंतिहापसंद की जानिब से हॉलैंड के शहर दी हेग में कुरआन-ए-करीम के मुकद्दस नुस्खे की बे-हुरमती की है, जिसकी सऊदी अरब ने शदीद मुजम्मत की है।
इंतिहापसंद शहरी की जानिब से मुकद्दस नुस्खा को फाड़ने की नापाक जसारत की गई थी। सऊदी अरब ने शदीद मुजम्मत करते हुए कहा कि ये इकदाम दुनिया-भर में लाखों मुस्लमानों के जजबात को मजरूह करने वाला है। सऊदी वजारत-ए-खारजा ने कहा जरूरत इस बात की है कि बातचीत, रवादारी और बकाए बाहमी की इकदार को फैलाया जाए। नफरत और इंतिहापसंदी की वजूहात को रद्द किया जाए।
कुरआन की बे-हुरमती दहशत गरदाना रुख : शहजादा तुर्की अल-फैसल
रियाद : किंग फैसल बोर्ड आफ रिसर्च एंड इस्लामिक स्टडीज के चेयरमैन और यूनीवर्सिटी के बोर्ड आफ ट्रस्टी के वाइस चेयरमैन शहजादा तुर्की अल फैसल ने कहा कि नोबल कुरआन को जलाने की हिदायत दहशतगर्दाना अमल।
उन्होंने मंगल को अल अखबारीह चैनल से गुफ़्तगु करते हुए कहा कि ये रुजहान इस बात का सबूत है कि इन मुल्कों में एक ऐसी मुहिम चल रही है, जिसे वहां के सरकारी इदारों की तरफ से कबूलीयत और मदद मिलती है। उन्होंने अल फैसल के 15 साल मुकम्मल होने की तकरीब के दौरान एक लैक्चर के दौरान मजीद कहा कि मशहूर सिफारतकारी दुनिया के लोगों पर मजबूत असरात की नरम ताकत की नुमाइंदगी करती है। ये लोगों के साथ भी मुवासलात का एक जदीद आला (आधुनिक उपकरण) है। खासतौर पर इस सूरत में जब कोई शहरी अपने मुल्क की हकीकत पसंदाना तस्वीर दुनिया के सामने रखने की सलाहीयत रखता हो तो इस सिफारतकारी का असर बढ़ जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सऊदी शहरी को अपने आप पर, अपनी सलाहीयतों और सकाफ़्ती और तहजीबी विरसे पर भरोसा करना चाहीए। हमें फखर है कि हमारे पास जो कुछ मौजूद है, इससे दूसरों को आगाह करें। हमारे पास दूसरी दुनिया के साथ बातचीत करने के आलात मौजूद हैं। हमें उनसे फायदा उठाना चाहिए।
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