जीकाअदा-1445 हिजरी
हदीस-ए-नबवी ﷺ
बाप की खुशनूदी में अल्लाह की रजा और बाप की नाराजगी में अल्लाह का गजब है।
- मिश्कवात शरीफ
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✅ रियाद : आईएनएस, इंडिया
मक्का-मुकर्रमा पुलिस ने फ़र्ज़ी हज कंपनी चलाने वाले एक ग़ैरमुल्की को गिरफ़्तार किया है। सबक़ वेबसाइट के मुताबिक़ पुलिस ने कहा है कि गिरफ़्तार शख़्स मिस्री तारिके वतन (अप्रवासी) है। पुलिस ने बताया है कि मज़कूरा शख़्स विजिट वीज़े पर सऊदी अरब में मुक़ीम है। वह सोशल मीडीया पर तशहीरी (प्रचार) मुहिम चलाकर लोगों को धोका देने की कोशिश कर रहा था।
उसका दावा है कि वो हज कंपनी चलाता है और मक्का मुकर्रमा के अलावा मुशाविर मुक़द्दसा में उसके पास आज़मीन-ए-हज्ज के लिए रिहायश मौजूद है। पुलिस ने कहा है कि 'तफ़तीश के दौरान उसने एतराफ़ किया है कि वो लोगों को महिज़ धोका देने के लिए ये दावे कर रहा था। पुलिस ने हज की ख़ाहिश रखने वालों को हिदायत की है कि हज करने का सही तरीक़ा वज़ारत हज की वेबसाइट है, जहां इंदिराज कराने के बाद पैकेज ख़रीदा जा सकता है।
सबक़ न्यूज़ के मुताबिक़ 'हज इबादत और मुहज़्ज़ब तर्ज़-ए-अमल के उनवान से मुहिम और प्रैस कान्फ़्रैंस ब उनवान 'परमिट के बग़ैर हज नहीं, से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि मुहिम शुरू करने का मक़सद गै़रक़ानूनी तौर पर हज का इरादा करने वालों को माज़ी के हवाले से भी ख़बरदार करना है। उन्होंने कहा कि माज़ी में परमिट के बग़ैर जाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी चारा-जुई के बेहतरीन नताइज बरामद हुए हैं। गै़रक़ानूनी आज़मीन को रोकने का मक़सद क़ानूनी तौर पर हज करने वालों को मुम्किना सहूलतों की फ़राहमी को यक़ीनी बनाना है ताकि वो आराम-ओ-सुकून से फ़रीज़ा हज अदा कर सकें।
सवालात का जवाब देते हुए उन्होंने वाजेह किया कि परमिट के बग़ैर हज नहीं होगा। इदारा अमन आम्मा के डायरेक्टर जनरल ब्रीगेडीयर मुहम्मद अलबसामी ने बताया कि हज टास्क फ़ोर्स के अहलकारों के इज़ाफ़ी यूनिट्स मुख़्तलिफ़ चैक पोस्टों पर तायिनात हैं जो क़वानीन पर सख़्ती से अमल दरआमद को यक़ीनी बना रहे हैं। उन्होंने मज़ीद कहा कि वज़ारत हज व उमरा के तआवुन से मक्का मुकर्रमा में आज़मीन की रिहायशी इमारतों का सर्वे किया जा रहा है ताकि वहां मौजूद गै़रक़ानूनी अफ़राद को निकाला जा सके जो गै़रक़ानूनी तौर पर हज के इरादे से बैठे होते हैं।
इदारे की जानिब से मिनारा उल-हरमीन पोर्टल के ज़रीये नमाज़-ए-जुमा का ख़ुतबा और मस्जिद उल-हराम में होने वाले दर्स के मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा करने की सहूलत भी फ़राहम की गई है ताकि ज़ाइरीन ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में इससे मुस्तफ़ीज़ हो सकें।
दूसरी जानिब मस्जिद नबवी 000 में दीनी उमूर के नायब सरबराह शेख़ डाक्टर मुहम्मद अलख़ज़ीरी ने बताया कि इदारे की जानिब से मुनज़्ज़म हिक्मत-ए-अमली के तहत जदीद टैक्नोलोजी के ज़रीये ज़ाइरीन मस्जिद नबवी 000 की सहूलत के लिए मुख़्तलिफ़ प्रोग्रामों पर अमल जारी है। हमारा मक़सद हरमैन शरीफ़ैन से बुलंद होने वाले एतिदाल व मसावात के पैग़ाम को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाना है। किताब हासिल करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन कर डाउनलोड किया जा सकता है।
पाकिस्तानी आज़मीन नौ मई से मदीना मुनव्वरा पहुंच रहे हैं, जब मुल्क ने क़ब्ल अज़ हज फ्लाइट ऑप्रेशन शुरू किया था। वज़ारत-ए-मज़हबी उमूर ने बताया कि कम अज़ कम 22,696 पाकिस्तानी आज़मीन 93 परवाज़ों के ज़रीये मदीना मुनव्वरा पहुंचे हैं। वज़ीर बराए मज़हबी उमूर-ओ-बैन मज़ाहिब हम-आहंगी चौधरी सालिक हुसैन गुजिशता हफ़्ते मक्का मुकर्रमा पहुंचे थे जहां उन्होंने हज से क़बल पाकिस्तानी आज़मीन के लिए हुकूमत की जानिब से किए गए इंतिज़ामात का जायज़ा लिया।
सरकारी रेडीयो पाकिस्तान ने कहा, वज़ीर बराए मज़हबी उमूर-ओ-बैन उल मज़ाहिब हम-आहंगी चौधरी सालिक हुसैन ने आज़मीन-ए-हज्ज से इस्तिदा की है कि वो सऊदी अरब की मुक़द्दस सरज़मीन पर क़ियाम के दौरान मुल्क के लिए नेक-नामी कमाएं। मक्का मुकर्रमा में एक प्रैस कान्फ़्रैंस में सहाफ़ीयों से बात करते हुए हुसैन ने कहा कि वो मक्का में पाकिस्तान हज मिशन की तरफ़ से किए गए इंतिज़ामात से मुतमइन हैं।
उन्होंने मुक़द्दस शहर में पाकिस्तान के क़ायम करदा ज़ाइरीन के लिए एक हस्पताल का भी दौरा किया। रेडीयो पाकिस्तान ने बताया कि उन्होंने कहा कि वो मुख़्तलिफ़ सहूलयात का दौरा करने के बाद ऑपरेशनल तैयारियों पर बहुत ख़ुश हैं जिनमें पाकिस्तान हज मेडीकल मिशन, रिहायशी इमारात, खाने का इंतिज़ाम करने वाली कंपनियों की किचन में तीन वक़्त खाने की फ़राहमी और नक़ल-ओ-हमल के इंतिज़ामात शामिल हैं।
पाकिस्तान के जुनूबी बंदरगाही शहर कराची के ज़ाइरीन पहली बार मक्का रूट इक़दाम की सहूलत से फ़ायदा उठा रहे हैं। 2019 में शुरू किए गए ये इक़दाम से हुज्जाज के रवानगी के मुल्क में ही इमीग्रेशन का अमल मुकम्मल करना मुम्किन हो जाता है। इससे सऊदी अरब पहुंचने पर तवील इमीग्रेशन और कस्टम का मुआइना नजरअंदाज़ किया जा सकता है। इस सहूलत से इंतिज़ार का वक़्त ख़ातिर-ख़्वाह तौर पर कम और दाख़िले का अमल हमवार और तेज़-तर हो जाता है।
उसका दावा है कि वो हज कंपनी चलाता है और मक्का मुकर्रमा के अलावा मुशाविर मुक़द्दसा में उसके पास आज़मीन-ए-हज्ज के लिए रिहायश मौजूद है। पुलिस ने कहा है कि 'तफ़तीश के दौरान उसने एतराफ़ किया है कि वो लोगों को महिज़ धोका देने के लिए ये दावे कर रहा था। पुलिस ने हज की ख़ाहिश रखने वालों को हिदायत की है कि हज करने का सही तरीक़ा वज़ारत हज की वेबसाइट है, जहां इंदिराज कराने के बाद पैकेज ख़रीदा जा सकता है।
परमिट के बग़ैर हज नहीं, ख़िलाफ़वरज़ी पर होगी सख़्ती
रियाद : मक्का रीजन के नायब गवर्नर और मर्कज़ी हज कमेटी के नायब सरबराह शहज़ादा सऊद बिन मशाल बिन अबदुल अज़ीज़ ने कहा है कि हज के लिए परमिट का होना बुनियादी शराइत में शामिल है। क़वानीन की ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों से सख़्ती से निमटा जाएगा।सबक़ न्यूज़ के मुताबिक़ 'हज इबादत और मुहज़्ज़ब तर्ज़-ए-अमल के उनवान से मुहिम और प्रैस कान्फ़्रैंस ब उनवान 'परमिट के बग़ैर हज नहीं, से ख़िताब करते हुए उन्होंने कहा कि मुहिम शुरू करने का मक़सद गै़रक़ानूनी तौर पर हज का इरादा करने वालों को माज़ी के हवाले से भी ख़बरदार करना है। उन्होंने कहा कि माज़ी में परमिट के बग़ैर जाने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी चारा-जुई के बेहतरीन नताइज बरामद हुए हैं। गै़रक़ानूनी आज़मीन को रोकने का मक़सद क़ानूनी तौर पर हज करने वालों को मुम्किना सहूलतों की फ़राहमी को यक़ीनी बनाना है ताकि वो आराम-ओ-सुकून से फ़रीज़ा हज अदा कर सकें।
सवालात का जवाब देते हुए उन्होंने वाजेह किया कि परमिट के बग़ैर हज नहीं होगा। इदारा अमन आम्मा के डायरेक्टर जनरल ब्रीगेडीयर मुहम्मद अलबसामी ने बताया कि हज टास्क फ़ोर्स के अहलकारों के इज़ाफ़ी यूनिट्स मुख़्तलिफ़ चैक पोस्टों पर तायिनात हैं जो क़वानीन पर सख़्ती से अमल दरआमद को यक़ीनी बना रहे हैं। उन्होंने मज़ीद कहा कि वज़ारत हज व उमरा के तआवुन से मक्का मुकर्रमा में आज़मीन की रिहायशी इमारतों का सर्वे किया जा रहा है ताकि वहां मौजूद गै़रक़ानूनी अफ़राद को निकाला जा सके जो गै़रक़ानूनी तौर पर हज के इरादे से बैठे होते हैं।
इदारा उमूर-ए-हरमैन ने आज़मीन-ए-हज्ज के लिए डिजीटल किताब की सहूलत दी
इदारा उमूर हरमैन के शोबे दीनी उमूर की जानिब से मुख़्तलिफ़ ममालिक से आने वाले आज़मीन-ए-हज्ज में दीनी मालूमात पर मबनी लिटरेचर तक़सीम किया जा रहा है। सऊदी न्यूज एजेंसी एसपीए के मुताबिक़ दीनी उमूर के नायब सरबराह बदर ऑल शेख़ का कहना है कि इदारे की जानिब से आज़मीन-ए-हज्ज की रहनुमाई के लिए जामा इंतिज़ामात किए गए हैं।इदारे की जानिब से मिनारा उल-हरमीन पोर्टल के ज़रीये नमाज़-ए-जुमा का ख़ुतबा और मस्जिद उल-हराम में होने वाले दर्स के मुख़्तलिफ़ ज़बानों में तर्जुमा करने की सहूलत भी फ़राहम की गई है ताकि ज़ाइरीन ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में इससे मुस्तफ़ीज़ हो सकें।
दूसरी जानिब मस्जिद नबवी 000 में दीनी उमूर के नायब सरबराह शेख़ डाक्टर मुहम्मद अलख़ज़ीरी ने बताया कि इदारे की जानिब से मुनज़्ज़म हिक्मत-ए-अमली के तहत जदीद टैक्नोलोजी के ज़रीये ज़ाइरीन मस्जिद नबवी 000 की सहूलत के लिए मुख़्तलिफ़ प्रोग्रामों पर अमल जारी है। हमारा मक़सद हरमैन शरीफ़ैन से बुलंद होने वाले एतिदाल व मसावात के पैग़ाम को दुनिया के कोने-कोने में पहुंचाना है। किताब हासिल करने के लिए क्यूआर कोड को स्कैन कर डाउनलोड किया जा सकता है।
हज के दौरान मुल्क के मुसबत ताअस्सुर को फ़रोग़ दें : वज़ीर मज़हबी उमूर
इस्लामाबाद : सरकारी मीडीया ने रिपोर्ट किया कि पाकिस्तान के वज़ीर-ए-मज़हबी उमूर ने पीर के रोज़ हुज्जाज किराम पर ज़ोर दिया कि वो हज 2024 के दौरान मुल्क के मुसबत (पाजीटिव) ताअस्सुर को फ़रोग़ दें। जैसा कि जुनूबी एशियाई मुल्क से हज़ारों अफ़राद सऊदी अरब के मुक़द्दस शहरों में फ़रीजा हज की अदायगी के लिए पहुंच रहे हैं।पाकिस्तानी आज़मीन नौ मई से मदीना मुनव्वरा पहुंच रहे हैं, जब मुल्क ने क़ब्ल अज़ हज फ्लाइट ऑप्रेशन शुरू किया था। वज़ारत-ए-मज़हबी उमूर ने बताया कि कम अज़ कम 22,696 पाकिस्तानी आज़मीन 93 परवाज़ों के ज़रीये मदीना मुनव्वरा पहुंचे हैं। वज़ीर बराए मज़हबी उमूर-ओ-बैन मज़ाहिब हम-आहंगी चौधरी सालिक हुसैन गुजिशता हफ़्ते मक्का मुकर्रमा पहुंचे थे जहां उन्होंने हज से क़बल पाकिस्तानी आज़मीन के लिए हुकूमत की जानिब से किए गए इंतिज़ामात का जायज़ा लिया।
सरकारी रेडीयो पाकिस्तान ने कहा, वज़ीर बराए मज़हबी उमूर-ओ-बैन उल मज़ाहिब हम-आहंगी चौधरी सालिक हुसैन ने आज़मीन-ए-हज्ज से इस्तिदा की है कि वो सऊदी अरब की मुक़द्दस सरज़मीन पर क़ियाम के दौरान मुल्क के लिए नेक-नामी कमाएं। मक्का मुकर्रमा में एक प्रैस कान्फ़्रैंस में सहाफ़ीयों से बात करते हुए हुसैन ने कहा कि वो मक्का में पाकिस्तान हज मिशन की तरफ़ से किए गए इंतिज़ामात से मुतमइन हैं।
उन्होंने मुक़द्दस शहर में पाकिस्तान के क़ायम करदा ज़ाइरीन के लिए एक हस्पताल का भी दौरा किया। रेडीयो पाकिस्तान ने बताया कि उन्होंने कहा कि वो मुख़्तलिफ़ सहूलयात का दौरा करने के बाद ऑपरेशनल तैयारियों पर बहुत ख़ुश हैं जिनमें पाकिस्तान हज मेडीकल मिशन, रिहायशी इमारात, खाने का इंतिज़ाम करने वाली कंपनियों की किचन में तीन वक़्त खाने की फ़राहमी और नक़ल-ओ-हमल के इंतिज़ामात शामिल हैं।
पाकिस्तान के जुनूबी बंदरगाही शहर कराची के ज़ाइरीन पहली बार मक्का रूट इक़दाम की सहूलत से फ़ायदा उठा रहे हैं। 2019 में शुरू किए गए ये इक़दाम से हुज्जाज के रवानगी के मुल्क में ही इमीग्रेशन का अमल मुकम्मल करना मुम्किन हो जाता है। इससे सऊदी अरब पहुंचने पर तवील इमीग्रेशन और कस्टम का मुआइना नजरअंदाज़ किया जा सकता है। इस सहूलत से इंतिज़ार का वक़्त ख़ातिर-ख़्वाह तौर पर कम और दाख़िले का अमल हमवार और तेज़-तर हो जाता है।
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