एक जनवरी को 8 अरब से बढ़ गई दुनिया की आबादी

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एक जनवरी को 8 अरब से बढ़ गई दुनिया की आबादी

न्यूयार्क : आईएनएस, इंडिया

अमरीका के मर्दुम-शुमारी (जन गणना) के इदारे ने कहा है कि नए साल के साथ ही दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर गई है। मर्दुम-शुमारी के अमरीकी ब्यूरो के आदाद-ओ-शुमार (आंकड़ों) में बताया गया है कि गुज़रने वाले साल के दौरान दुनिया की कुल आबादी में साढे़ सात करोड़ का इज़ाफ़ा हुआ था। और अब, जबकि इन्सान नए साल में क़दम रखेगा तो दुनिया की आबादी आठ अरब से ज़्यादा हो जाएगी। गुज़रने वाले साल में दुनिया की आबादी में इज़ाफे़ की मजमूई शरह (सामुहिक दर) एक फ़ीसद से कुछ ही कम थी। 
    आबादियात के माहिरीन का अंदाज़ा है कि सन 2024 में दुनिया-भर में हर एक सेकेंड में चार इशारीया (दशमलव) तीन बच्चे पैदा होंगे, जबकि दो मौत होंगी। इस तरह हर एक सेकंड में आबादी में दो इशारीया तीन नई ज़िंदगीयों का इज़ाफ़ा होगा। इस साल अमरीका में आबादी में इज़ाफे़ की शरह आधा फ़ीसद से ज़्यादा यानी इशारीया 53 फ़ीसद रही। इसी तरह दुनिया में आबादी बढ़ने की शरह में भी कमी आई और ये इशारीया 88 फ़ीसद है, जबकि एक साल पहले ये रफ़्तार सिफ़र इशारीया 98 फ़ीसद थी। दुनिया के तरक़्क़ी याफताह मुल्कों में आबादी में इज़ाफे़ की रफ़्तार मुसलसल गिर रही है, जबकि पसमांदा और तरक़्क़ी पज़ीर मुल्कों में ये शरह अब भी काफ़ी बुलंद है। मिसाल के तौर पर 2023 की मर्दुम-शुमारी के मुताबिक़ पाकिस्तान में आबादी में इज़ाफे़ की शरह ढाई फ़ीसद से भी ज़्यादा है। साल 2023 के दौरान अमरीका की आबादी में 17 लाख अफ़राद का इज़ाफ़ा हुआ और मर्दुम-शुमारी के महिकमे का कहना है कि नए साल के मौक़ा पर अमरीका की आबादी 33 करोड़ 58 लाख होगी। थिंक टैंक ब्रोकिंगज़ इंस्टीटियूशन के एक माहिर विलियम फेरी कहते हैं, अगर अमरीका में आबादी में इज़ाफे़ का मौजूदा रुजहान रहा तो 2020 से 2030 के दौरान आबादी में मजमूई तौर पर चार फ़ीसद से कम इज़ाफ़ा होगा। उनका कहना है कि 2024 में अमरीका में हर 9 सेकंड में एक बच्चा पैदा होगा और हर साढे़ 9 सेकंड में एक मौत हो सकती है। 

जुनूबी कोरिया : बच्चे पैदा करने पर मिलेगा हज़ारों डालर इनाम 

सियोल : उधर सबसे कम शरह पैदाइश (जन्म दर) वाले मुल्क जुनूबी (दक्षिण) कोरिया की आबादी कम होती जा रही है। नतीजतन वहां मुलाज़मीन को बच्चे पैदा करने पर फी बच्चा 75 हज़ार डालर से ज़्यादा बतौर इनाम देने का ऐलान किया गया है। सियोल की एक कंपनी ने बयान जारी किया है जिसमें कंपनी ने मुल्क की शरह पैदाईश बढ़ाने के लिए अपने मुलाजमीन को बच्चा पैदा करने पर हर बार 75 हजार डालर इनाम देने की बात कही हे। कंपनी का कहना है कि अगर कोरिया की शरह पैदाइश (जन्म दर) यही रही तो मुल्क को बीस सालों में अपने वजूद के ख़त्म हो जाने के बोहरान (संकट) का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने गुजिश्ता रोज मुनाक़िद एक तक़रीब के दौरान कहा कि तीन बच्चों वाले मुलाज़मीन को दो लाख पच्चीस हज़ार डालर नक़द या मकान दिया जाएगा।

आबादी : 131 मुल्कों को पीछे छोड़ गया इस्तांबूल

    तुरकिया के सबसे गंजान आबाद शहर इस्तांबूल जिसकी आबादी पहले से कम होते हुए 15 मिलियन 655 हज़ार 924 अफ़राद तक पहुंच गई है, के बावजूद अब भी आबादी के लेहाज से यह 131 मुल्कों से आगे है। 
    अक़वाम-ए-मुत्तहिदा (संयुक्त राष्ट्र) के पालुलेशन फ़ंड (यूएनएफपीए) के 2023 के आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़, इस्तांबूल की आबादी में 2023 में गुजिश्ता साल के मुक़ाबले में 252 हज़ार 72 अफ़राद की कमी हुई, जो कम हो कर 15 मिलियन 655 हज़ार 924 हो गई है। इस्तांबूल, जो कि यूरोप का सबसे ज़्यादा आबादी वाला शहर भी है, गुजिश्ता साल आबादी में कमी के बावजूद 131 मुल्कों से आगे हैं। ज्यादा आबादी वाले मुल्क पुर्तगाल, हंगरी और तेउंस भी बिलतर्तीब 10.2 मिलियन, 12.5 मिलियन और तेउंस 11.7 मिलियन की आबादी के साथ इंस्तांबूल से पीछे हैं। इसके अलावा बेल्जियम, अरदन, यूनान और अज़रबैजान भी आबादी के लिहाज़ से इस्तांबूल से काफी
पीछे हैं। 

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