रबि उल अल 1446 हिजरी
फरमाने रसूल ﷺ
कोई इंसान अच्छे अमल करता है और लोग उसकी तारीफ करते है तो ये गोया मोमिन के लिए दुनिया में ही जन्नत की बशारत है।
- सहीह मुस्लिम
✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
सऊदी अरब और इंडिया के दरमियान इक़तिसादी (आर्थिक) ताल्लुक़ात में मुसलसल इज़ाफ़ा हो रहा है। गौरतलब है कि इंडिया, सऊदी अरब का दूसरा सबसे बड़ा तिजारती शराकतदार है। ममलकत, इंडिया के सबसे बड़े तिजारती शराकत दारों में चौथे नंबर पर है।
इक़तिसादी तआवुन में ये काबिल-ए-ज़िक्र इज़ाफ़ा दोनों ममालिक के दरमयान मज़बूत और तारीख़ी ताल्लुक़ात की निशानदेही करता है। सरकारी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ फरवरी 2019 में इंडिया के सरकारी दौरे के दौरान वली अहद शहज़ादा मुहम्मद बिन सलमान ने ममलकत और इंडिया के दरमयान तारीख़ी ताल्लुक़ात पर ज़ोर दिया था। इस दौरे ने दोनों ममालिक के दरमयान स्ट्रेटजिक शराकतदारी के एक नए दौर का आग़ाज़ किया जिसके नतीजे में सऊदी, इंडिया स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप काउंसिल का क़ियाम अमल में आया। उन मज़बूत ताल्लुक़ात के फ्रेमवर्क में 'सऊदी एक्सपोर्ट अथार्टी' (सऊदी बरामदात ने इंडियन मार्केट में सऊदी मसनूआत और ख़िदमात की मौजूदगी को बढ़ाने के लिए मूसिर (प्रभावशाली) इक़दामात किए। उन पहलुओं पर तवज्जा दी गई, जो इक़तिसादी तआवुन को मज़बूत बनाने और ग़ैर तेल बरामदात को फ़रोग़ देने में किरदार अदा करते हैं।
सऊदी एक्सपोर्ट्स ने 28 से 30 अगस्त के दरमयान मुंबई में होने वाली 'अनूगा इंडिया 2024 नुमाइश में 'मेड इन सऊदी शनाख़्त के तहत हिस्सा लिया। पवेलीयन में फ़ूड प्रॉडक्ट्स के शोबे की 25 मारूफ़ क़ौमी कंपनियां शामिल हैं। ये सऊदी विज़न 2030 के मुताबिक़ सऊदी मसनूआत की बरामदात के दायरे और आलमी मंडियों में उनकी मौजूदगी को बढ़ाने के लिए सऊदी बरामदात के अज़म की अक्कासी करता है।
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