मित्रता दिवस पर आचार्य श्री ने किया संबोधित
मित्र होने के लाभ गिनाए
दुर्ग। आनंद समवशरण में रविवार को श्रमण संघ के युवाचार्य श्री महेंद्र ऋषि जी का प्रवचन मित्रता दिवस पर केंद्रित था। जय आनंद मधुकर रतन भवन की धर्मसभा को संबोधित करते हुए युवाचार्य ने कहा, किसी के चेहरे पर मुस्कुराहट और प्रेम लाना ही बड़ा कार्य है। जब मनुष्य खुद को और सहज, असहाय, मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करता है, तो एक मित्र ही उसे संबल देता है। उन्होंने आगे कहा, जहां प्रेम और विश्वास लबालब भरा होता है, वहां मैत्री बहुत लंबे समय तक टिकती है। पुराने समय में आपस में मिलने वाली खुशी को आज के तंत्र ने मनुष्य को आपस में एक-दूसरे से दूर कर दिया है। जो प्रेम, सौहाद्र और भाईचारा पूर्व में देखने को मिलता था, अब उसकी कमी सी हो गई है। कृष्णा और सुदामा की मित्रता, मानवता की एक मिसाल है। मित्रता आज एक ऐसी ताकत है, जहां सामने वाले के गीतकार हित का ध्यान रखा जाता है, जहां विश्वास है, वही मित्रता है। मित्र, सूर्य की तरह प्रकाश देने वाला होना चाहिए।
मित्र तीन प्रकार के होते हैं
युवाचार्य श्री ने आगे कहा, मित्र तीन प्रकार के होते हैं, थाली मित्र, प्याली मित्र और कल्याण मित्र। थाली मित्र हमेशा आपकी हां में हां मिलाकर आपके साथ रहता है, उसकी मित्रता सिर्फ खिलाने पिलाने तक ही रहती है। एक मित्र, प्याली मित्र होता है जो आपको व्यसन की ओर जाने के लिए प्रेरित करता है। मांस, मदिरा और शराब की लत की ओर ढकेलता है। कल्याण मित्र हमेशा जीवन में ढाल की तरह हमारे आगे खड़ा रहता है। हर सुख, दुख में आपका हितैषी बनकर, मार्गदर्शन बनकर आपका सहयोग करता है और आपको सद्गति की ओर ले जाने का कार्य करता है
लेखा संचेती ने मास क्षमण की तपस्या पूर्ण की
पूणार्हुति पर परिवार के सदस्यों ने तपस्या की भेंट चढ़ाई
श्रमण संघ के आधार स्तंभ पारसमल संचेती परिवार की पौत्रवधू लेखा संचेती ने आज महाश्रमण का अंतिम संकल्प युवाचार्य भगवंत श्री महेंद्र ऋषि के मुखारविंद से ग्रहण किया। इस मौके पर उनके परिवार के सदस्यों ने उनका अभिनंदन करने के लिए तपस्या की भेंट चढ़ाई। लेखा के पति अरिहंत संचेती 9 उपवास, ससुर राजेंद्र संचेती, सास संध्या संचेती, जेठ अंकित संचेती, बहन निकिता सिंघवी, दामाद सिद्धांत सिंघवी, मासी हर्षा जैन, वर्षा कवाड़ व मामा आशीष ललवानी ने 11-11 उपवास, मामा ससुर प्रकाश चंद दुग्गड ने 1 वर्ष तक एकांतर 182 उपवास करने का युवाचार्य भगवंत के सानिध्य में संकल्प लिया। इस तरह परिवार के सदस्यों ने 290 उपवास करने का संकल्प लिया जिसकी जैन समाज में बड़ी प्रशंसा हो रही है।
महाश्रमण तपस्या की कतार में सात तपस्वी
आने वाले दिनों में मास खमण की कतार में 7 तपस्वी अग्रसर हैं जिनमें वर्धमान युक्ति छतीसाबोहरा, बोहरा रचिता, श्रीश्रीमाल, नंदा देवी पारख, हर्ष देशलहरा, विक्रम और स्वीटी पारख। इन सभी के सम्मान में सोमवार को रात रात्रि 8:30 बजे दिलीप प्रशांत छत्तीसाबोहरा परिवार द्वारा आनंद समवशरण बांधा तालाब में राहुल झाबक रायपुर की भक्ति संध्या का आयोजन किया गया है।